रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पश्चिमी देशों पर अपने देश के खिलाफ़ दशकों से आक्रामक व्यवहार रखने का आरोप लगाया है।
पुतिन ने पश्चिमी देशों को चुनौती देते हुए गुरुवार को कहा कि यदि वे रूस को हराने की मंशा रखते हैं तो युद्ध के मैदान में उनका स्वागत है। पुतिन ने साथ ही कहा कि पर ऐसा करना यूक्रेन के लिए त्रासदी लेकर आएगा।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, व्लादिमीर पुतिन का ताज़ा बयान शुक्रवार को इंडोनेशिया में होने वाली जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक से ठीक पहले आया है। इस बैठक में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव जी-20 के अपने समकक्षों से बंद कमरे में बातचीत करने वाले हैं।
फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार रूस के इतने बड़े कूटनीतिक ने कभी पश्चिमी देशों के कूटनीतिकों से मुलाक़ात नहीं की है।
रूसी संसद के नेताओं को दिए और टीवी पर प्रसारित हुए अपने संबोधन में व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ”हमने कई बार सुना कि पश्चिमी देश यूक्रेन के अंतिम व्यक्ति के बचने तक हमसे लड़ाई लड़ेंगे। यह यूक्रेन के लोगों के लिए त्रासदी है, लेकिन ऐसा लगता है कि हालात उसी दिशा की ओर जा रहे हैं।”
फरवरी में यूक्रेन पर हमला होने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इससे रूस को भले परेशानी हुई हो, लेकिन उसके क़दम रोक पाने में पश्चिमी देश नाकाम रहे हैं। पुतिन ने गुरुवार को कहा ‘वैसा नहीं हुआ जैसा कि पश्चिमी देश चाहते थे। ’ हालांकि यूक्रेन के मुख्य मध्यस्थ मिखाइल पोदाल्याक ने व्लादिमीर पुतिन के बयानों को खारिज़ किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की ऐसी कोई ‘सामूहिक योजना’ नहीं है। इस बीच यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में लड़ाई जारी है। वहीं प्रशासन का कहना है कि खारकीएव में हमले में तीन लोग मारे गए हैं।