पुलिस ने जुआ पकड़ा कुछ, पर बताया कुछ

पुलिस ने जुआ पकड़ा कुछ, पर बताया कुछ
December 01 01:25 2021

फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 22-23 की मध्य रात्रि में थाना सारन  के इलाके में स्थित न्यू जनता कॉलोनी के मकान नम्बर 1220 की दूसरी मंजिल पर चल रहे जुए पर सेक्टर 17 की क्राइम ब्रांच ने छापा मार कर 23 लोगों को हिरासत में ले लिया। उनसे 1 लाख 29 हजार रपये नकद बरामद हुए, लेकिन पुलिस ने बरामदगी दिखाई केवल 96 हजार 800 रुपये की। इसके अलावा करीब 56 लाख के टोकन बरामद हुए, लेकिन पुलिस ने केवल 13 लाख 55 हजार रुपये के टोकनों की बरामदगी दिखाई।

नकदी की असल व दिखाई जाने वाली बरामदगी में तो कोई खास अंतर नहीं है लेकिन टोकनों की बरामदगी में बड़ा झोल नज़र आ रहा है। यह झोल कोई मुफ्त में तो बनाया नहीं गया, इसके लिये बाकायदा सौदेबाज़ी 30 लाख से शुरू होकर 12 लाख पर आकर टिकी। यानी कि पुलिसवालों ने इस झोल के बदले मांगे तो 30 लाख थे लेकिन मोल-भाव के बाद 12 लाख में सौदा पट गया था।

विदित है कि चतुर जुआरी खेल के समय नकदी लगाने की बजाय प्लास्टिक के टोकन इस्तेमाल करते हैं। इन टोकनों के बदले पैसा पहले ही जमा करा कर कहीं सुरक्षित रखवा दिया जाता है जो मौके पर बरामद नहीं होता। यहां पुलिस का यह हथकंडा होता है कि टोकनों की असल रकम बरामद करने के नाम पर इन जुआरियों को खूब मार-पीट व प्रताडि़त करके इतना डरा दिया जाता है कि वे सौदा करने को मजबूर हो जाते हैं। इस तरह के मामलों में पुलिस के पास बहुत अधिक समय नहीं होता कि वह इतने लोगों को जुए जैसे मामूली अपराध में लम्बे समय तक अपने हिरासत में रख सके अथवा कोर्ट से रिमांड हासिल कर सके। इसलिये पुलिस तुर्त-फुर्त लेन-देन का सौदा तय कर लेती है।

सौदा लगभग तय हो चुका था और 23 में से 5 लोगों को छोड़ कर शेष 18 के विरुद्ध मामला दर्ज करके नियमानुसार जमानत पर छोड़ दिया। इसी प्रक्रिया के दौरान सागर चौहान नामक एक व्यक्ति मौके पर आ पहुंचा। उसने अपना परिचय बतौर इन्स्पेक्टर नरेन्द्र चौहान के चचेरे भाई के रूप में दिया। सागर पकड़े गये लोगों में से एक बेगुनाह की पैरवी करने पहुंचा था। लेकिन पुलिसवालों ने उसकी बात सुनने की अपेक्षा उसके साथ काफी मार-पीट कर दी। इसके बदले सागर ने बाहर आकर दिन में उन तमाम जुआरियों को पुलिसिया कानून की पोल-पट्टी खोल कर समझा दिया कि 12 लाख देने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अब इस मामले में पुलिस और कुछ भी नहीं कर सकती। लिहाज़ा जुआरी मुकर गये। इस पर बौखलाये, यूनिट के ईंचार्ज इन्स्पेक्टर संदीप मौर ने उस एएसआई ईश्वर सिंह को हड़काया जिसने वसूली का जिम्मा लिया था। ईश्वर ने यह जिम्मा ओल्ड फरीदाबाद के एक बड़े जुआरी एनडी व लालू के भरोसे पर लिया था। एनडी के साथ ईश्वर का लाखें रुपये का लेन-देन का धंधा चलता रहता है।

अब इन्स्पेक्टर मौर तमाम जमानत पर छोड़े गये जुआरियों को धमकी दक रहे हैं कि वह अदालत में पेश होने से पहले एक-एक को पकड़ कर अच्छी कुटाई करेंगे। जाहिर है कि इसके लिये इन्स्पेक्टर मौर अपने पद एवं सक्ति का दुरूपयोग करते हुए इन लोगों को जबरण घरों से अथवा दायें-बायें से बिना किसी अपराध के, केवल वसूली के उद्देश्य से उठायेंगे।

जुआ एक बुरी लत है, लेकिन फिर भी इसके लिये कानून किसी की निर्मम पिटाई करने व उसे लूटने का अधिकार नहीं देता। बरामद रकम में से बिना कोई गड़बड़ी किये सारी रकम सरकारी खजाने में जमा की जानी चाहिये।

एक ओर तो पुलिस जुआ रोकने के नाम पर यह सब उत्पात कर रही है वहीं दूसरी ओर बड़े कार्पोरेट ऑनलाइन जुआ खेलने का प्रचार रात-दिन टीवी पर कर रहे हैं। मतलब साफ है कि लोग जुआ तो खेलें लेकिन बड़े कार्पोरेटों द्वारा बताये गये ऑनलाइन तरीके से खेलें, वहां पुलिस भी नहीं पहुंच सकेगी।

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Mazdoor Morcha
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