फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) दिनांक 16-17 की मध्य रात्रि को क्राइम ब्रांच सेक्टर 48 की टीम के साथ रात्रि गश्त के दौरान अपराधियों के साथ हुई एक मुठभेड़ में पावटा निवासी 26 वर्षीय बब्लू उर्फ बलराज मारा गया।
वारदात के पीछे की कहानी को टटोलते हुए मजदूर मोर्चा को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसी नरेश की हत्या मामले में नीमका जेल में बंद नेत्रपाल 15 सितंबर को जमानत पर रिहा होकर बाहर आया था। जेल के बाहर उसका स्वागत करने के लिए उसके गिरोह के बीसियों लोग वहां मौजूद थे।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जैसा कि अपराधी लोग करते हैं, रिहाई होने पर, कोई जीत हासिल होने पर अपने ईष्ट देव के यहां मत्था टेकने जाया करते हैं। इसी प्रथा के अनुसार ये लोग भी राजस्थान स्थित बाबा मोहन राम मंदिर की ओर गए थे। जानकार बताते हैं कि बीसियों लोगों को लेकर आठ गाडिय़ों का काफि़ला उस मंदिर गया था, इसी काफि़ले में बब्लू भी था।
पुलिस बब्लू की टोह में काफी समय से थी क्योंकि वह कई केसों में बेल जंप किए हुए था। संदर्भवश बब्लू के खिलाफ डबुआ थाने में मुकदमा अपराध संख्या 267/ 2023 धारा 379 बी, 452, 506, 325 और आम्र्स एक्ट, सारन थाने में मुकदमा अपराध संख्या 402/2019 धारा 379 बी, 341,427, 506, 323, 34, मुजेसर थाने में मुकदमा अपराध संख्या 275/2021 धारा 395, 397, 34 व आम्र्स एक्ट और सेक्टर 58 थाने में मुकदमा अपराध संख्या 599/2018 धारा 324, 356, 452 और 34 दर्ज हैं। इसके अलावा उसके खिलाफ 2012 में थाना सेक्टर 55 में केस संख्या 149 दर्ज की गई थी। उसने एक किशोर का गुप्तांग ब्लेड से काट दिया था, जिसमें न्यायालय ने उसे छह महीने कारावास की सजा दी थी। वर्तमान में वह अन्य मामलों में फरार चल रहा था और वांछित था। जून 2023 के केस में पुलिस बब्लू को तलाश रही थी।
पुख्ता मुखबिरी के आधार पर पुलिस ने मोहन बाबा के मंदिर पर अपनी निगरानी बढ़ाई, मुकम्मल तस्दीक हो जाने के बाद पुलिस ने सोहना के किसी स्थान पर उस गाड़ी को रोका जिसमें बब्लू का होना बताया गया था। गाड़ी में सवार लोगों ने पुलिस को बताया कि वह उनके साथ न आकर फलां गाड़ी में अरविंद और अनूप उर्फ छलिया के साथ आ रहा है। कुछ ही समय में पुलिस ने उस गाड़ी को भी अपने निशाने पर ले लिया और उसे रोकने का प्रयास किया। गाड़ी रोकने के बजाय स्पीड बढ़ा दी गई और पुलिस के अनुसार उन पर फायर भी किया गया। पुलिस उनके पीछे लगी रही, जैसे तैसे करके बब्लू अपने गांव के निकट पहुंचने के बाद गाड़ी छोड़ कर भागने लगा तो पुलिस के मुताबिक उन्हें पास आता देख बब्लू ने फिर से पुलिस पर कट्टे से फायर किया जो पुलिस गाड़ी के बंपर पर आकर लगा, जवाब में टीम के मुखिया एसआई राकेश ने भी उसके पैरों का निशाना लेकर गोली चलाई थी जो उसकी कमर से होकर छाती से निकल गई क्योंकि वह पुलिस फायर से बचने के लिए बैठ गया था। पुलिस उसे उठा कर तुरंत बीके अस्पताल में लाई जहां उसे मृत घाोषित कर दिया गया। अगले दिन गांव पावटा व आसपास के चंद ग्रामीण तथा मौके की तलाश में रहने वाले राजनीतिक नेता भी बीके अस्पताल में पहुंच गए। इन लोगों की मांग थी कि पुलिस के खिलाफ निहत्थे एवं बेगुनाह की हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। अपनी बात में वजऩ डालने के लिए इन लोगों का कहना था कि बब्लू के पास न तो कोई कट्टा था न उसने फायर किया, यह तो सब पुलिस की बदमाशी है जो उसके जिम्मे अपने पल्ले से एक कट्टा डाल दिया और तो और वे तो यहां तक कहते बताए कि डाले गए कट्टे से पुलिस ने अस्पताल के पीछे जाकर दो फायर भी कर दिए। अब समझ नहीं आता कि इतना मूर्ख पुलिस वाला कौन होगा जो कट्टा भी अपने पल्ले से लगाए और फायर भी अस्पताल के पीछे जाकर करे, अगर उसे फायर ही करने होते तो कहीं और से भी कर सकता था। बहरहाल यह सब जांच का विषय है।
गांव वालों ने पुलिस एवं प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए मृतक का शव उठा कर तब तक दाह संस्कार करने से मना कर दिया जब तक पुलिस पर मुकदमा दर्ज न हो जाए। दो दिन की जद्दोजहद एवं बहस-मुबाहिसे के बाद दिनांक 19 सितंबर को मुकदमा नंबर 591 धारातंर्गत 302 सब इंस्पेक्टर राकेश के विरुद्ध दर्ज कर दिया गया जिसके बाद मृतक का दाह संस्कार कर दिया गया।
एफआईआर में लिखा गया है .. ‘मैं रमेश गांव पावटा का निवासी हूं, मेरा इकलौता बेटा बब्लू उर्फ बल्लू उम्र 26 साल था।…कल रात लगभग 1:30 बजे के आस पास बीच गांव में मंदिर के पास सीआईए 48 इंचार्ज राकेश ने अपनी टीम के साथ मेरे बेटा बल्लू जो निहत्था था उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और वहां से उठाकर ले गए। अत: प्रार्थना है कि मेरे बेटे के हत्यारों को जिन्होने मेरा बेटा बेरहमी से मार डाला और सबूतों को भी खुर्द बूर्द करने की कोशिश की, इनके खिलाफ उचित अफसरों द्वारा जांच करा सख्त से सख्त कार्रवाई कही जाए तथा मेरे परिवार को सुरक्षा दी जाए। मेरे बेटे के हत्यारों की सख्त से सख्त सजा हो।
पुलिस के लिए उक्त एफआईआर को झुठलाने में कहीं कोई दिक्कत आने की संभावना इसलिए नजर नहीं आती क्योंकि बब्लू के साथ जो दो लोग अरविंद और अनूप उर्फ छलिया सफर कर रहे थे, पुलिस ने धारा 164 के तहत उनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद करा दिए हैं जो पूरी तरह से पुलिस की कहानी को बल प्रदान करते हैं