राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने नाबालिग लडक़े को दिया थर्ड डिग्री

राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने नाबालिग लडक़े को दिया थर्ड डिग्री
October 01 14:27 2022

फरीदाबाद (म.मो.) अपने डंडे के बल पर लूट कमाई करने में माहिर स्थानीय पुलिस ने अपना नया कांड संत नगर निवासी 16 वर्षीय रौनक के साथ करके दिखा दिया है। रौनक के चाचा मनोज ने इस संवाददाता को बताया कि उनके मोहल्ले में रहने वाली वंदना नामक एक बालिग लडक़ी अपने पड़ोसी दोस्त आशीष के साथ 20 सितंबर को घर बताए बगैर कहीं बाहर घूमने चली गई थी। इन दोनों के प्रेम प्रसंग के बारे में पूरा मोहल्ला जानता है। इसी प्रसंग को लेकर कुछ समय पूर्व वंदना और आशीष के परिवार वालों के बीच अच्छी खासी तकरार भी हुई थी।

आपदा को अवसर में बदलने वाले सिद्धांत पर चलते हुए वंदना के घर वालों ने पुलिस चौकी सेक्टर 16 में आशीष के विरुध रिपोर्ट तो दर्ज कराई ही साथ में कुछ उन लोगों के नाम भी लिखवा दिये जिनसे उनकी पुरानी रंजिश थी। इनमें से एक रौनक भी है। मनोज के अनुसार वंदना के चाचा की जान पहचान भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय गॉड से हैं जो आजकल मुख्यमंत्री खट्टर के कलेक्शन एजेंट है।इसी राजनीतिक दबाव का सहारा लेकर वंदना के चाचा ने21 तारीख को रौनक को चौकी में बुलवाकर पूछताछ के नाम पर बुरी तरह से पिटवाया, उसी शाम मनोज चौकी से रौनक को जैसे-तैसे वापस ले आया।

इतने भर से शायद वंदना परिवार की संतुष्टि नहीं हुई थी, इसलिए पुलिस ने रोनक को पुन: 23 तारीख को फिर से बुला लिया। इस बार तो पुलिस ने हद ही कर दी, उसे इतना पीटा गया की उसका चाचा मनोज उसको कंधे पर उठाकर रिक्शे पर लादकर घर लेकर आया हालत खराब देख कर उसे बीके अस्पताल ले गया जहां से उसे सफदरजंग रेफर कर दिया गया। सफदरजंग वालों ने रौनक की पूरी कहानी सुनकर व हालत देखकर एमएलआर की मांग की जो उन्हें बीके अस्पताल से नहीं दिया गया था, लिहाजा वहां के अस्पताल में भी उसका इलाज नहीं किया। ऐसे में रौनक दिल्ली में ही अपने किसी रिश्तेदार के यहां रहकर जैसे तैसे अपना इलाज करा रहा है।

इस मामले पर पुलिस का पक्ष बताते हुए उनके प्रवक्ता ने बताया कि लडक़े आशीष की CDR ( कॉल डिटेल रिपोर्ट) से पाया कि उसने 19.09.2022 को लास्ट कॉल अपने दोस्त रौनक को की है। जिसके संबंध में रौनक को दिनांक 24.09.2022 को पूछताछ के लिए चौकी बुलाया गया था। जिसमे लडक़े रोनक ने बतलाया कि आशीष ने मुझे अपनी स्कूटी देने के लिए बुलाया था और मैं आशीष और वन्दना के बारे कुछ नही जानता हूं। जो रोनाक से पूछताछ गांव के मौजीज व्यक्तियों के सामने की थी, और बाद पुछताछ करके लडक़े को सही सलामत मोजिज व्यक्तियों की हाजरी में फारिग किया गया था। रोनक से पुछताछ में पता चला था कि रौनक नशा करने का आदि है और जब नशा नहीं करता है तो उसकी तबियत खराब होने लगती है।

पुलिस की इस बात पर रौनक के चाचा मनोज ने बताया कि रोनक किसी तरह का कोई नशा नहीं करता था, वह कभी कबार हुक्का ही पिया करता था। पुलिस प्रवक्ता का बयान एकदम झूठा है। शायद प्रवक्ता को रखा ही इसी काम के लिए गया हो जो पुलिस के काले कारनामों पर पर्दा डाल सके। जिस रौनक को 21 व 23 तारीख को पुलिस चौकी में लाया गया था, उसे प्रवक्ता 24 तारीख बता रहे हैं। मोजिज आदमियों की मौजूदगी भी एकदम झूठ है। अब देखना यह है कि संबंधित पुलिस उच्चाधिकारी अपने इन बेलगाम जनविरोधी कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हैं। संदर्भवश सुधी पाठक यह भी जान ले की प्रेमी जोड़ा लौट आया है। वंदना ने पुलिस को बयान दिया है कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से आशीष के साथ घूमने गई थी। इसके बाद लडक़े का मामा प्रेमी जोड़े को अपने घर ले गया।

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Mazdoor Morcha
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