यात्रियों को बड़ी-बड़ी सुविधाएं देने की जुमलेबाज़ी करने वाले प्रधानमंत्री मोदी यात्रियों की बढ़ती भीड़ के लिए स्टेशन को बेहतर बनाने के बजाय प्लेटफार्म टिकट का मूल्य बढ़ा कर भीड़ कम करने के जन विरोधी आदेश देते हैं। कभी तीन रुपये में मिलने वाले प्लेटफार्म टिकट का मूल्य पहले पांच रुपये, फिर दस रुपये जबकि कोरोना काल में में तीस रुपये कर दिया गया। तीज त्योहार और छुट्टियों के समय बड़े स्टेशनों पर इसके दाम पचास रुपये तक कर दिए जाते हैं। यानी यात्रियों को सुविधा तो कुछ नहीं दी जाती लेकिन 50 रुपये जुर्माना लगाकर प्लेटफार्म में जाने से रोका जाता है। बेचारे गरीब तो अपने परिजनों को छोडऩे प्लेटफार्म तक नहीं पहुंच पाते।