पत्रकारों के कैमरे से डरते खट्टर

पत्रकारों के कैमरे से डरते खट्टर
October 23 14:27 2022

खट्टर के शाही दरबार में पत्रकार व छायाकार भी अच्छी-खासी संख्या में मौजूद थे। एक फरियादी द्वारा फरीयाद करने तथा खट्टर द्वारा जवाब देने के दृष्य की जब एक पत्रकार वीडियो बनाने लगा तो उसे खट्टर के इशारे पर अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया। उसके बाद एक अधिकारी द्वारा घोषणा की गई कि केवल सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकार ही यहां ठहरें, बाकी सब बाहर हो जायें। इस पर वहां मौजूद कुछेक को छोडक़र तमाम तरह के पत्रकार दुबक कर बैठ गये।

विदित है कि शहर भर में बमुश्किल 25-30 पत्रकार ही सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। किसे मान्यता देनी है और किसे नहीं यह पूर्णतया सरकार की मनमर्जी पर निर्भर करता है। जाहिर है ऐसे में सरकार उन्हीं पर अपनी मान्यता बरसायेगी जिनके लेखन एवं रिपोर्टिंग से सरकार प्रसन्न होती होगी। संदर्भवश 36 वर्ष पूराना ‘मज़दूर मोर्चा’ भी गैरमान्यता प्राप्त पत्र है।

न केवल खट्टर दरबार में बल्कि आजकल अधिकांश अधिकारी भी मोबाइल कैमरों से बचते हैं। अपने कार्यालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मोबाइल बाहर ही रखवा देते हैं। क्यों?
क्योंकि वे डरते हैंं कि उनकी कोई जन एवं कानून विरोधी बात टेप न कर ली जाय। संदर्भवश, अधिकारियों द्वारा की जाने वाली इस कार्रवाई को पंजाब सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर दिया है। वहां कोई भी अधिकारी किसी को भी मोबाइल बाहर छोडऩे के लिये नहीं कह सकता।

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Mazdoor Morcha
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