पर्यटन विभाग पर बोझ बने भाजपाई नेता-मंत्रियों के रिश्तेदार मुफ्त की रोटियां तोड़ते हैं, एसी कमरे भी कब्जाए फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) पूंजीपतियों की कठपुतली नायब सिंह सैनी की भाजपाई सरकार ने पर्यटन विभाग के कमाऊ होटल-मोटल-रेस्टोरेंट आदि को अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने का फैसला किया है। वह भी तब जब भाजपा के मंत्री संत्री नेता और उनके रिश्तेदार पर्यटन विभाग के इन होटल आदि में मु्फ़्त की रोटियां तोड़ते हैं और ऐश से सोते हैं। शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, उनके रिश्तेदार और स्टाफ ही अब तक पर्यटन विभाग को करीब ग्यारह लाख रुपये का चूना लगा चुका है। यानी पर्यटन विभाग को सरकार के ही मंत्री संत्री घाटा पहुंचा रहे हैं और सीएम सैनी उन्हें घाटे में बता कर पूंजीपतियों को बेचने पर आमादा हैं। हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ विभाग के होटल आदि बेचे जाने के सरकार के फैसले के विरोध में उतर आया है। बृहस्पतिवार को संघ के साथ हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ, सीटू सहित अन्य मज़दूर संगठनों ने मैग्पाई होटल पर गेट मीटिंग कर सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग की।
गेट मीटिंग का नेतृत्व कर रहे सीटू जिला महासचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने पांच पर्यटन समूह हिसार, फरीदाबाद, सिरसा, पानीपत और रोहतक के मुनाफे वाली इकाइयां बेचने का निर्णय लिया है, सभी कर्मचारी-मज़दूर संगठन ये नहीं होने देंगे। मैग्पाई मुनाफे में चलता है लगातार पर्यटक आते हैं अच्छा राजस्व आता है, बावजूद इसके हरियाणा सरकार इसको बेचना चाहती है। हमारे कर्मचारी दिन रात मेहनत करके होटल को मुनाफे में लाते हैं। आरोप लगाया कि सरकार केवल उन्हीं होटल-मोटल आदि को बेच रही है जो मुनाफे में हैं, कोई पूंजीपति घाटे में चलने वाली इकाइयां क्यों खरीदेगा।
कर्मचारी नेता सुभाष देसवाल ने कहा कि पर्यटन विभाग तो मुनाफे में रहे लेकिन मंत्री, उनके रिश्तेदार और स्टाफ के कारण ही विभाग को घाटा होता है। शिक्षामंत्री सीमा त्रिखा की बहन सत्ता की धौंस दिखा कर बडख़ल के होटल में ढाई लाख रुपये से अधिक का खाना खा गईं, कर्मचारी संगठनों ने जब सीमा त्रिखा को मीडिया में जाने और धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी तो तब कहीं जाकर उनकी बहन ने कई साल में आधा अधूरा ही भुगतान किया। मंत्री बनने के बाद मिले स्टाफ को सीमा त्रिखा ने 25 मार्च पर्यटन विभाग के होटल में रहने-खाने के लिए जबरन रुकवाया है। मुफ़्त का माल समझ कर मंत्री के ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी तीन तीन एसी कमरों पर कब्जा जमाए हुए हैं और खाना भी खा रहे हैं। सुधी पाठकों को बता दें कि होटल में सबसे कम कीमत वाले कमरे का एक दिन का किराया 2239 रुपये है, इसी तरह सबसे कम कीमत वाली थाली 264 रुपये की है। यदि इस आधार पर गणना की जाए तो सीमा त्रिखा के मंत्री बनने के बाद से सौ दिन में उनका स्टाफ पर्यटन विभाग को कम से कम 8 लाख 30 हजार रुपये का चूना लगा चुका है। जब तक वह रुकेगा प्रतिदिन न्यूनतम 8310 रुपये या उससे ज्यादा का नुकसान पहुंचाएगा। यह हाल सिर्फ बडख़ल या मंत्री सीमा त्रिखा का नहीं है पर्यटन विभाग को यह नुकसान पूरे प्रदेश में उठाना पड़ रहा है, हर जगह मंत्री-संत्रियों के अलावा भाजपा पदाधिकारी-कार्यकर्ता सभी सत्ता की धौंस दिखा कर विभाग का भट्टा बैठाने में लगे हैं।
कर्मचारी जब बिल का भुगतान करने का कहते हैं तो सुरक्षाकर्मी से लेकर मंत्री का चालक तक उनसे अभद्रता करते हैँ, आरोप है कि सीमा त्रिखा भी कर्मचारियों को तबादला करवाने की धमकी देती हैं। यही नहीं मंत्री सीमा त्रिखा भी आए दिन पंद्रह-बीस कार्यकर्ताओं के साथ मैग्पाई, बडख़ल या गोल्फ क्लब में मीटिंग करने पहुंच जाती हैं। मीटिंग हॉल में चाय नाश्ता, खाना सब होता है लेकिन कोई भुगतान नहीं किया जाता। विभाग के कर्मचारियों को ये बेगार अपने खर्चे पर झेलनी पड़ती है। जिला कर्मचारी संघ सचिव युद्धवीर सिंह खत्री ने कहा कि त्रिखा जी हमारे ही वोट से विधायक बनीं, नीति नियंता बनने के बाद हमारे ही खिलाफ नीतियां बना रहीं हैं यदि कर्मचारियों के हित में सरकार निर्णय नहीं बदलती है तो आने वाले चुनाव में उसको खामियाजा भुगतना पड़ेगा, हजारों कर्मचारी परिवार सरकार बदलने की ताकत रखते हैं। यदि सरकार नहीं मानी तो कर्मचारी पीछे हटने वाले नहीं हैं, एक जुलाई से प्रदेश के सभी जिलों में डीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा।