यूं तो केन्द्रीय श्रममंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव पहले भी कई बार इस संस्थान में घूम कर जा चुके हैं, उनके छोटे मंत्री तेली तथा पूर्व श्रममंत्री गंगवार भी यहां कई चक्कर लगा चुके हैं। इन मंत्रियों के प्रत्येक दौरे पर, संस्थान द्वारा झेली जा रही तमाम समस्याओं का उल्लेख उनके सामने प्रस्तुत किया जा चुका है, लेकिन पतनाला फिर भी वहीं गिर रहा है। लगता है जैसे ये तमाम राजनेता केवल राजनीति खेल तमाशे भर के लिये ही दौरे करते रहते हैं।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने सफेद पत्थर से बनी स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण करने के लिये श्रममंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव पांच फरवरी को यहां पधार रहे हैं। मूर्ति का अनावरण तो कोई भी कर सकता है, यह कोई बहुत बड़ा काम नहीं है। मंत्रीजी के लिये बड़ा काम तो संस्थान को दरपेश समस्याओं को दूर करने का है और वह भी शीघ्रातिशीघ्र। उन्हें यह समझ लेना चाहिये कि इन समस्याओं को दूर करने में होने वाली पल-पल की देरी मरीजों व कार्यरत स्टाफ पर कितनी भारी पड़ रही है। विशेष कर उन छात्रों व डॉक्टरों पर जिन्हें संस्थान परिसर से दूर रह कर काम करना पड़ता है।
कहने को तो राज्य में डबल इंजन की सरकार है लेकिन काम सिंगल इंजन का भी नहीं हो रहा। लगता है दोनों इंजन घिस-पिट कर पुराने हो चुके हैं। समय रहते या तो भाजपा सरकारें इन इंजनों की ठीक-ठाक ओवर हॉलिंग कर लें नहीं तो जनता नये इंजन लगाने में देर नहीं करेगी।