फरीदाबाद (म.मो.) मजबूर इन्सानों को मौत के मुंह में धकेलने वालों के विरुद्ध कोई कड़ी कार्रवाई न होने के चलते आये दिन कोई न कोई बेबस मज़दूर मौत का शिकार हो जाता है। इसी कड़ी में बीते रविवार पहली मई को सचिन व मोहम्मद मुस्सलन नामक दो सफाई कर्मियों को बादशाहपुर स्थित एसटीपी संयंत्र में उतारा गया था।
नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिये इस तरह के काम ठेकेदार को दे देती है। सुरक्षा उपकरणों पर होने वाले खर्च को बचाते हुए ठेकेदार ऐसे मज़दूरों को बिना उपकरणों के ही सैप्टिक टैंक में उतार देते हैं। प्रिंसिपल नियोक्ता होने के नाते यह नगर निगम की जिम्मेदारी बनती है कि किसी भी ठेकेदार को बिना पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के अपने किसी भी कर्मचारी को ऐसे टैंक में न उतरने दें।
अपने इस कत्र्तव्य का निर्वहन न करके नगर निगम अधिकारियों ने घोर आपराधिक कार्य किया है जिसके लिये जिम्मेदार सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध पुलिस द्वारा आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिये। कांड हो जाने के बाद अब निगम अधिकारी लीपा-पोती करते हुए एक दूसरे से रिपोर्ट मांग रहे हैं जबकि तस्वीर्र तो साफ दिखाई दे रही है। जानकार यह भी बताते हैं कि मौके पर मरनेवालों के अतिरिक्त नरेन्द्र व सतबीर भी मौजूद थे। नरेन्द्र निगम का पक्का कर्मचारी है जबकि सतबीर ठेकेदार का ही कर्मचारी है। दुर्घटना के वक्त नरेन्द्र भी मरने से बाल-बाल बच पाया जिसे पांच मई तक सेक्टर 16 स्थित क्यूआरजी अस्पताल में रखा गया। चौथा व्यक्ति सतबीर अभी तक लापता है। उसे आखिरी बार घटना वाले दिन बीके अस्पताल की एमर्जेंसी वार्ड में देखा गया था।