“नहीं डरेंगे घुडक़ी से-खींच लेंगे कुर्सी से” हरियाणा मिड डे मील, डीटीएच चौकीदार एंड स्वीपर एसोसिएशन की ललकार

“नहीं डरेंगे घुडक़ी से-खींच लेंगे कुर्सी से” हरियाणा मिड डे मील, डीटीएच चौकीदार एंड स्वीपर एसोसिएशन की ललकार
June 08 02:44 2023

सत्यवीर सिंह
‘हरियाणा मिड डे मील महिला मज़दूर, डी टी एच चौकीदार एवं सफ़ाई कर्मचारी’, मज़दूरों का वह समूह है, जो, देशभर में सबसे ज्यादा शोषण, उत्पीडऩ और नौकरी की असुरक्षा झेलने को मजबूर है। देश का कोई भी श्रम क़ानून, इन मज़दूरों के मामले में लागू नहीं होता। हरियाणा प्रदेश के ये लाखों मज़दूर, संविधान के दायरे में क्यों नहीं आते? इनका भारत कब आज़ाद होगा? इनका संविधान कब बनेगा? इन्हें न्यूनतम वेतन से भी क्यों महरूम रखा जाता है? इन सवालों के जवाब हरियाणा सरकार ही दे सकती है, और इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए, इस समूह की सैकड़ों महिलाओं ने, बीते दिन लघु सचिवालय पर पहले सभा की, और फिर मुख्यमंत्री हरियाणा को अपना ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन देते वक़्त हुई सभा में बोलते हुए, एसोसिएशन के फरीदाबाद जि़ला प्रधान, तेजराम ने बताया कि डीटीएच चौकीदार और सफ़ाई कर्मचारियों को मात्र 7,000 रु मासिक वेतन मिलता है, वह भी कहा तो ‘मासिक’ जाता है, लेकिन असलियत में मिलता, कई-कई महीने बाद है। जब भी छुट्टियाँ होती हैं, जैसे कि आजकल हैं, उनमें उन्हें कोई वेतन नहीं मिलता। सरकार का मानना शायद ये है कि अगर स्कूल में छुट्टी है, तो काम नहीं है, और काम नहीं है, तो मज़दूर और उसके परिवार को भूख भला क्यों लगेगी!! नवंबर-दिसंबर में भी छुट्टियाँ होने पर कोई पैसा नहीं मिलता। वे कर्मचारी और होते हैं जिनका काम निर्धारित होता है। इस श्रेणी के कर्मचारी से कोई भी काम लिया जाता है। क्या कोई सोच सकता है कि इन मज़दूरों को 10-10 साल की नोकरी करने पर भी रेगुलर नहीं किया जाता, वे ता-उम्र अस्थायी ही रहते हैं। महिलाओं को प्रसूति अवकाश नहीं मिलता और महीने में एक छुट्टी भी नहीं मिलती।

मिड डे मील वर्कर का काम बच्चों के लिए खाना बनाना है, लेकिन उन्हीं से सारे स्कूल में झाड़ू लगवाई जाती है, सफ़ाई कराई जाती है। सफ़ाई कर्मचारी की ड्यूटी कहने को मात्र 2 घंटे की है, लेकिन उनसे दिनभर दूसरा काम लिया जाता है। ‘नहीं डरेंगे घुडक़ी से-खींच लेंगे कुर्सी से’ के गूंजते नारों के बीच, उपायुक्त, फऱीदाबाद की माफऱ्त मुख्यमंत्री, हरियाणा को ज्ञापन सौंपते वक़्त, ‘हरियाणा मिड डे मील, डीटीएच चौकीदार एंड स्वीपर एसोसिएशन’ ने ऐलान किया कि उनकी जायज मांगें न मानी गईं तो प्रदेश भर में एक साथ तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।

1) मिड डे मील वर्कर्स, डीटीएच चौकीदार व पार्ट टाइम स्वीपर को न्यूनतम 18,000 रु प्रति माह वेतन दिया जाए.
2) मिड डे मील वर्कर्स, डी टी एच चौकीदार व पार्ट टाइम स्वीपर को 10 वर्ष की सेवा के पश्चात रेगूलर कर दिया जाए.
3) स्कूल वर्कर्स को छुट्टियों का वेतन दिया जाए.
4) स्कूल वर्कर्स को वर्ष में 12 अवकाश अवश्य दिए जाएं.
5) मिड डे मील वर्कर्स को फऱीदाबाद के कुछ राजकीय विद्यालयों में स्कूल गेट पर चौकीदारी करने के लिए खड़ा कर दिया जाता है. वर्कर्स को गेट पर चौकीदार की तरह ना खड़ा किया जाए. यह उनकी ड्यूटी नहीं है.
6) महिला वर्कर्स को प्रसूति अवकाश दिया जाए.

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