फरीदाबाद (म.मो.) नगर निगम के जाने-माने भ्रष्ट तथा बिना डिग्री के इंजीनियर धर्म सिंह के विरुद्ध दिनांक 16 जुलाई 2021 को गांव सेवली निवासी जितेन्द्र ने लोकायुक्त हरियाणा को एक शिकायत भेज कर बताया था कि उक्त व्यक्ति इंजीनियरिंग की डिग्री न होते हुए भी, भ्रष्टाचार के दम पर एसई के पद तक पहुंचा दिया गया है। शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला भी दिया गया है जिसमें कहा गया है कि डिप्लोमा धारक केवल एसडीओ के पद तक जा सकता है। इसके बावजूद खट्टर की ‘ईमानदार’ सरकार के ‘ईमानदार’ अधिकारियों ने उसे एससी के पद तक पहुंचा दिया।
इस शिकायत के बाद जितेन्द्र ने लोकायुक्त को एक अन्य शिकायत भेज कर उन्हें बताया है कि इस नौकरी के बल पर की गई लूट कमाई द्वारा इस नकली इंजीनियर ने 100 करोड़ से अधिक की संपत्तियां खड़ी कर ली हैं। संपत्तियों की दी गई सूची में वे सभी शामिल हैं जिनका विवरण पिछले दिनों ‘मज़दूर मोर्चा’ में प्रकाशित किया जा चुका है। इसमें एक भठ्ठे का विवरण अतिरिक्त रूप से दिया गया है।
शिकायतकर्ता चाहता था कि धर्म सिंह के रिटायर होने से पहले लोकायुक्त इस मामले में न्यायोचित कार्रवाई करें। इसके विपरित काम को टालते हुए लोकायुक्त ने इन शिकायतों को जांच के लिये हरियाणा सरकार के उन्हीं ‘ईमानदार’ अफसरों के पास भेज दिया जिनकी मिलीभगत से धर्म सिंह ने लूट कमाई का सारा खेल खेला था।
ये अफसर धर्म सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की वजाय शिकायतकर्ता जितेन्द्र को बार-बार चंडीगढ़ बुला रहे हैं। जितेन्द्र ने सा$फ कह दिया कि मुझे बुला कर क्या करोगे, मैने जो कहना था लिख कर दे दिया है, जो दस्तावेज़ी सबूत हैं वे मैंने भेज दिये हैं। इसके बाद सतबीर मान, जो पिछले दिनों यहां अतिरिक्त उपायुक्त थे और अब स्थानीय निकाय कार्यालय में तैनात हैं, ने शिकायतकर्ता को एक लिंक भेज कर वीडियो कॉन्फ्रेंस पर आने को कहा। लेकिन लिंक ऐसा था जो खुलता ही नहीं था।
विदित है कि सतबीर मान अपनी फरीदाबाद तैनाती के दौरान धर्म सिंह को पूरा संरक्षण देता रहा है तथा अब भी इसे बचाये रखने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान धर्म सिंह नौकरी के सारे लाभ लेकर सही सलामत सेवा निवृत हो चुका है। जिस पर खट्टर सरकार तथा उनके दरबारी मेहरबान हों तो उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है? शहर में चर्चा आम है कि जिस अजय गौड़ के सलाह मशवरे पर खट्टर भैया राजनीति का धंधा कर रहे हैं, वह धर्म सिंह के तमाम काले-पीले धंधों में बेनामी हिस्सेदार है। जब सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का?
रही बात लोकायुक्त हरिपाल वर्मा की तो इन्हें पुलिस के सिपाहियों व थानेदारों का भ्रष्टाचार तो दिखता है, उसे रोकने के लिये तो वे डीजीपी को बाकायदा एक पैनल बनाने का सुझाव देते हैं। लेकिन धर्म सिंह जैसे बड़े-बड़े गमरमच्छों को छूने से घबराते हैं। और तो और इसी धर्म सिंह की पत्नी मुनीष चौधरी जो शिक्षा विभाग के 25 लाख डकारे बैठी है, के विरुद्ध एक साल से लम्बित पड़ी शिकायत को भी छूने से घबराते हैं।