गायों की मौत का कारण विसरा रिपोर्ट के बाद ही होगा मालूम, गौशाला में साफ-सफाई की व्यवस्था से नाखुश सम्बंधित एजेंसी को जारी किया कारण बताओ नोटिस-निगमायुक्त। करनाल । नगर निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर ने सोमवार को फूसगढ़ स्थित गौशाला का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया, साफ-सफाई की व्यवस्था देखी और उससे नाखुश होकर इस काम को करने वाली एजेंसी, आस एंटरप्राईसिस प्राईवेट लिमिटेड के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही। निगमायुक्त ने नंदीशाला का भी दौरा किया और व्यवस्थाओं की जांच की। गौशाला में मौजूद कुछ गायों की आकस्मिक मृत्यु की घटना पर प्रतिक्रिया करते उन्होंने कहा कि गायों की मृत्यु कैसे हुई, यह जांच का विषय है, पुलिस विभाग की ओर से इसकी तफतीश की जा रही है। निगमायुक्त ने बताया कि फूसगढ़ स्थित गौशाला में गाय और नंदियों की 2500 से अधिक संख्या है। ज्यादातर यहां सडक़ों पर भटकते ऐसे बेसहारा पशुओं को लाया जाता है, जिनकी हालत खराब होती है। हालांकि यहां चारा-पानी की व्यवस्था है, लेकिन बीमार हालत में आने वाली गायों की मौत स्वभाविक रूप से भी हो जाती है। गौशाला में गौवंश के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई है, इस बारे उन्होंने बताया कि गौशाला के लिए साढे 6 एकड़ की अच्छी-खासी जगह है। इसमें से 4 एकड़ में गऊओं व नंदियों के लिए 7-8 शैड बनवाए गए हैं और अढ़ाई एकड़ खाली जगह भी है, इसकी फैंसिंग करवाई जा रही है। जरूरत पड़ी तो इसमें भी गऊओं के लिए शैड बनवाएंगे, एस्टीमेट बनवाकर इस काम को करेंगे।
गौशाला की मेन्टेनेन्स एजेंसी के शॉ कॉज़ नोटिस को लेकर उन्होंने बताया कि जिस एजेंसी को मेन्टेनेंस का ठेका दिया गया है, यहां की साफ-सफाई देखकर मालूम हुआ है कि वह अपना काम ठीक से नहीं कर रही। कारण बताओ नोटिस के जवाब से संतुष्टी नहीं हुई तो ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई निश्चित है।
उन्होंने बताया कि एजेंसी को ठीक समय पर मासिक पेमेंट, 4 लाख 24 हजार रूपये प्रति मास, नगर निगम की ओर से की जा रही है। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का खर्चा भी नगर निगम करता है। बीते नवंबर-दिसम्बर की पेमेंट हो चुकी है और जनवरी की इस मास की समाप्ति के बाद कर दी जाएगी। यही नहीं समय-समय पर निगम अपनी मैनपावर, जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्राली इत्यादि भी प्रदान करता आया है।
उन्होंने बताया कि गौशाला में गायों की मौत को लेकर अतिरिक्त निगमायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी, जो जांच कर रही है। उक्त कमेटी, ठेकेदार द्वारा की गई व्यवस्थाओं तथा गौशालाओं का मिलने वाला दान तथा उसके सदुपयोग की भी जांच करेगी। सभी तरह की जांच पूरी हो जाने के बाद ही गायों की मौत के पीछे क्या कारण रहा, इसका सही-सही पता लग सकेगा। मृत गायों के विसरा जांच हेतु फारेंसिक लैब मधुबन भेज दिये गये हैं।