फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) सत्ता के दंभ में डूबे और फरेंदा में खरीदी गई सात सौ एकड़ जमीन के ऊंचे दाम वसूलने के लिए मनपसंद जगह कट बनवाने वाले केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर को ग्रीन एक्सप्रेस वे उतार चढ़ाव किसान मज़दूर संघर्ष समिति मोहना ने उनकी औक़ात दिखा दी। ग्रामीणों ने सत्ताधारी नेताओं के बायकाट की घोषणा की तो जिस किशनपाल ने कभी इन लोगों को यह कहते हुए लौटा दिया था कि न तो मैं लिख कर दे सकता हूं न शपथ पत्र दे सकता हूं, मैं तुम्हारे नाम रजिस्ट्री नहीं कर सकता हूं, ये मेरे ऊपर छोड़ दो कहां कट बनवाना है कहां नहीं, मैने ही स्टार्टिंग प्वाइंट से तीन किमी और एंड प्वाइंट पर पांच किमी पहले कट बनवाया है, मैं हर गांव पर कट नहीं बनवा सकता ! वह अब थूक कर चाटने वाले अंदाज में मोहना पर कट बनवाने के प्रयास का दिखावा कर रहा है। इससे पहले भी रिवाजपुर में डंपिंग यार्ड बनाने की जिद पर अड़े गूजर को ग्रामीणों के सामने मुंह की खानी पड़ी थी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मई 2022 में फऱीदाबाद से नोएडा के जेवर एयरपोर्ट को जोडऩे के लिए प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर मोहना में कट बनवाने की घोषणा की थी। एयरपोर्ट के लिए एक्सप्रेस वे बनने से इस सडक़ से लगी हुई जमीन की कीमत तेजी से बढऩे वाली थी। केंंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर ने सत्ता का लाभ उठाते हुए अपने खास भूमाफिया सतबीर कसाना महमदपुर के साथ फरेंदा में अपने रिश्तेदारों के नाम सात सौ एकड़ जमीन कौडिय़ों के दाम में खरीद ली। कौडिय़ों के माल को अशरफियों का बनाने के लिए गूजर ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए एक्सप्रेसवे पर फरेंदा में कट उतरवा लिया। मोहना में कट बनवाने की मांग करने वालों को झूठा आश्वासन देते रहे और फरेंदा में कट पास भी करवा लिया।
डेढ़ साल पहले मोहना गांव वालों को एक्सप्रेस वे की ड्राइंग मिली तो उसमें मोहना की जगह फरेंदा पर कट देख कर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। मंत्री ने एक बार तो स्पष्ट मना कर दिया और बताया कि उन्होंने खुद ही एक्सप्रेस वे पर दो कट बनवाए हैं, हर गांव में कट नहीं उतवा सकते। ग्रामीणों ने उनसे बताया था कि मोहना में कट बनने से आसपास के गांवों के हज़ारों परिवारों को फायदा होगा, यदि यहां कट नहीं दिया जाता तो हाइवे पर चढऩे के लिए ग्रामीणों को आठ किलोमीटर अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ेगा, इससे समय और ईंधन दोनों का नुकसान होगा। यहां कट देने से ईस्टर्न पेरफेरल एक्सप्रेस वे, वेस्टर्न पेरीफेरल वे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे तीनों की कनेक्टिविटी आसान होगी, लेकिन उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। दोबारा मिलने पहुंची सरदारी से केंद्रीय मंत्री ने मुलाकात भी नहीं की। इससे नाराज ग्रामीणों ने ग्रीन एक्सप्रेसवे उतार-चढ़ाव किसान मज़दूर संघर्ष समिति मोहना (विधानसभा क्षेत्र पृथला फरीदाबाद) का गठन कर संघर्ष प्रारंभ कर दिया था लेकिन सत्ता के मद में डूबे किशनपाल ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
ग्रामीणों ने हक पाने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल और अपने क्षेत्र के विधायक नैनपाल रावत से भी संपर्क किया। ये दोनों नेता मोहना में कट बनवाने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिले। संदर्भवश गडकरी किशनपाल गूजर की तिकड़मबाजियों से पूरी तरह परिचित हैं, क्योंकि वे कभी इनके मंत्रालय में ही रहे थे। इसलिए उन्हें समस्या को समझने में देर नहीं लगी। दिसंबर 2023 को गडकरी ने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे, माना जा रहा है कि गूजर के कारण अधिकारी टाल मटोल कर रहे थे। इस दौरान ग्रीन एक्सप्रेस वे संघर्ष समिति ने सत्ताधारी नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
चुनावी मौसम में ग्रामीणों का रोष देख कुर्सी जाने के डर से नैनपाल रावत 31 जनवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले और मोहना गांव में कट बनवाने की मांग की। माना जा रहा है कि गडकरी तक केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करते हुए फरेंदा में क्रय करवाई गई सात सौ एकड़ जमीन की सूचना भी पहुंच चुकी है। नैनपाल रावत ने दावा किया था कि गडकरी ने मोहना में कट बनवाए जाने का आश्वासन दिया है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा मोहना पर कट बनाए जाने की रिपोर्ट तलब किए जाने की जानकारी होते ही किशनपाल गूजर को समझ में आ गया कि उनकी चाल फेल हो गई है। ऐेसे में खिसियाहट छिपाने और कट का श्रेय लेने के लिए बुधवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री से मिलने पहुंंच गए। वहां उन्होंने कट बनाए जाने के वही तर्क दिए जो ग्रामीण उन्हें देते थे लेकिन उन्होंने हमेशा ठुकराया था। लौट कर प्रेस के लिए फोटो जारी करते हुए सूचा दी कि नितिन गडकरी ने अधिकारियों से दो दिन में रिपोर्ट बनाने को कहा है। दो दिन में कोई रिपोर्ट तैयार नहीं होती, सच्चाई ये है कि अधिकारी रिपोर्ट तो पहले से ही तैयार कर रहे हैं और एक दो दिन में वह पूरी हो जाएगी, अब श्रेय लेने के लिए गूजर इस तरह के बयान जारी कर रहे हैं।
इधर हक की लड़ाई लड़ रहे मोहना के ग्रामीण कट की घोषणा होने तक संघर्ष जारी रखने के सख्त मूड में नजऱ आ रहे हैं। बुधवार को इन लोगों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया। मोहना गांव स्थित कालका मंदिर के पास प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सरकार और मंत्री गूजर के खिलाफ जमकर नारेेबाजी की। चेतावनी दी गई कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो विधायक-सांसद के आवास पर शांतिपूर्ण धरना दिया जाएगा। लगातार डेढ़ साल से संघर्ष कर रहे ग्रामीणों ने साबित कर दिया है कि एकता के आगे खुद को अजेय मानने वाले नेताओं का घमंड तोड़ा जा सकता है।