मोदी की स्मार्ट सिटी में बर्बाद हो गए करोड़ों रुपये सेक्टर-19 में आधी अधूरी बना कर छोड़ दी स्टार्म वाटर ड्रेनेज पाइप लाइन

मोदी की स्मार्ट सिटी में बर्बाद हो गए करोड़ों रुपये  सेक्टर-19 में आधी अधूरी बना कर छोड़ दी स्टार्म वाटर ड्रेनेज पाइप लाइन
May 13 10:40 2023

ऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) फरीदाबाद स्मार्ट सिटी भी मोदी के जुमलों की तरह बेकार और आम जनता के लिए परेशानी का सबब साबित हुई है। सेक्टर 19 में बारिश के पानी की निकासी और संरक्षण के लिए ड्रेनेज सिस्टम पर करोड़ों रुपये बर्बाद कर डाले गए। एक साल पहले आधे अधूरे बना कर छोड़े गए नाले आज तक पूरे ही नहीं किए गए।

सेक्टर 19 को फरीदाबाद स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है। इसके तहत सेक्टर को बारिश में जलभराव से बचाने और रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जोडऩे की योजना तैयार की गई थी। लूट कमाई करने वाले अधिकारियों ने इलाके का अध्ययन किए बिना नाले खुदवाने का काम भी शुरू करवा दिया। बहुत सी जगहों पर नाले के रास्ते में अड़चनें आ रही थीं, कहीं पाइपलाइन बिछी थी तो कहीं अंडरग्राउंड तार डाले हुए थे, कहीं सडक़ का जोड़ आ रहा था।

तुरंत ही अड़चन दूर करने के बजाय उस जगह खुदाई छोड़ दी गई और आगे फिर से नाला बना डाला गया। नतीजा यह रहा कि पूरे सेक्टर में नाला टुकड़ों मेें बना। छूटे हुए हिस्सों को नाले से जोड़ा ही नहीं गया। इस नाले के पानी से ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट (कुआं) भी नहीं बनाया गया। नाला बने हुए एक साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन यह आज तक चालू नहीं हो सका है।

अधूरे नालों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछा कर फुटपाथ बना दिया गया। स्थानीय निवासी चंद्रपाल सिंह ने बताया कि फुटपाथ पर घटिया इंटरलाकिंग टाइलें लगाई गईं उनकी टॉप लेयर भी खत्म हो गई है। ऐसे ही एक और निवासी सौरभ सिंह कहते हैं कि स्मार्ट सिटी के नाकारा अधिकारियों ने नाले की ढाल ही सही नहीं बनाई है, पानी जहां गिरता है वहीं ठहर जाता है। बहाव नहीं होने के कारण एक बरसात में ही यह अधूरा बना नाला गाद और कीचड़ से भर गया है। फुटपाथ उखाड़े बिना इन नालों की सफाई नहीं हो सकती। यानी नाला सफाई के नाम पर फिर करोड़़ों रुपयों का बजट बनाया जाएगा।

तकनीकी जानकारों के अनुसार नाला निर्माण में भी खेल किया गया। उनके अनुसार सीमेंट, ईंट और कंक्रीट से बनाए गए इस नाले में जितना खर्च किया गया है उससे कम लागत और मेहनत में यहां सीमेंट पाइप डाले जा सकते थे। वर्षा जल संरक्षण के लिए मुंबई जैसे बड़े शहरों मेें भी सीमेंट पाइप से ही नाले बनाए गए हैं जो ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होते हैं। इसमें भी कमीशन वाली सीमेंट, ईंट आदि निर्माण सामग्री खपाई गई है। यही कारण है कि कुछ ही समय बाद इंटरलॉकिंग टाइल्स की टॉप लेयर खत्म हो गई। नेत्रहीन पैदल यात्रियों की मदद के लिए लगाई गई पीले रंग की तेन्जी ब्लॉक पट्टी भी गायब हो चुकी है।

हाल ही में डीसी ने स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट जून में समाप्त करने का आदेश जारी किया है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट बनना और उससे जुडऩा तो दूर जून के अंत तक तो यह नाला बनकर तैयार हो जाए यही बड़ी बात होगी।

संदर्भवश बता दें कि जब फरीदाबाद बसाया गया तब से यहां स्टॉर्म वाटर डे्रेनेज सिस्टम है, हूडा के सेक्टर हों या नगर निगम का इलाका स्टार्म वाटर लाइनें आज तक कहीं चलीं नहीं। बारिश में चोक और जलभराव की समस्या हर कहीं देखी जा सकती है। पहले से बना जो ड्रेनेज सिस्टम नाकारा अधिकारियों के कारण नहीं चल सका उसी तरह सेक्टर19 का यह स्मार्ट डे्रनेज सिस्टम भी फ्लॉप ही साबित होगा।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles