ग्लोबल इम्यूनोलॉजी समिट 2024 फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। पाली स्थित ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) में 15-17 जनवरी को आयोजित होने वाली ग्लोबल इम्यूनोलॉजी समिट 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शरीक होंगे। इमर्जिंग फ्रंटियर्स ऑफ इम्यूनोबायोलॉजी एंड इम्यूनोथेरेपी शीर्षक से जटिल रोग प्रतिरोध संबंधी विषय पर आयोजित शिखर सम्मेलन में ‘सर्वज्ञ’ नरेंद्र मोदी भी मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार रखेंगे। टीएचएसटीआई प्रबंधन सहित जिला प्रशासन ने उनके आगमन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
निगम के मुख्य अभियंता बीरेंद्र कर्दम ने बताया कि संस्थान में पेयजल के लिए पाइपलाइन बिछाने और स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए टीएचएसटीआई प्रबंधन ने दो करोड़ रुपये का बजट निगम को उपलब्ध कराया है। निगम अधिकारियों के मुताबिक स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम स्थानीय निकाय यानी नगर निगम के ही जिम्मे होता है। चार किलोमीटर लंबे मार्ग पर आठ सौ स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं। यह काम एक करोड़ रुपयों से अधिक का होने के कारण ई टेंडर प्रक्रिया होनी चाहिए थी। नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया न्यूनतम अवधि 21 दिन में पूरी होती है। यानी टेंडर प्रक्रिया के बिना ही स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम शुरू हो गया। हालांकि एक्सईएन ओमदत्त ने दावा किया कि उन्होंने निविदा आमंत्रित की थी और सोमवार को टेंडर खुल भी गया। वह न तो टेंडर राशि बता सके और न ही किस ठेकेदार को ठेका मिला है इसकी जानकारी दे सके। टेंडर को निगमायुक्त से स्वीकृति मिली है या नहीं इसका भी वे जवाब नहीं दे सके।
हैरानी की बात यह है कि टेंडर खुलने से पहले ही पाली मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाने के गड्ढे खोदे जा रहे थे। एक्सईएन ओमदत्त ने बताया कि गड्ढे तो उन्होंने ट्रैक्टर किराए पर लेकर पहले ही खुदवा दिए हैं, अब ठेकेदार से भुगतान करा दिया जाएगा। नगर निगम में सैकड़ों विकास कार्य समय से पीछे चल रहे हैं और कई तो सालों से लंबित हैं ऐसे में गड्ढे खुदवाने में इतनी तेजी क्यों की गई। जाहिर है, जहां मोटा कमीशन मिलना हो वहां तो दिन का क्या रात में भी काम होता है और जहां कमाई की गुंजाइश कम होती तो फिर वो चाहे कितना भी जनोपयोगी काम हो, लटका दिया जाता है।
निगम के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार ओमदत्त कुछ चहेते ठेकेदारों को ही टेंडर या वर्क ऑर्डर दिलाता है। सच्चाई तो ये है कि टेंडर प्रक्रिया चलती रहती है और ठेकेदार को पहले ही काम करने का हुक्म सुना दिया जाता है। इसके लिए ठेकेदार ओमदत्त को सात से आठ प्रतिशत कमीशन एडवांस में ही पहुंचा देता है। पाली रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी ओमदत्त के ही खास ठेकेदार को दिया गया है। निगम कर्मचारियों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर का वरद्हस्त होने के कारण ओमदत्त निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास से अपने मुताबिक काम करवा लेता है हां, इसके लिए मलाई में हिस्सा भी बांटता है। निगम कर्मचारियों के मुताबिक कोई भी मोटा विकास कार्य जो वैध हो या अवैध लेकिन जिसमें तगड़ा कमीशन मिलना हो या फिर लूट कमाई होनी हो, एक्सईएन ओमदत्त तुरंत हड़प लेता है। पाली रोड पर स्ट्रीट लाइट लगवाने का काम भी कमीशनखोरी के कारण ही इतनी तेजी से कराया जा रहा है।
स्ट्रीट लाइट में मोटा कमीशन होने के कारण इस काम में तो जल्दी की जा रही है लेकिन संस्था तक जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने में ढाई से तीन लाख का ही खर्च आना है। इसमें कमीशन भी चंद हजार रुपये ही बनेंगे इसलिए पेयजल आपूर्ति के काम को ओमदत्त तरजीह नहीं दे रहा। बताया कि यह काम प्रधानमंत्री मोदी के जाने के बाद कराया जाएगा इसके लिए तीन लाख रुपये की टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है, 21दिन बाद टेंडर खुलने पर काम आवंटित किया जाएगा। यह बड़े शर्म की बात है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में शोध करने वाली देश की अग्रणी संस्था में करीब डेढ़ दशक से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई थी। संस्थान पेयजल के लिए भी अपने संसाधनों पर निर्भर था। प्रधानमंत्री के आने पर ही नगर निगम अब यहां पानी मुहैया कराने के लिए पाइप लाइन बिछाने की तैयारी कर रहा है। अब निगम अधिकारी तो यहां तक कह रहे हैं कि जरूरी हुआ तो संस्थान परिसर में ही ट्यूबवेल स्थापित कर आर ओ सिस्टम लगाया जाएगा।