मोदी के अग्निवीर यानी सेना में भर्ती से तौबा

मोदी के अग्निवीर यानी सेना में भर्ती से तौबा
June 19 13:29 2022

चंद्रशेखर जोशी
ऐसी तस्वीरें चार दिन पहले आम थीं। आज सडक़ें सूनी हैं, बंजर खेत-जंगलों में बने मैदानों में भी कोई दौड़ता युवा नहीं है। प्रशिक्षण एकेडमी का गेट भी नहीं खुला है।
…रोज तडक़े सेना भर्ती की तैयारी के लिए देश के लाखों युवक ऐसे ही हर सडक़-मैदान में तैयारी करते थे। केंद्र सरकार के नए नियमों के बाद अब अधिकतर युवाओं ने सेना में भर्ती का इरादा छोड़ दिया है।

…हमारे यहां के एक बीए में पढने वाले 19 साल के सुरेंद्र ने कहा कि वह हाईस्कूल से भर्ती की तैयारी कर रहा था, अब उसे सेना में जाकर जीवन बर्बाद नहीं करना है। सुरेंद्र अब किसी होटल में नौकरी करेगा या किसी कंपनी में मजदूर बन जाएगा या फिर अपने बंजर खेतों से भोजन लायक उपज पैदा करेगा। उसके लिए सेना में चार साल खपने के बाद खाली हाथ घर लौटना संभव न होगा।

…गरीब-मध्यम घरों के युवाओं को भर्ती का सपना दिखाकर कई रिटायर्ड सेना के अधिकारियों ने शहरों में एकेडमी खोली हैं। कुछ समय यह लोग मुफ्त में प्रशिक्षण देते थे, बाद में फीस वसूलते हैं। कई एकेडमी संचालकों ने हास्टल भी बनाए हैं। इनमें गरीब घरों के युवकों से अच्छा खासा धन लिया जाता है। करीब एक सप्ताह से एकेडमी में आने वाले युवाओं की संख्या कम होने लगी। पिछले दो दिनों में हास्टलों में रहने वाले अधिकतर युवक अपने घरों को जा चुके हैं। शहर की कई एकेडमी अब खाली हैं।

…उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के युवाओं को सैनिक, जीडी में भर्ती करने के बाद सीधे जम्मू-कश्मीर, नागालैंड आदि तनावग्रस्त क्षेत्रों में भेज दिया जाता था। हालांकि इससे पहले उनकी एक साल की ट्रेनिंग होती थी, लेकिन अब भर्ती के बाद चार साल की नौकरी में वह हथियारों का नाम भी याद नहीं कर पाएंगे। उन्हें सीधे सीमा क्षेत्रों में भेज दिया जाएगा।

…समझदार परिजनों ने भी बच्चे के सेना में जाकर जान गंवाने के इरादों पर विराम लगा दिया है। उनका कहना है कि खेत छोटे ही सही पर पेट भरने की उपज पैदा कर लेंगे। सेना की ऐसी हालत होने के बाद परिजन कह रहे हैं कि हम भूखे जान दे देंगे लेकिन बच्चे को फर्जी शहीद का दर्जा देना कबूल नहीं करेंगे।

…सेना में भर्ती होने वाले सभी युवा गरीब घरों के होते हैं। इन युवाओं के जीवन की बर्बादी का सरकारी फरमान किसी को मंजूर नहीं। गरीबों का यह दुख किसी टीवी चैनल या अखबारों का हिस्सा नहीं बनेगा। सभी की लगभग एक ही पुकार है।

..नेता अपने बच्चों को बनाएं अग्निवीर, उन्हीं को अग्नि में झोंकें, उस अग्नि की तपिश से पाएं सत्ता.

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