फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) भ्रष्टाचार मुक्त शासन का ढिंढोरा पीटने वाले मोदी की सरकार के केंद्रीय मंत्री ने भ्रष्टाचारी फर्जी डिग्रीधारक नगर निगम के एक्सईएन ओमदत्त को अपना बेटा कहने का फर्ज निभा दिया। भ्रष्ट आचरण के कारण निगम आयुक्त मोना ए श्रीनिवास ने ओमदत्त से सभी काम छीन कर एक्सईएन नितिन कादयान को सौंप दिए थे, अब पिता समान केंद्रीय मंत्री के इशारे पर नगर निगम में हाल ही में शामिल किए गए तिगांव विधानसभा क्षेत्र के 24 गांव उसे सौंप दिए। इन गांवों में विकास के लिए नगर निगम की ओर से मोटा धन जारी किया गया है। ये गांव मिलने पर ओमदत्त विकास के नाम पर बड़े बड़े खेल करेगा, इसकी मलाई अपने पिता समान मंत्री को भी खिलाएगा।
फर्जी डिग्री होने के बावजूद मंत्री के आशीर्वाद से नगर निगम में एक्सईएन पद पर पहुंचा ओमदत्त भ्रष्टाचार में पूर्व चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर से भी कहीं आगे है। हाल ही में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए पाली रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने के घोटाले से लेकर ई टेंडरिंग में खेल कर चुकने, चहेते ठेकेदारों को काम बांटने की कारगुजारी उसके भ्रष्टचार के ताजा नमूने हैं। मज़दूर मोर्चा ओमदत्त के भ्रष्टाचार के कारनामे उजागर करता रहा है। 13-19 फरवरी के अंक में ‘टेंडर में खेल कर नगर निगम में लूट कमाई कर रहा मंत्री गूजर का बेटा ओमदत्त’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में ई टेंडरिंग में करीब डेढ़ करोड़ के फर्जी टेंडर आमंत्रित करने की खबर दी गई थी।
इन टेंडरों का शीर्षक सूरजकुंड मार्ग की मरम्मत का था लेकिन अंदर काम पार्कों के सौंदर्यीकरण का था। निगम सूत्रों के अनुसार ओमदत्त इस तरह हेराफेरी कर टेंडर में जारी रकम की बंदरबांट कर लेता है और जमीन पर काम या तो होता नही या फिर पुराने काम को ही दिखा कर पेमेंट ले लिया जाता है। इससे पहले ‘पीएम मोदी की तैयारी के नाम पर नियम कानून ताक पर’ शीर्षक से प्रकाशित खबर में ओमदत्त द्वारा स्ट्रीट लाइटें लगाए जाने में धांधली करने की आशंका जताई थी। ये स्ट्रीट लाइटें भी कार्यक्रम समाप्त होने के दूसरे सप्ताह से ही गिरने लगीं थी, इस भ्रष्टाचार की खबर भी प्रकाशित की गई थी।
भ्रष्टाचार के कारण लगातार सुखिर्यों में आने के कारण निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास ने 17 फरवरी को ओमदत्त से सारे काम छीन लिए थे। लूट कमाई का खून मुंह में लग जाने के कारण अधिकार छिनते ही ओमदत्त परेशान हो उठा और तुरंत ही पिता समान केंद्रीय मंत्री को रोना रोया। शहर के बाहर होने के कारण केंद्रीय मंत्री ने पुत्र को लौटने पर उसका रुतबा लौटाने का आश्वासन दिया था।
सोमवार को बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बेटे ओमदत्त ने मंत्री गूजर की चरण वंदना कर चार्ज वापस दिलाने की जिद कर डाली। इस पर पिता ने निगम आयुक्त मोना ए श्रीनिवास को फोन कर बेटे की इच्छा पूरी करने का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि निगमायुक्त ने अखबारों में बेटे फजीहत होने के कारण निगम की छवि खराब होने का हवाला दिया लेकिन मंत्री अड़े रहे, अंत में तय हुआ कि नगर निगम के डिवीजन दो का चार्ज नहीं दें लेकिन हाल ही में नगर निगम परिसीमा में शामिल किए गए 24 गांवों के विकास का जिम्मा पुत्र ओमदत्त को दिया जाए।
निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास भी जानती हैं कि जिस ओमदत्त का मुख्यमंत्री खट्टर भी बाल-बांका नहीं कर सके यानी ट्रांसफर नहीं करवा सके, जिसे केंद्रीय मंत्री गूजर अपना बेटा कह हर तरह से उसका बचाव करते हैं, उसके लिए मंत्री से लड़ाई लेना उचित नहीं। बुधवार को उन्होंने ओमदत्त को नए शामिल किए गए 24 गांवों का चार्ज सौंप दिया। हालांकि यह शर्त जोड़ दी गई है कि वह टेंडर जारी कर सकेंगे लेकिन इसके लिए पहले अधीक्षण अभियंता से स्वीकृति लेनी होगी और उनकी देखरेख में ही टेंडर प्रक्रिया की जाएगी। निगम के जानकारों का कहना है कि यह शर्त निगमायुक्त ने अपने बचाव के लिए लगाई है वरना सब जानते हैं कि ओमदत्त किसी भी काम के लिए किसी से कोई परमीशन नहीं लेता।