फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मंत्री कृष्णपाल गूजर को चाचा बता कर सेक्टर 21 सी मार्केट में रेहड़ी-पटरी दुकानदारों से रोजाना पचास रुपये रंगदारी वसूलने वाला अमित चपराना उर्फ नंबरदार बदमाशी करने के लिए अपने पास हथियारों का जखीरा भी रखता है। क्राइम ब्रांच बदरपुर ने बीते सप्ताह उसे एक अवैध राइफल सहित छह देसी कट्टों व 15 कारतूस के साथ गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया। उसके खिलाफ शराब तस्करी, रंगदारी वसूलने, दहशत फैलाने के लिए फायरिंग करने, अवैध हथियार रख्रने के चार केस पहले से दर्ज हैं लेकिन पुलिस कभी उसे गिरफ़्तार करने की भी हिम्मत न जुटा पाई थी लेकिन अब यकायक बड़ी हिम्मत जुटा कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन हिरासत में रख कर तमाम पिछली वारदातों का खुलासा करने की हिम्मत न जुटा पाई, इसलिए उसे तुरंत न्यायिक हिरासत में भेज कर अपनी जान छुड़ाई।
जिस अमित के पास इतने हथियार मिले वो पुलिस पूछताछ में बताता है कि आत्मरक्षा के लिए उसने इन्हें यूपी से खरीदा है। सवाल ये पैदा होता है जो युवक सरेराह गुंडागर्दी करके लोगों को लूटता घसोटता हो, रेहड़ी पटरी वालों से रोजाना रंगदारी वसूलता हो तथा आम नागरिकों से मारपीट करता हो उसे आत्मरक्षा की चिंता कैसे हो सकती है, यदि हो भी गई हो तो देश में शस्त्र लाइसेंस का प्रावधान है और जिसका चाचा मंत्री हो उसे ऐसे लाइसेंस मिलने में कोई दिक्कत भी नहीं हो सकती। लिहाजा, यह बहाना तो एकदम से खारिज हो जाता है। बड़ी सीधी सी बात है चपराना यह हथियार आम लोगों पर अपना रौब गालिब करने व डरा धमका कर अपनी वसूली के भाव बढ़ाने के उद्देश्य से ही रखे हुए था।
आत्मरक्षा के लिए सरकार ने हथियार के लाइसेंस का प्रावधान कर रखा है। यदि सभी अवैध हथियार रखने लगे तो फिर लाइसेंस का क्या मतलब रह जाएगा। सात असलहे तो गैंगवार, वर्चस्व कायम करने, शूटरों की टीम बनाने के इरादे से ही इकट्ठा किए जा सकते हैं। पुलिस ने उससे कोई पूछताछ नहीं की। लगता है कि चाचा गूजर ने अमित द्वारा लोकसभा चुनाव में उनके लिए जी जान लगाने की एवज में उसे कोई तकलीफ नहीं पहुंचने का संदेश क्राइम ब्रांच को दिया होगा।
हालांकि कृष्णपाल गूजर सीधे तौर पर अमित से किसी तरह का संबंध होने से इनकार ही करेंगे लेकिन सब जानते हैं कि मेवला महराजपुर में रहने वाले हर सजातीय से उनके आत्मीय, प्रगाढ़ और पारिवारिक संबंध हैं। अमित चपराना का परिवार भी उनमें शामिल है, इसीलिए तो वह रेहड़ी-पटरी वालों को मंत्री गूजर से अपना रिश्ता बताते हुए धमकाने और रिपोर्ट दर्ज कराने पर पुलिस भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ेगी जैसी धमकियां देता है। यह सच भी किसी से छिपा नहीं हैं कि सत्ताधारी इस तरह के गुंडे बदमाशों को पालते हैं ताकि समय पडऩे पर उन्हें अपने हित में इस्तेमाल कर सकें। अमित चपराना भी जमानत पर बाहर आकर एक बार फिर चाचा के लिए काम में जुट जाएगा।