मंत्री गूजर के इशारों पर नाच रहीं निगमायुक्त मोना श्रीनिवास

मंत्री गूजर के इशारों पर नाच रहीं निगमायुक्त मोना श्रीनिवास
May 26 07:36 2024

वोटों के लिए जन सुविधाओं की बंदरबांट से लेकर विपक्षी प्रत्याशी के पोस्टर फड़वाने तक चल रहा मंत्री का आदेश

ऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण पाल गूजर के राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करने से बाज नहीं आ रहे हैं। निगमायुक्त मोना श्रीनिवास शहर की मलिन बस्तियों के वोट बैंक को मंत्री के पक्ष में करने के लिए उनके इशारे पर बेजा सुविधाएं दिलवाने में जुटी हैं तो विपक्षी कांग्रेसी प्रत्याशी के बैनर पोस्टर हटवाने के काम भी कर रही हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने उन्हें नगर निगम फरीदाबाद के अलावा गुडग़ांव नगर निगम, स्मार्ट सिटी फरीदाबाद और हरियाणा भवन का अतिरिक्त चार्ज भी दे रखा है, सरकार के इन अहसानों का बदला चुकाने के लिए वह कृष्णपाल की राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं।

केंद्र और राज्य में दस साल से सत्ता का मजा लूट रही भाजपा की डबल इंजन सरकारों ने जनता को कोई सुविधा नहीं दी। विकास के नाम पर लूट कमाई करने के लिए स्मार्ट सिटी, एफएमडीए बना डाले। इनमें तैनात नाकारा व भ्रष्ट अधिकारियों ने कागजों पर सब्ज़ बाग़ दिखा कर करोड़ों रुपयों की न केवल बंदरबांट की बर्बादी भी खुल कर की। इन दस साल में शहरवासियों को साफ और पर्याप्त पेयजल, सीवर लाइन, जल निकासी, गड्ढामुक्त सडक़ें उपलब्ध कराने का ढिंढोरा पीटा गया लेकिन कार्रवाई शून्य रही। पूर्व सीएम खट्टर ने वोट बैंक की राजनीति करते हुए पहले तो निजी बिल्डरों की सैनिक कॉलोनी को नगर निगम में शामिल कराया, बाद में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बसी कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा कर दी।

खट्टर ने वोटों की लालच में इन बस्तियों को नियमित तो कर दिया लेकिन इनमें कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराईं। नियमित की गई कॉलोनियों में तो वोटों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन सुविधाएं नहीं दिए जाने के कारण जनता में सरकार और उसके नुमाइंदों के प्रति नाराजगी है। इन बस्तियों में सबसे बड़ी समस्या पेयजल आपूर्ति की है। मंत्री गूजर के लगुए भगुओं ने उन्हें सलाह दी कि पेयजल की भारी कमी से जूझ रहीं बडख़ल और एनआईटी विधानसभा में नियमित की गई कॉलोनियों में यदि चुनाव तक पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति करा दें तो कार्यकर्ता उनके लिए माहौल बना कर वोट हासिल कर लेंगे। गूजर को ये बात समझ में आ गई और उन्होंने निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास को इन कालोनियों में पेयजल पहुंचाने का आदेश सुना दिया।

मंत्री के आदेश पर उनके कार्यकर्ता की तरह निगमायुक्त ने कॉलोनियों की पानी आपूर्ति कराने का फरमान मातहतों को सुना दिया। निगम पहले ही शहर की 450 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) की मांग के एवज में केवल 350 एमएलडी जलापूर्ति कर पा रहा है। यानी शहर पहले ही सौ एमएलडी पानी की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में यदि उन जगहों से पानी कटौती की जाती जहां गूजर की हालत खराब है तो वहां के बचे खुचे वोट जाने का भी डर रहता। गूजर के खास लगुए भगुए धनेश अदलखा ने निगमायुक्त को समझाया कि उन इलाकों में पानी की कटौती की जाए जहां अंधभक्तों का बोलबाला है। वो लोग मोदी और गूजर के नाम पर परेशानी उठा लेंगे। इस पर निगमायुक्त ने सैनिक कालोनी और आसपास के इलाके की पानी आपूर्ति में कटौती कर वहां का पानी नियमित कॉलोनियों में भेजने का हुक्म सुना दिया।

नगर निगम सूत्रों के अनुसार सैनिक कॉलोनी और उसके आसपास को सप्लाई किए जाने वाले 35 एमएलडी में से पंद्रह एमएलडी पानी की कटौती कर बीते पंद्रह दिन से एनआईटी और बडख़ल विधानसभा क्षेत्र की कॉलोनियों में भेजा जा रहा है। लगभग 45 प्रतिशत कटौती होने के कारण सैनिक कॉलोनी और आसपास के लोग लो प्रेशर, पानी न आने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। निगम के सूत्रों के अनुसार यह व्यवस्था मतदान के दिन तक जारी रहेगी, लेकिन इसके बाद भी सैनिक कॉलोनी को पूरा 35 एमएलडी पानी न देकर तीस एमएलडी तक आपूर्ति की जाएगी, पांच एमएलडी पानी दूसरे इलाकों में सप्लाई किया जाएगा।

इसी तरह सेक्टर 48 के वोटरों को साधने के लिए सेक्टर 21 डी में भी पानी की कटौती की जा रही है। बताया जा रहा है कि मंत्री के इशारे पर यहां नगर निगम के बूस्टर में सेक्टर के पानी की कटौती कर निजी टैंकरों के द्वारा दूसरे इलाकों में भेजा जा रहा है। सेक्टर 21 डी आरडब्ल्यूए के गजराज नागर ने सेक्टर 48 इलाके में पानी की आपूर्ति किए जाने के कारण स्थानीय लोगों को हो रही समस्या की शिकायत निगम में की लेकिन उन्हें चलता कर दिया गया।

कृष्णपाल की कार्यकर्ता की तरह काम कर रहीं निगमायुक्त ने पानी आपूर्ति में ही खेल नहीं किया है। गूजर को कड़ी टक्कर दे रहे कांग्रेस के महेंद्र प्रताप चौधरी के पोस्टर फड़वाने में भी वे जुटी हैं। चुनाव प्रचार के लिए लगभग सभी प्रत्याशी खंभों और सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर लगा रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप चौधरी के समर्थकों ने भी खंभों और सार्वजनिक स्थानों पर उनके बैनर पोस्टर लगा रखे हैं। जनता में महेंद्र प्रताप के बढ़ते प्रताप की ताब न लाकर उसे मिटाने के फरमान कृष्णपाल गूजर ने जारी कर दिया।
गूजर ने यह जिम्मेदारी खट्टर के कलेक्शन एजेंट अजय गौड़ का सौंपी है। अजय गौड़ उन इलाकों जहां महेंद्र प्रताप के पोस्टर बैनर लगे हैं, इनमें खास कर नहर पार के इलाके शामिल हैं, की पहचान कर निगमायुक्त को फोन कर कार्रवाई करने का आदेश सुनाता है। आदेश मिलते ही निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता आनन फानन पहुंच कर गूजर के विरोधी प्रत्याशियों के पोस्टर फाड़ डालता है। मोना ए श्रीनिवास कार्रवाई की फोटो अजय गौड़ को भेज कर अपनी स्वामिभक्ति का प्रदर्शन करती हैं।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार तगड़े विरोध से परेशान मंत्री गूजर विपक्ष के मजबूत इलाके के वोटरों को लुभाने के लिए पानी आपूर्ति से लेकर चंद चमचों से बंद कमरे में बैठक करने और विपक्षियों के पोस्टर फड़वाने के स्तर तक उतर चुके हैं। जब केंद्रीय चुनाव आयोग पर सत्ता पक्ष के हिटमैन के रूप में काम करने के आरोप लग रहे हैं तो मोना ए श्रीनिवास की क्या बिसात और जब डबल इंजन की सरकारें मोना ए श्रीनिवास और उनके परिवार पर मेहरबान हैं तो वो क्यों न मोदी और गूजर के लिए हिटमैन के रूप में काम करें। मोना के ऊपर अपना शिकंजा और मजबूत करने के लिए उनके पतिदेव को भी भरपूर मलाई खाने के लिए एफएमडीए का अतिरिक्त कार्यभार भी दे दिया है। ऐसे में मैडम भी अगर मंत्री गूजर के हक में सत्ता का दुरुपयोग कर रही हैं तो इसमें आश्चर्य क्या है?

केस दर्ज करने में संतुलन साधता रहा प्रशासन
मंत्री गूजर के इशारे पर विपक्षी प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर फड़वाने की निगमायुक्त की एकतरफा कार्रवाई को संतुलित करने के लिए प्रशासन ने कृष्णपाल गूजर के खिलाफ भी सार्वजनिक संपत्ति को विकृत करने का केस दर्ज कराया। पूरे जिले को बैनर पोस्टर और झंडों से पाटने वाले मंत्री को अपने खिलाफ केस दर्ज किया जाना नागवार गुजरा। मंत्री जी की नाराजगी दूर करने के लिए आनन फानन कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप सिंह और इनेलो प्रत्याशी सुनील तेवतिया के खिलाफ भी केस दर्ज कराया गया।

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Mazdoor Morcha
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