फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मंत्री कृष्णपाल गूजर को पिता कहने वाला नगर निगम का फर्जी डिग्री धारक एक्सईएन ओमदत्त सरकार के अंतिम समय में मोटी लूट कमाई करने में जुट गया है। नगर निगम में शामिल हुए तिगांव विधानसभा के चौबीस गांवों के विकास के नाम पर लूट कमाई करने का जिम्मा निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास ने गूजर की सिफारिश पर पहले ही ओमदत्त को दे दिया था। अब ओमदत्त इन गांवों में पहले से ही आरएमसी और पक्की बनी सडक़ों और गलियों को दोबारा पक्की बनाने के लिए 65 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में महज तीन महीने बचे हैं। ऐसे में सरकार जल्दी जल्दी विकास कार्य कराने पर जोर दे रही है। इन चौबीस गांवों के प्रभारी भ्रष्ट एक्सईएन ओमदत्त ने बताया कि सेक्टरों के साथ नगर निगम में शामिल किए गए 24 गांवों की गलियां 65 करोड़ रुपये खर्च कर पक्की की जाएंगी। गलियों में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई जाएंगी। इसके बाद स्ट्रीट लाइटें और सीवर लाइन डालने का काम किया जाएगा। तीन महीने में इसका भी एस्टीमेट पास करा कर काम शुरू कराया जाएगा।
जानकारों के अनुसार पूरे जिले में कोई भी ऐसा गांव नहीं है जहां सडक़ें और गलियां पक्की नहीं हों। तिगांव विधानसभा क्षेत्र में शामिल किए गए 24 गांवों मेें भी लगभग सभी सडक़ें आरएमसी की हैं जबकि गलियों में इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछी हैं। कोई इक्का दुक्का गली ही कच्ची बची होगी, सेक्टरों में भी सडक़ गली पक्के ही हैं। 65 करोड़ रुपयों में कागजों पर ही नई सडक़ें बना कर मोटी मलाई काटी जाएगी, जो नेता से लेकर अधिकारियों के बीच बंटेगी।
सुधी पाठकों को बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी के पाली स्थित ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) में कार्यक्रम से पहले ओमदत्त ने पाली रोड पर चार किलोमीटर में आठ सौ स्ट्रीट लाइटें लगवाई थीं। ये स्ट्रीट लाइटें एक महीने में ही गिर गई थीं। करीब डेढ़ करोड़ रुपये में लगाई गईं इन स्ट्रीट लाइटों में गूजर के बेटे ओमदत्त ने बहुत मोटा हाथ मारा था। इससे नाराज होकर ही निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास ने उससे सभी चार्ज छीन लिए थे। लेकिन पिता समान मंत्री गूजर ने बेटे ओमदत्त को न सिर्फ पुराने चार्ज वापस दिलवाए बल्कि नगर निगम में शामिल हुए तिगांव के 24 गांवों के विकास के नाम पर लूट करने का जिम्मा भी उसे दिलवा दिया। 65 करोड़ में सडक़ गलियां बनाने का काम इसी लूट की पहली किस्त है, इसके बाद स्ट्रीट लाइटें और सीवर लाइन से भी कमाई की जाएगी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार विकास कार्यों के लिए नहीं इसके नाम पर होने वाली मंत्री-संत्रियों की मोटी ऊपरी कमाई के लिए जल्द-जल्दी बचे हुए काम कराने को बेताब है। यदि सरकार विकास कार्यों के प्रति सच में गंभीर होती तो दस साल में प्रदेश में न जाने कितने काम हो चुके होते। भाजपाइयों को मालूम है कि जीत विकास पर नहीं बल्कि हिंदू-मुसलमान, पैंतीस बनाम एक बिरादरी के नाम पर समाज को बांट कर हासिल की जाएगी।
चुनाव से पहले बिटुआ जैसे दंगाइयों, अधंभक्तों को समाज का धु्रवीकरण करने के लिए फंड की जरूरत होगी जिसे विकास के नाम पर होने वाली लूट कमाई से हासिल किया जा रहा है। चुनाव नजदीक आते ही दंगाई बिट्टू और उसकी भगवा टोली सरकार की राह आसान करने के लिए यात्रा, रैली, जुलूस आदि निकाल कर समाज को बांटने में जुट जाएंगी। एक बार तो जुट ही जाएंगी फिर चाहे चप्पल छोड़ कर भागना ही क्यों न पड़े।