फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) चुनावी मौसम में चंद सप्ताह के बचे कार्यकाल में शिक्षा मंत्री बनीं बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा आईएएस अफसरों को अपने पद की धौंस में लेकर गलत व नियम विरुद्ध काम कराने का दबाव बनाने का प्रयास करने लगी हैं। ताजा उदाहरण एनआईटी तीन एफ ब्लॉक स्थित उनकी चार मंजिला अवैध बिल्डिंग में पांचवें तल का लिंटर डालने का है। बताया जाता है कि निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास ने उनसे पांचवीं मंजिल नहीं बनवाने का अनुरोध किया था जिस पर उन्होंने निगमायुक्त को जमकर लताड़ा और काम में दखल नहीं देने की सख्त हिदायत के साथ ही तबादला करवाने की धमकी तक दे डाली। मंत्री के व्यवहार से आहत निगमायुक्त काफी नाराज हैं और वो भी अपने पद की ताकत दिखाने का इंतजार कर रही हैं।
एनआईटी तीन का एफ ब्लॉक आवासीय है। विधायक बनने से पहले सीमा त्रिखा एफ ब्लॉक के इसी घर में रहती थीं। वर्तमान में उनके पारिवारिक सदस्यों का इस पर कब्जा है। एक वर्ष पहले इस आवासीय प्लॉट को तोडक़र दोबारा चार मंजिला व्यावसायिक इमारत बना दी गई। नगर निगम के बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार यहां न तो ढाई मंजिल से अधिक तल वाली इमारत बनाई जा सकती है और न ही व्यावसायिक भवन। विधायक रहते हुए सीमा त्रिखा ने सितंबर 2023 में इस पर चार मंजिला व्यावसायिक इमारत खड़ी कर दी। केवल साठ फीट चौड़ी सडक़ होने के कारण इस प्लॉट का सीएलयू भी नहीं हो सकता, क्योंकि सीएलयू के लिए सामने कम से कम तीस मीटर चौड़ी सडक़ होना अनिवार्य है। बावजूद इसके सत्ता का रौब दिखा कर यहां चार मंजिला व्यावसायिक इमारत बना डाली गई। इस पर बाकायदा बैंक, ऑफिस, एजुकेशन सेंटर, नर्सिंग होम, स्वीट्स हाउस आदि के लिए किराए पर खाली का बोर्ड भी लगाया गया था।
मज़दूर मोर्चा ने सितंबर 2023 के अंक में ‘विधायक के परिवार वालों को कहीं भी अवैध दुकान बनाने की छूट’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। तब निगमायुक्त ने कार्रवाई के नाम पर भवन पर टंगा किराए के लिए खाली का बोर्ड उतरवा दिया था। जबकि इसके ठीक सामने सडक़ के दूसरे छोर पर 3 ई 75 की चार मंजिला इमारत को अवैध बताते हुए सील कर दिया गया था। निगम सूत्रों के अनुसार विधायक की इमारत की कीमत बढ़ाने के लिए सामने वाली बिल्डिंग को सील करवाया गया था।
वर्तमान में इस इमारत में पांचवी मंजिल बनाई जा रही है। इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने नगर निगम में की थी। बताया जा रहा है कि निगमायुक्त ने निर्माण कार्य रुकवाने का आदेश दिया लेकिन निगम में बैठे सीमा के दलाल कर्मचारियों ने इसकी खबर उन तक पहुंचा दी। फिर क्या था मंत्री निगमायुक्त कार्यालय पहुंच गईं। बताया जाता है कि नाराज मंत्री ने आदेश जारी करने के लिए निगमायुक्त को धमकाया। निगमायुक्त ने भी पहले तो शालीनता से अपना पक्ष रखा और बाद में नियमानुसार कार्रवाई करने के अपने अधिकार भी गिना दिए। इससे मंत्री भडक़ गईं और सीएम से शिकायत करने की धमकी दे डाली। नगर निगम के जानकारों के अनुसार सरकार आईएएस अधिकारियों के तबादले करने पर विचार कर रही है, यदि सीमा त्रिखा की सुनी गई तो मोना ए श्रीनिवास की गद्दी भी जा सकती है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी यदि सही है तो मोना बधाई की हकदार हैं लेकिन दुख तो इस बात का है कि ये कदम उन्होंने बहुत देर से उठाया, इतनी समझ तो मोना को भी होगी कि यह मंत्री-संत्री तबादले से अधिक उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते जो कि कभी न कभी तो होना ही होता है।