करनाल (जेके शर्मा) जिले की मंडियों में धान की आवक के जोर पकडऩे से नई अनाज मंडी में एंट्री न मिलने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने गेट नंबर 4 पर एंट्री बंद होने के कारण पहले सर्विस रोड को जाम किया, उसके बाद नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलने के बाद अधिकारी हरकत में आ गए और जिस कर्मचारी को गेट पास की एंट्री की जिम्मेदारी थी, उस कर्मचारी को वहां से हटा दिया गया।
13 अक्टूबर को मौसम खुलने पर किसान अपनी धान लेकर करनाल की मंडी में पहुंचे थे, किसानों ने करीब 30 मिनट तक नेशनल हाईवे पर जाम लगा कर रखा। पुलिस व अधिकारियों द्वारा किसानों को समझाने बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन किसान अपनी बात पर अडिग रहे। किसानों का आरोप है कि करनाल की नई अनाज मंडी में एंट्री को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है, मंडी प्रशासन ने इतने गेट बनाए हुए हैं, लेकिन उनमें एंट्री बंद कर दी जाती है।
किसानों का कहना है कि इससे उनको जाम की स्थिति से जूझना पड़ता है । पहले भी इसी तरह की जाम की स्थिति मंडी में बनी रही है और आज भी वही हालात बन चुके हैं, जिसके कारण किसानों को मजबूरन जाम लगाना पड़ रहा है क्योंकि सरकार और कोई भाषा समझती ही नहीं।
किसानों ने कहा कि वैसे तो मंडी प्रशासन व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन धरातल पर इन दावों की हकीकत कुछ और ही होती है। न तो यहां कोई सुनने वाला है और न ही देखने वाला। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उस अधिकारी और कर्मचारी को गेट पास की जिम्मेदारी से हटा दिया, जिसके बाद उनका गुस्सा शांत हुआ।
मंडी सचिव सुंदर कांबोज ने बताया कि सुबह एक गेट पर तकनीकि खराबी के चलते गेट पास नहीं कट रहे थे। इससे गुस्साए किसानों ने जाम लगा दिया था। बाद में वहां से कर्मचारी को हटा दिया और दूसरे कर्मचारी को ड्यूटी पर लगा दिया।
यानी की जाम लगते ही तकनीकी खराब बिल्कुल ठीक हो गयी।