फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) इंडिया गठबंधन के कांग्रेसी उम्मीदवार महेंद्र प्रताप सिंह के नामांकन कार्यक्रम में उमड़ी अपार भीड़ ने जिले में सत्ता परिवर्तन का स्पष्ट संकेत दे दिया है। केंद्र में कांग्रेस की वापसी और फरीदाबाद में महेंद्र प्रताप की जीत सुनिश्चित देख भाजपा के छह पार्षदों ने मंच पर ही कांग्रेस का हाथ थाम लिया। मंच पर हुड्डा, सैलजा-सुरजेवाला गुट के नेताओं की सक्रिय भागेदारी ने कांग्रेस में फूट होने का दुष्प्रचार करने वाले भाजपाईयों के मुंह पर ताला लगा दिया। विरोध कर रहे करण दलाल भी महेंद्र प्रताप के समर्थन में आ गए। नामांकन कार्यक्रम में स्वत: स्फूर्त शामिल हुई अपार भीड़ को महेंद्र प्रताप को कम से कम सात लाख वोटों से जिताने की हुंकार भरते सुना गया।
पांच बार विधायक और दो बार हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र प्रताप सिंह साढ़े ग्यारह बजे एनआईटी विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक शारदा राठौर और वरिष्ठ कांग्रेसी लखन सिंगला के साथ सेक्टर 12 जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे। नामांकन कराने के बाद उनका काफिला सेक्टर 12 स्थित हेेलीपैड मैदान पहुंचा। यहां अपार भीड़ ने उनका नारों से स्वागत किया। उनका समर्थन करने बीस हजार से अधिक लोग अपने वाहन, बाइक, साइकिल और पैदल ही पहुंचे थे। कार्यक्रम समाप्त होने तक लोगों का आना जारी था। सभा के संबोधन में महेंद्र प्रताप सिंह ने उन्होंने भाजपा और कृष्णपाल गूजर के खिलाफ जमकर हमला किया। भाजपा के दस साल के कार्यकाल में देश और शहर की हुई दुर्दशा, महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी, भूमाफिया का बोलबाला जैसे राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर मोदी व कृष्णपाल गूजर की असफलताएं गिनाईं तो भीड़ ने भी शोर मचा कर उनका समर्थन किया। कांग्रेस के मेनीफेस्टो में समाज के हर वर्ग खास कर महिलाओं के कल्याण, सामाजिक समानता- सुरक्षा, पक्की सरकारी नौकरी आदि की घोषणा की तो लोगों ने उनकी जीत सुनिश्चित होने की हुंकार भरी। सभा में आए लोंगों में भाजपा और कृष्णपाल गूजर के खिलाफ रोष दिखा।
लोगों का कहना था कि दस साल में कृष्णपाल गूजर ने अकूत चल अचल संपत्ति इकट्ठा की लेकिन जिले और आम जनता के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी दस साल में देश को गर्त में ढकेल दिया, चुनाव में अपनी उपलब्धियां नहीं बता पा रहे तो हिंदू मुस्लिम कार्ड खेल रहे हैं, जनता उनकी चाल समझ चुकी है। महेंद्र प्रताप की सभा में उमड़ी भीड़ देख भाजपाईयों में खलबली मच गई है। जो भाजपाई चार सौ सीटें लाने और दस लाख वोटों से जीतने के दावे करते थे, कांग्रेस प्रत्याशी के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ देख कर अपने प्रत्याशी की हार के प्रति चिंतित नजर आए।
कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में उमड़ी स्वत: स्फूर्त भीड़ ने केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर की चिंता बढ़ा दी है। अपने नामांकन में क्या वह इतनी भीड़ जमा कर पाएंगे। महेंद्र प्रताप के कार्यक्रम ने जो रेखा खींची है कृष्णपाल गूजर के लिए उससे बड़ी रेखा खींचना गंभीर चुनौती होगी। वैसे भी भाजपा और उसके नेता भीड़ जुटाने के लिए लेबर चौक से दिहाड़ी मज़दूर को पांच सौ रुपये, भोजन पर जुटाने, आशा वर्करों को जबरन कार्यक्रम में शामिल होने को मजबूर करने, भीड़ जुटाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करने मे महारत हासिल है लेकिन जिस तरह आम जनता का भाजपा से मोहभंग हुआ है वह कृष्णपाल के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। अब देखना है कि कृष्णपाल अपने नामांकन में चौक से दिहाड़ी मज़दूरों को इकट्ठा करेंगे या उसके लिए भी वो राम भरोसे ही रहेंगे।