फरीदाबाद। सेक्टर-24 औद्योगिक क्षेत्र के लखानी चौक में सुबह 7.30 बजे अलग-अलग टीमें अपने यहां मार्च निकालते हुए एकत्रित हुए। जैसे सरूरपुर दुर्गा कॉलोनी से मार्च शुरू करते हुए सरूरपुर औद्योगिक क्षेत्र होते हुए पहुंचा, अगला संजय कॉलोनी पुलिस चौकी के पास एकत्रित होकर संजय कॉलोनी मजदूर बस्ती में घूमते हुए पहुंचा और एक आजाद नगर नहर पर एकत्रित होकर मजदूर बस्ती आजाद नगर होते हुए एस्कॉर्ट मुजेसर पहुंचा वहां से लखानी चौक पहुंचा।
फरीदाबाद सेक्टर-24 लखानी चौक में सभी टीम एकत्रित हुए और डाबरी मोड होते हुए मार्च निकाला। जिसमें कारखाने से आने-जाने वाले मजदूर साथियों ने बढ़-चढक़र भागीदारी की। जीकेएन कंपनी जो सेक्टर-24 में ही पड़ती है के झंडारोहण में शामिल हुए और “लाल लाल झंडा है जान से भी प्यारा है” गीत गाया और एक साथी द्वारा लोगों को संबोधित किया। शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन भी किया और फिर आगे बढ़े पंजाब रोलिंग में नुक्कड़ सभा की और अंत में क्रांतिकारी गीत गाकर मार्च का समापन किया। इंकलाबी मजदूर केंद्र व शोषित जन संघर्ष समिति द्वारा फरीदाबाद, संतोष नगर मजदूर बस्ती से हो कर राजीव नगर मार्केट सिंघानियां चौक तक जुलूस निकाला गया और दो जगह पर नुक्कड़ सभा की गई। मई दिवस के अमर शहीदों को याद करते हुए सभी वक्ताओं ने कहा कि 8 घंटे काम के अधिकार के लड़ाई में शहीद मजदूरों को याद करने की आज ज्यादा जरुरत है। आज मोदी सरकार ने मजदूरों के अधिकारों पर हमला बोला हुआ है । नये मजदूर विरोधी लेबर कोड बना कर गुलाम बनाने, खूनी साजिश के खिलाफ संघर्ष तेज करने लिए एक जुट होना पड़ेगा।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर इंकलाबी मजदूर केंद्र ने शाम 4.30 बजे फरीदाबाद सेक्टर-24 चंद्रिका प्रसाद समुदाय भवन में जनसभा का आयोजन किया। सभा का संचालन संजय मौर्य ने किया। सबसे पहले “लाल लाल झंडा है जान से भी प्यारा है” सांस्कृतिक टीम ने इस गाने की प्रस्तुति दी। सभा में वक्ताओं ने मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव को निशाने में लिया और फासीवादी सरकार द्वारा जो सांप्रदायिक माहौल बनाया जा रहा है हिंदू-मुस्लिम को लड़ाया जा रहा है फर्जी मुद्दे खड़े किए जा रहे हैं उनको भी अपने निशाने में लिया।
सभा में मजदूर मोर्चा अखबार के सतीश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता रामपाल जांगड़ा जी और भीम आर्मी के विजय कृष्ण ने भी अपनी बातें रखी। सामुदायिक भवन से रामचरण मोड तक जुलूस भी निकाला गया। इस पूरी कार्यवाही में इंकलाबी मजदूर केंद्र के सदस्यों व कार्यकर्ताओं और आम जनता मजदूरों ने अच्छी भागीदारी की।
अंत में सांस्कृतिक टीम ने “जागो फिर एक बार जागो जागो” क्रांतिकारी गीत गाया, फिर ही सभा का समापन हुआ। एकजुट होकर संगठित सडक़ों में आकर ही ऐसी संघी मोदी सरकार जो मजदूर-मेहनतकशों, नौजवानों, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों के हितों की विरोधी है का सामना किया जा सकता है। फासीवादी एक आंदोलन है इसका जवाब आंदोलन से ही किया जा सकता है।