मानेसर। लंबे समय से संघर्षरत मानेसर गुडग़ांव जे एन एस कंपनी के महिला मजदूर और पुरुष मजदूर अपने तनख्वा बढ़ाने के क्रम में यूनियन बनाने की समझ पर खड़े हुए और यूनियन बनाने की गतिविधियां आगे बढ़ाएं फिलहाल भारत में खासकर गुडग़ांव में कंपनी में यूनियन बनाना तो जैसे अपराध हो इसलिए तो जब जे एन एस कंपनी के मजदूरों ने 28-29 मार्च की आम हड़ताल के पहले दिन 28 तारीख को इंडस्ट्री इलाके में जुलूस निकाला और 29 तारीख को फैक्ट्री के सभी गेटों को बंद कर धरना दिया। जिसमें इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ता भी उनका साथ देने के लिए फैक्ट्री गेट में ही रहे परंतु मजदूरों की यह हरकत मैनेजमेंट को पसंद न आई और प्रशासन आग बबूला हो गया शाम को पुलिस प्रशासन ने महिला मजदूरों के साथ धक्का-मुक्की घसीटना जैसी कार्रवाई की जिसमें प्रधान रिंकी को गले में चुन्नी बांध कर भी घसीटा गया जिससे उनके गले में लाल निशान साफ देखे जा सकते हैं।
ढाई सौ 300 मजदूरों को इसमें काफी बड़ी संख्या में महिला मजदूर की थी को श्याम 6:00बजे मानेसर थाने में डिटेन कर के रखा गया लगभग 10:00 बजे महिला मजदूरों को तो छोड़ दिया गया हालांकि वह अडं गई थी कि जब तक पुरुष मजदूरों को नहीं छोड़ा जाएगा हम भी नहीं जाएंगे परंतु उन्हें बहा दिया गया लगभग 5 मजदूर सहित आठ लोगों पर पुलिस ने केस बनाया और आज 30 तारीख को उनकी जमानत करा के उनको रिहा कराया गया।
कंपनी मैनेजमेंट प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा दमन और गिरफ्तारी के खिलाफ आज 30 तारीख को शाम को 6:00 बजे फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर 24 के लखानी चौक पर इंकलाबी मजदूर केंद्र ने पुलिसिया कार्रवाई दमन गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें वक्ताओं ने कहा की ऐसा लगता है भारत में खासकर हरियाणा में यूनियन बनाना जैसे अपराध हो गया हो पुलिस प्रशासन कोर्ट कचहरी कोई भी तो मजदूरों के साथ नहीं खड़ी है और बर्बर दमन और लाठीचार्ज का सहारा ले रही हैं पूरे मजदूर आंदोलन का अपराधीकरण किया जा रहा है इन सब बातों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया।