फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। आवासीय क्षेत्र या आवासीय भवन में चलाए जा रहे प्री प्राइमरी स्कूलों को न्यायालय के आदेश पर सील करने और फिर सुविधा शुल्क लेकर सील तुड़वाने का धंधा नगर निगम अधिकारी बीते चार वर्ष से चला रहे हैं। स्कूलों से मोटी कमाई कर रहे निगम अधिकारी इनको सील किए जाने की रिपोर्ट पेश कर न्यायालय को भी गुमराह कर रहे हैं।शहर के आवासीय क्षेत्र या आवासीय भवनों में नियम विरुद्ध रूप से चलाए जा रहे प्री प्राइमरी, प्ले ग्रुप स्कूलों को सील करने की कार्रवाई पूर्व निगमायुक्त एम शाइन के कार्यकाल में की गई थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर निगम टीम ने आवासीय इलाकों या परिसर में चल रहे ऐसे 25 स्कूलों को चिह्नित किया था। इनमें से आवासीय भवन में चल रहे नौ स्कूलों को सील कर दिया गया था जबकि बाकी स्कूलों को नोटिस जारी कर उन्हें बंद करने के आदेश जारी किए गए थे।
निगम सूत्रों के अनुसार न्यायालय में सीलिंग की कार्रवाई की रिपोर्ट पेश किए जाने के कुछ समय बाद ही तोडफ़ोड़ विभाग के तत्कालीन कर्मचारियों ने सुविधा शुल्क लेने के बाद इन स्कूलों की सीलें तुड़वा दीं और इनमें शिक्षण कार्य सुचारू हो गया। अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने वाले स्कूलों की कमाई न रुके इसलिए तब से यह काम इसी तरह चल रहा है। हर बार न्यायालय में सुनवाई के समय इन स्कूलों केे मेन गेट सील कर फोटो के साथ अपडेट पेश कर दी जाती हैं। बताया जा रहा है कि अब इन स्कूलों से सुविधा शुल्क वसूलने का काम तोडफ़ोड़ विभाग के बेलदार अमरपाल के पास है। कहने को तो वो बेलदार है लेकिन ठाठबाट किसी अधिकारी से कम नहीं है।
नगर निगम में उसे तोडफ़ोड़ दस्ते का वसूली अधिकारी कहा जाता है क्योंकि वह ही तोडफ़ोड़ की नोटिस देने और फिर कार्रवाई न करने के एवज में रकम तय और वसूल करता है। वसूली के बाद यह रकम विभाग के अधिकारियों से लेकर ऊपर तक बंटती है।
बीते सितंबर में भी सुनवाई के दौरान निगम अधिकारियों ने स्कूलों के सील होने की रिपोर्ट लगा दी, अब मामले की सुनवाई फरवरी 2024 में होनी है। तब तक स्कूलों की सील फिर टूट चुकी होगी।