फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) बीते 8-9 साल की भाजपाई सरकार की कार्यशैली को देख कर बखूबी समझा जा सकता है कि केवल काम की बात करो, काम करने की कोई जरूरत नहीं। काम की बात हर रोज करो और उसे गोदी मीडिया के माध्यम से जनता को हर रोज बताओ कि सरकार काम करने में जुटी हुई है। इसके विपरीत धरातल पर कुछ नहीं करना।
इसी कड़ी में एक नया शगूफा एफएनजी यानी फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद मार्ग बनाने का पेश किया गया है। बीते छ: महीने में इस शगूफे को कई बार मीडिया के माध्यम से जनता के बीच पूरे जोर-शोर से प्रचारित किया जा रहा है। इस हवा-हवाई योजना में बताया जा रहा है कि ग्रेटर फरीदाबाद में स्थित अम्मा के अस्पताल से रिवाजपुर, शेरपुर खादर, लालपुर, किड़ावली गांव के पास से होते हुए सेक्टर-92 कन्हेड़ा कला तक जाएगी। यहां पर एक नया पुल यमुना नदी पर बना कर 90 मी. चौड़ी सडक़ को जोड़ा जायेगा जो ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 157 से जाकर जुड़ेगी। इस सडक़ के माध्यम से न केवल गाजियाबाद बल्कि यूपी के हर शहर को जोड़ा जा सकता है। इसी प्रोजेक्ट को एक नया नाम एफएनजी दिया गया है।
इस परियोजना पर आने वाले खर्च का आधा हरियाणा व आधा यूपी सरकार द्वारा वहन करने की बात कही गई है। मजे की बात तो यह है कि किस दिन यह परियोजना शुरू होगी और किस दिन पूरी होगी इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है और न ही कभी किया जायेगा, किया भी गया तो वह बिल्कुल झूठा होगा जैसा कि मंझावली वाले यमुना पुल के बारे में हो रहा है।
संदर्भवश सुधी पाठक यह जान लें कि मंझावली यमुना पुल का शिलान्यास केन्द्रीय सडक़ मंत्री नितिन गडकरी व स्थानीय सांसद एवं मंत्री कृष्णपाल गूजर ने 15 अगस्त 2014 को किया था। उस वक्त यह कहा गया था कि दो साल में इस पुल को चालू कर दिया जायेगा। ‘मज़दूर मोर्चा’ ने अनुभव के आधार पर उसी वक्त यह घोषित कर दिया था कि दो साल में पुल चालू करना तो दूर, इतने समय में ये डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ही बना लें तो बहुत बड़ी बात होगी। ‘मज़दूर मोर्चा’ की बात आज बिल्कुल सही साबित हो रही है। अभी तक भी पुल चालू नहीं हो सका है। निर्माण कार्य में लगी मशीनरी 17 जनवरी 2023 को लिये गये चित्र में साफ दिखाई दे रही है। इसके अलावा पुल को जोडऩे के लिये सडक़ का निर्माण अभी तक शुरू भी नहीं हो सका है जिसके बिना पुल बन भी जाये तो बेकार है।
चाहे एफएनजी निर्माण की घोषणा हो अथवा मंझावली पुल की, एक खास बात हमेशा पूरे जोर-शोर से कही जाती है कि इसके बन जाने से घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा। लाभ गिनाते वक्त न केवल फरीदाबाद-नोएडा की दूरी घटने की बात की जाती है बल्कि गुडग़ांव व जयपुर तक कि दूरी घटने का बखान किया जाता है। यह भी बताया जाता है कि इससे हजारों-लाखों यात्रियों एवं वाहनों का समय व डीजल बचेगा, इससे लोगों को करोड़ों का लाभ होगा और प्रदूषण भी घटेगा। होने वाले इन सब सम्भावित फायदों का ज्ञान नेताओं के बताये बगैर भी जता को मालूम है। नेतागण तो इन्हें गिना कर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। इसी बात को उल्टा कर देखें तो उक्त फायदों के न मिलने से जनता को जो हानि हो रही है, उसकी दोषी तो भाजपाई सरकार बनती ही है।