करनाल (के सी आर्य) कृषि विभाग का दावा पिछले साल के मुकाबले करनाल में 70 प्रतिशत तक घटे पराली जलाने के मामले, पराली जलाने वाले किसानों से कृषि विभाग ने 4.85 लाख का जुर्माना वसूला, जुर्माना नही भरने की एवज में एक किसान पर कृषि विभाग ने मामला दर्ज कराया, कृषि अधिकारी का कहना है कि पंजाब से इस बार पराली जलाने के अधिक मामले सामने आए हैं।
कृषि अधिकारियों ने दावा कि किया है कि पिछले साल की अपेक्षा पराली जलाने के मामलों में भारी कमी आई है। पिछले साल एक नवंबर तक जहां 740 केस सामने आए थे, वहीं अब तक करीब 252 केस सामने आए है। जिसकी वजह से एयर क्वालिटी एडेक्स भी काफी ठीक रहा। अब तक करीब 70 प्रतिशत केस कम सामने आए है।
कृषि अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा लगातार किसानों को जागरूक किया जाता रहा, गांव दर गांव में किसानों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में बताया गया, इसके अलावा जो किसान समझाने के बाद भी नहीं माने तो उनके खिलाफ सख्ती बरती गई। पराली जलाने वाले किसानों में अगर पूरे हरियाणा की बात करें तो 25 प्रतिशत केस कम दर्ज किए गए। इस तरह से घटे पराली जलाने के मामले उप कृषि निदेशक डॉ आदित्य डबास ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने दिन रात एक किया है, जिसके परिणाम स्वरूप पराली जलाने के मामले में कमी आई है। सरकार ने उन किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए की धनराशि दी है, जिन किसानों ने पराली को खेत से बाहर निकाला है या फिर पराली को खेत में मिलाया है। इसके अलावा विभाग द्वारा किसानों को 250 बेलर मशीन, फ्री डि कंपोजर ओर करीब 7 हजार 500 कृषि उपकरण दिए है, जिनकी मदद से किसानों ने पराली प्रबंधन किया है।
पराली जलाने से हो जाती थी आबो हवा खराब किसानों द्वारा अगली फसल लगाने की जल्दबादी में फसल अवशेषों को आग के हवाले कर देते थे, जिससे आबो हवा अशुद्व हो जाती थी। वायु की गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती थी कि लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाती था। सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को उठानी पड़ती थी, पराली जलाने से निकले जहरीले धुएं की वजह से अस्थमा के मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत तक आ जाती थी। लेकिन इस बार पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी है। जो कृषि विभाग के साथ-साथ प्रशासन के लिए बड़ी राहत की बात है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में ओर कमी आएगी।