क्रिकेट स्टेडियम के नाम पर 200 करोड़ हजम, 292 करोड़ और डकारने की तैयारी

क्रिकेट स्टेडियम के नाम पर 200 करोड़ हजम, 292 करोड़ और डकारने की तैयारी
June 08 14:07 2024

रंजीत बिल्डकॉन प्रबंधन ने भाजपा को इलेक्टोरल बांड से 7 करोड़ चंदा दिया

रीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) स्थानीय राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम को संवारने के नाम पर बीते करीब पांच साल में 200 करोड़ से अधिक डकार लिये जाने के बावजूद यह खेलने तो क्या घूमने लायक भी नहीं बन सका। लुटेरे शासक वर्ग द्वारा अब इसी के नाम पर 292 करोड़ और डकारने की योजना तैयार कर ली गई है।

विदित है कि सन 1988 से लेकर सन 2006 तक इसी स्टेडियम में करीब 10 अंतर्राष्ट्रीय मैचों के अलावा अनेकों रणजी ट्रॉफी व अन्य कई प्रतिष्ठित मैच खेले जा चुके हैं। सन 2014 में खट्टर के नेतृत्व में सत्तारूढ़ हुई भाजपा सरकार ने इस अच्छे-भले क्रिकेट स्टेडियम के ‘जीर्णोद्धार’ का ठेका रंजीत बिल्डकॉन नामक एक गुजराती कंपनी को दे दिया। सर्वविदित है कि केन्द्र में मोदी की भाजपा सरकार आने के बाद देश भर में तरह-तरह के काम करने के नाम पर लूट के ठेके गुजराती कम्पनी को दिये जाने लगे थे। सुधी पाठक जान लें कि इस गुजराती रंजीत बिल्डकॉन कंपनी ने भाजपा के लिए जनवरी 2023 में सात करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉंड खरीदे थे, यही वह समय है जब कंपनी राजा नाहर सिंह स्टेडियम प्रोजेक्ट में माल बटोर कर चलती बनी थी। हालांकि इस गु्रप की सहयोगी कंपनियों ने 11 करोड़ के इलेक्टोरल बॉंड खरीदे हैं।

इस स्टेडियम में जिस काम की जरूरत नहीं थी उसी काम को करने का ठेका उक्त कम्पनी को 123 करोड़ रुपये में दे दिया गया। समय सीमा करीब एक वर्ष रखी गई थी। कम्पनी को यह ठेका नगर निगम के माध्यम से दिलाया गया था। कम्पनी तो लुटेरी थी ही, निगम अधिकारी उनसे भी बड़े चोर थे, लिहाजा दोनों मिल-बांट कर जनता का माल डकारने लगे। दोनों का लक्ष्य काम पूरा करने की बजाय लूट-मार पर अधिक रहा। इसके परिणामस्वरूप काम पूरा करने की अवधि व बजट की रकम भी बढ़ती चली गई। यद्यपि सरकारी तौर पर अभी तक खर्च हुई रकम का कोई आंकड़ा प्रकाशित नहीं किया गया लेकिन समझा जा रहा है कि 200 करोड़ से अधिक इस पर खर्च दिखाया जा चुका है।

अभी तक जो खेल नगर निगम के माध्यम से खेला गया था उसे अब नये सिरे से एफएमडीए (फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण) के माध्यम से खेलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। समझने वाली बात यह है कि अब तक जिस काम पर 200 करोड़ से अधिक खर्च कर दिये गयेे हैं वह काम बिल्कुल भी नहीं हुआ यानी कि सारा पैसा गया भाड़ में। अब नये सिरे से 292 करोड़ खर्च करके एफएमडीए इस काम को पूरा करेगा। करना इसने भी कुछ नहीं है। जिस तरह नगर निगम ने रंजीत बिल्डकॉन के माध्यम से लूट मचाई थी अब वही काम एफएमडीए किसी और गिरोह के माध्यम से करेगा।

‘मज़दूर मोर्चा’ अनेकों बार प्रकाशित कर चुका है कि एफएमडीए में कोई दूध के धोये उच्च प्रशिक्षित इंजीनियर नहीं हैं। यहां भी वही इंजीनियर हैं जो ‘हूडा’ व नगर निगम में अपनी-अपनी लूट-मार के जौहर दिखा चुके हैं। यदि देश में कोई जन-हितैषी एवं न्यायकारी सरकार होती तो पहले जनता के उन 200 करोड़ की रिकवरी करती जिसे लूट लिया गया है।

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Mazdoor Morcha
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