किशन-सीमा के संरक्षण में बेखौफ घूम रहा दुष्कर्म का आरोपी अवैध शराब सप्लायर

किशन-सीमा के संरक्षण में बेखौफ घूम रहा दुष्कर्म का आरोपी अवैध शराब सप्लायर
March 26 06:52 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) महिला से दुष्कर्म और उसकी नाबालिग बेटियों को पीटने के आरोपी अवैध शराब सप्लायर संजीव को सूरजकुंड थाने की पुलिस ने पकडऩे के बाद भी छोड़ दिया। पुलिस आयुक्त राकेश आर्य भी संजीव को गिरफ्तार करवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं क्योंकि वह केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर और प्रदेश की राज्यमंत्री सीमा त्रिखा का खास है। एसएचओ सूरजकुंड इंस्पेक्टर शमशेर तो सवा दो लाख चढ़ावे के एवज में उसे पहले ही अभयदान दे चुके हैं। खुलेआम घूम रहे दुष्कर्मी के कारण पीडि़ता और उसकी नाबालिग बेटियां खौफ में जीने को मजबूर हैं।

सूरजकुंड थानाक्षेत्र के रहने वाले वेदप्रकाश, उसके छोटे भाई संजीव व बिट्टू के बीच दादालाही जमीन का बंटवारा काफी पहले हो गया था। क्षेत्र में अवैध शराब की सप्लाई का काम करने वाले संजीव और बिट्टू ने अपने हिस्से जमीन बेच खाई, अब उनकी नजर वेद प्रकाश की 1500 गज जमीन पर है। वेदप्रकाश की पत्नी और पीडि़ता के अनुसार संजीव और बिट्टू ने उसके पति को कुछ खिला पिला कर शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर कर दिया। वो विरोध करती तो दोनों ने उसे ही प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। संजीव ने कई बार उससे दुष्कर्म किया और वीडियो भी बनाई जिसे वायरल करने की धमकी देकर उसका शारीरिक शोषण करता रहता। परेशान पीडि़ता ने 22 फरवरी को संजीव और बिट्टू के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। तत्कालीन एसएचओ मनोज कुमार ने पीडि़ता का मेडिकल कराने के साथ ही मजिस्ट्रेट के समाने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान भी कराया था। वह संजीव को गिरफ्तार करते इससे पहले ही उनका तबादला हो गया। उनकी जगह नेताओं की सिफारिश लगाकर थानेदार बने शमशेर सिंह।

नेताओं का वरद्हस्त हो तो शमशेर सिंह को ऊपरी कमाई करने का डर भी नहीं था, ऐसे में पीडि़ता का ताजा केस उनके सामने आया। संजीव को तलब किया गया तो वो अनंगपुर के जननायक जनता पार्टी के कार्यकर्ता अजीत भड़ाना आर्य के साथ पहुंचा, बताया जाता है कि सवा दो लाख का चढ़ावा चढ़ाया गया और शमशेर ने संजीव को अभयदान दे दिया। पुलिस का साथ मिला तो संजीव और बिट्टू ने 25 फरवरी को घर में घुस कर पीडि़ता और उसकी नाबालिग बेटियों को बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा।

26 फरवरी को पीडि़ता किसी तरह आजाद हुई और 112 पर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस पीडि़ता और उसकी बेटियों को थाने ले गई, संजीव को भी पकड़ कर थाने ले जाया गया लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, क्योंकि उसे केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर और बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा का करीबी और कर्मठ कार्यकर्ता पाया गया था। अब वो खुलेआम घूम रहा है। सत्ता और पुलिस के संरक्षण में आरोपी के खुलेआम घूमने से पीडि़त महिला खौफ में जीने को मजबूर है और पुलिस की पक्षपाती कार्रवाई से उसे न्याय पाने की उम्मीद भी टूट गई है।

दुष्कर्म पीडि़त करीब एक महीेने से खौफ के साये में जी रही है, इसकी जानकारी पुलिस आयुक्त को न हो ये मुमकिन नहीं है, इसके बावजूद अगर वो थानेदार पर कार्रवाई करने का दबाव नहीं बना पा रहे तो समझा जा सकता है कि आरोपी को कितना तगड़ा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। अगर सीपी वाकई निष्पक्ष हैं तो संजीव की गिरफ्तारी के लिए पीडि़ता का 164 का बयान ही काफी है। यदि गिरफ्तारी नहीं करवाते तो समझा जा सकता है कि सीपी और उनकी पुलिस कानून की रखवाली करने के लिए नहीं बल्कि आम आदमी को वर्दी की धौंस दिखाने भर के लिए ही रह गए हैं।

अराजकतत्व, शराब माफिया, अपराधी और दुष्कर्मियों को संघ-भाजपा के नेताओं द्वारा संरक्षण दिया जाना कोई नई बात नहीं है। दंगाई बिट्टू बजरंगी हो या भू माफिया कैलाश बैंसला, अवैध शराब सप्लायर संजीव, गरीबों का राशन डकारने वाला डिपो होल्डर किशन, विकास के नाम पर लूट कमाई करने वाला ठेकेदार सतबीरा इनके जैसे सैकड़ों लोगों को किशनपाल गूजर, सीमा त्रिखा, का संरक्षण प्राप्त है। किशनपाल गूजर के केंद्रीय मंत्री होने का फायदा उनका भांजा अनिल चेची खुलेआम उगाही करके उठा रहा है तो मामा राजपाल नागर पुलिस महकमे को ही चला रहा है, दलाली अलग से।

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Mazdoor Morcha
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