केन्द्र सरकार की मजदूर-किसान और जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ़ संघर्ष का ऐलान सत्यवीर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों/फेडरेशनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में 26-27 नवम्बर को नई दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित उपराज्यपाल के कार्यालय के सामने तथा 28 नवम्बर को संसद के सामने जंतर-मंतर पर सफलतापूर्वक महापड़ाव का आयोजन किया गया।
महापड़ाव में मजदूर और किसानों ने बढ़चढक़र हिस्सेदारी की। साथ ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र के मजदूरों सहित महिलाओं और छात्रों ने हिस्सा लिया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने श्रमिकों, किसानों और व्यापक कामकाजी लोगों की रोजी-रोटी और अधिकारों पर हो रहे हमलों की घोर निंदा की। रेलवे, बंदरगाहों-गोदी, बिजली, हवाई अड्डों, राजमार्गों, बैंकिंग, रक्षा कारखानों आदि के निजीकरण के मजदूर विरोधी, समाज विरोधी कार्यक्रम की निंदा की गई। वक्ताओं ने चार श्रमिक विरोधी श्रम संहिताओं को निरस्त करने, सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा, बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लिए जाने, ठेकादारी को समाप्त किए जाने और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण को रोके जाने की मांग को लेकर संघर्ष को निरंतर चलाने का प्रण लिया। केंद्र सरकार से लाभकारी मूल्य पर सभी कृषि उपज की राज्य द्वारा गारंटीकृत खरीद सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने भी मांग की है कि गिग श्रमिकों, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य योजना श्रमिकों को श्रमिक के रूप में मान्यता दी जाए। महापड़ाव को संबोधित करने वालों में थे – एटक से अमरजीत कौर, शिवकुमार दामले तथा विजय कुमार तिवारी, राज्यसभा सदस्य सिवदावन, सीटू से हेमलता, आशा शर्मा तथा विरेन्द्र गौड़, मजदूर एकता कमेटी से बिरजू नायक तथा लोकेश कुमार, यूटीयूसी से आरएस डागर तथा शत्रुजीत सिंह, एआईसीसीटीयू से राजीव डिमरी, सुचेता डे तथ श्वेता, एआईयूटीयूसी से आर.के. शर्मा तथा मैनेजर चौरसिया, एलपीएफ से जवाहर सिंह, आईसीटीयू से नरेन्द्र तथा श्रीनाथ, हिन्द मजदूर सभा से नारायण सिंह तथा राकेश, सेवा से लता और सुभद्रा, क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा से सत्यवीर तथा नरेश, दिल्ली प्रदेश रेहड़ी पटरी खोमचा हाकर्स यूनियन से शकील अहमद, आल इंडिया किसान महासभा से पुरुषोत्तम शर्मा, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति से मरियम धावले, मैमूना, किसान मजदूर उत्थान मोर्चा से रमेश ढाका, आल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी से शारदा दीक्षित, दिल्ली विश्वविद्यालय एसी एसटी इंप्लाइज यूनियन से केदार, दिल्ली पल्लेदार यूनियन से हरबंस राय, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स यूनियन से सुरेश, दिल्ली आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन से कमला आदि।
संयुक्त किसान मोर्चा से कृष्णा प्रसाद, राजवीर सिंह, महावीर सिंह आर्या, डा. शमशेर सिंह, रामुकमार सोलंकी, सुबेदार चरणसिंह, जगवीर नम्बरदार, आदि ने बात रखी। महापड़ाव के दौरान, जन नाट्य मंच, संगवारी, सांस्कृतिक पहल, सेवा तथा निर्माण मजदूर पंचायत संगम के साथियों ने नाटक, गीत, कविताओं व नारों के के जरिए महापड़ाव में जोश बनाए रखा।