कचरा निस्तारण न करने वालों पर नगर निगम ने लगाया जुर्माना फरीदाबाद (म.मो.) जो नगर निगम खुद अपने कूड़े का निस्तारण न कर सके और बंधवाड़ी गांव में इसका पहाड़ खड़ा कर दे, वह दूसरों पर जुर्माना लगाता घूम रहा है। बड़ी बात तो यह है कि कूड़ा निस्तारण के नाम पर नगर निगम ने सैंकड़ो करोड़ के लोक-लुभावन एवं सब्ज बाग जनता को दिखाये हैं। इस कूड़े से कभी बिजली बनने की बात करते हैं तो कभी गैस व कम्पोस्ट खाद बनाने का झांसा देते आ रहे हैं।
अब यही नगर निगम, ‘खुद मियां फजीहत दूसरों को नसीहत’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए शहर के 100 से अधिक संस्थानों को, कूड़े का निस्तारण न करने पर नोटिस दे चुका है। इनमें से 32 के खिला$फ तो 7.65 लाख का जुर्माना भी लगा दिया है। संस्थान कौन से इनके काबू आने वाले हैं, वे भी जुर्माना भरने नहीं जा रहे। ऐसे में निगम उनके विरुद्ध पुलिस केस दर्ज कराने की भी धमकी दे रहा है जिसकी संस्थानों को रत्ती भर भी परवाह नहीं है क्योंकि उन्हें निगम की औकात का ज्ञान है।
असल में निगम को भी कूड़े के निस्तारण से कोई लेना-देना नहीं है। उसका असल मकसद तो येन-केन प्रकारेन पैसे की वसूली है। उन्हें संस्थान पैसा देते रहें ओर कूड़ा जितना मर्जी फैलाते रहें। इस तरह का जुर्माना वसूली के लिये निगम ने अपने घर का कानून बना लिया है कि जिसके यहां से भी 50 किलो ग्राम कूड़ा निकलता हो, उसके निस्तारण का इन्तजाम वह खुद करे। यदि इस कानून पर चलें तो शहर भर में सैंकड़ों निस्तारण प्लांट लगाने पड़ेंगे, तो फिर ऐसे में नगर निगम जैसे सफेद हाथी को पालने की क्या जरूरत रह जायेगी? सर्वविदित है कि शहर भर के कूड़े का निस्तारण नगर निगम का दायित्व है।