खट्टर सरकार के सिर एक और मौत नगर निगम के नाले में डूबा 11 वर्षीय कुनाल

खट्टर सरकार के सिर एक और मौत नगर निगम के नाले में डूबा 11 वर्षीय कुनाल
November 13 05:51 2022

फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 5-11-22 शनिवार की रात को निकृष्ट व भ्रष्टाचार में डूबे निगम प्रशासन के नाले में डूब कर 11 वर्षीय कुनाल की मौत हो गई।

मामला फरीदाबाद जवाहर कालोनी की 60 फुट रोड एयरफ़ोर्स चौक पर बने करीब 12 फीट गहरे खुले नाले का है। जिसमे रात के दौरान 11 वर्षीय कुनाल की गिरने से मौत हो गई , नाले के उपर कचरा इतना भरा हुआ था कि अगर उसमे कोई गिर जाए तो कुछ भी दिखाई न दे, ऐसा ही उस रात भी हुआ। इस नाले के आसपास लाईट की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते नाले के पास काफी अँधेरा रहता है।

यहाँ पर रहने वाले लोगों ने बताया कि इस नाले में इस तरह गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है, सिर्फ रात ही नहीं यहाँ दिन में भी इस तरह के कई मामले घटित हो चुकें है। अब इतनी घटनाएं घटित होने के बाद इस नाले के चारों तरफ लकड़ी लगाकर रुकावट की गई और तीन स्ट्रीट लाईटों की व्यवस्था की गई है।

क्या हुआ था घटना वाले दिन
मृत कुनाल के परिजनों ने बताया की घटना की रात लगभग 10 बजे उसकी माँ वर्षा की तबियत खराब थी, वह दवा खाकर लेटी हुई थी। कुनाल ने अपनी माँ से चौमीन खाने की बात कही। कुनाल की बड़ी बहन दीप्ति और वह खुद अपने घर की गली से बहार रेहड़ी पर चौमिन लेने गए। दीप्ति चौमिन लेकर घर आ गई थी लेकिन कुनाल नहीं आया था।

लगभग 15-20 मिनट बाद घर की गली के बहार भीड़ की जानकारी दीप्ति ने अपनी माँ को दी और बताया कि कोई लडक़ा नाले में गिर गया है, इस पर कुनाल की माँ नाले के नजदीक पहुचीं और वहां पड़ी चप्पल देखते ही पहचान लिया कि उसके बेटे की हैं। नाले के नजदीक खड़े लोग कोशिश कर रहे थे कि किसी तरह से उस 12 फुट गहरे नाले से बच्चे को निकाला जाए, पर नाले में पोलीथिन की भरमार और अन्धेरा होने की वजह से यह काम मुश्किल दिख रहा था। लोगों ने बताया की रात 11 बजे के आसपास फायर ब्रिगेड और पुलिस पहुंच चुकी थी। फायर ब्रिगेड टीम अपने साथ कोई भी गोताखोर नहीं लाये थे वे लोग भी फर्जी कोशिश कर रहे थे। तभी उस भीड़ में मौजूद रामेश्वर और अभिशेख नाले में उतरे और उस बच्चे को ढूंढने लगे। लगभग आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद कुनाल मिला तो उसे एम्बुलेंस के द्वारा बीके अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टर ने उसे जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। इस बात से गुस्साए लोग और बच्चे के परिजन मृत शरीर को लेकर जवाहर कालोनी की 60 फुट रोड एयरफ़ोर्स चौक पर प्रदर्शन करने लगे। लोगों का प्रदर्शन देख कुछ ही समय में पुलिस के कई बड़े अधिकारी मौके पर पहुचे और चौक पर लगी भीड़ को हटाने की कोशिश करने लगे। इसी दौरान भीड़ को हटाने को लेकर बच्चे के परिजनों और लोगो से डीसीपी एनआईटी नरेंदर सिंह से लोगों की कहा सुनी हो गई।

पुलिस और कुछ समाजसेवियों द्वारा जैसे-तैसे करके गुस्साए परिजन और भीड़ को मृत शरीर के पोस्टमार्टम के लिए यह कहकर मनाया गया कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जायगी और उसे बीके अस्पताल भेजा गया। अगले दिन रविवार को एक बार फिर से कुनाल के परिजन और लोगों ने एयरफ़ोर्स चौक पर खट्टर सरकार के प्रशासन व स्थानीय कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा के खिलाफ नारेबाजी करके सडक़ को जाम कर दिया। जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी आने लगी। इस पर पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ सडक़ को जाम करने के जुर्म में मामला दर्ज कर दिया। इतने पर भी जब लोग नहीं माने तो पुलिस वालों ने कुनाल के पिता अर्जुन सिंह को अपनी शिकयात लिखने को कहा। अर्जुन सिंह ने एसडीओ एमसीएफ नवीन कुमार व जेई तथा पूर्व पार्षद (मौजूदा) के खिलाफ शिकायत लिख कर पुलिस को दे दी। इस कार्यवाही के बाद कुनाल के परिजन और लोग शांत हुए। इसके बाद मृत शरीर को उसके क्रियाकर्म के लिये ले जाया गया।

डीसीपी एनआईटी नरेंदर सिंह से लोगों की हुई कहा सुनी?
शनिवार रात जब गुस्साई भीड़ हंगामा कर रही थी , तब डीसीपी एनआईटी नरेंदर सिंह अकड़ के साथ लोगों से पेश आने लगे। हुआ कुछ यूँ था, जब नरेंदर सिंह को लोग यह कह रहे थे कि अगर प्रशासन उस नाले को ढक देते तो यह सब हादसा नहीं होता। इस पर डीसीपी ने कहा कि उसकी माँ ने उस बच्चे को क्यों छोड़ा था, क्या उसकी कोई गलती नहीं है ?
इतना सुनकर कुनाल की माँ ने उनसे यह कह दिया कि अगर आपका बेटा वहां गिर जाता तो तब भी आप ऐसा ही कहते , इतना सुनते ही नरेंदर सिंह बुरी तरह से बोखला गए और कहने लगे की मेरे बेटे से कम्पेयर करेगी? चुप रहिये आप लिमिट को क्रॉस कर रही हो।

मीडिया को दिए बयान में कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का शिकार हुआ है कुनाल। उनका कहना था की जब इस नाले का निर्माण करवाया गया होगा तो उसमें नाले को कवर करने का काम भी था , जो नहीं किया और ठेकेदार को पेमेंट कर दी गई। इसके साथ ही इस सडक़ पर हाई मास्क लाईट लगानी थी जोकि यहाँ से शिफ्ट करके जनप्रतिनिधी के कार्यालय के आगे लगा दी गई। अगर अधिकारी अपना काम ईमानदारी से करते तो आज यह हादसा नहीं होता, सुधी पाठक जान ले कि नीरज शर्मा इस क्षेत्र के विपक्षी विधायक हैं , जिनकी प्रशासन सुनता नहीं है। संदर्भवश यह नाला उनके पिता स्वर्गीय शिवचरण लाल शर्मा के वक्त में बना था। वे इस क्षेत्र के विधायक तथा मंत्री रहने से पूर्व नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर भी रह चुके थे। इसलिए सवाल तो उन पर भी बनता है।

बच्चे की हत्या के विरोध में प्रदर्शनकारियों को सजा देने के लिए करीब 60 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और 2 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया।
सरकार की और यह साफ संदेश है कि व इसी प्रकार से जनता की हत्या कराती रहेगी और विरोध प्रकट करने वालों को हवालात में बंद करती रहेगी। इस पूरी घटना को देखते हुए यह स्पष्ट है कि खट्टर सरकार के भ्रष्ट एवं निकम्मे,प्रशासन की मेहरबानी से आये दिन शहरवासी गड्डों, नालों, सीवर के मैनहोलों में गिरकर तथा आवारा पशुओं की वजह से मौत का निवाला बन रहें हैं। दोषी जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की बजाय सरकार उल्टे प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करके उनके प्रदर्शन जैसे लोकतांत्रिक अधिकारों का ही हनन करती है।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles