फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) नगर निगम में लगातार घोटालों के खुलासे होने से डरे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बडख़ल-एनआईटी क्षेत्र में नई सीवर लाइन डाले जाने की 160 करोड़ रुपये की योजना खारिज कर दी। दिखाने के लिए तो उन्होंने कह दिया कि सरकार के पास पैसे नहीं हैं लेकिन सच्चाई मुंह से निकल ही गई बोले, मुझे मालूम है स्थानीय नेता नगर निगम का पैसा खा रहे हैं, यह सुनकर केंद्रीय मंत्री किशनपाल गूजर से लेकर बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा और मंत्री मूलचंद के चेहरे उतर गए।
खट्टर ग्रीवेंस कमेटी बैठक में जन सुनवाई के बाद जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। चुनावी वर्ष का आगाज होने के कारण सभी जन प्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्र में बचे हुए विकास कार्य जल्द कराने पर जोर दे रहे थे। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार विधायक सीमा त्रिखा ने बडख़ल व एनआईटी में 160 करोड़ रुपये की सीवर लाइन योजना के लिए पैसों की मांग कर दी। इस पर मुख्यमंत्री खट्टर भडक़ गए और नगर निगम में विकास कार्यों के नाम पर हो रही लूट कमाई पर नाराजगी जताते हुए बोले कि मुझे सब पता है यहां के लोकल नेता नगर निगम को लूट कर खा रहे हैं। ये नेता विकास कार्य नहीं होने दे रहे, मैं पैसे भेजता हूं ये खा जाते हैं। सीवर लाइन के लिए मेरे पास 160 करोड़ रुपये नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार सीएम ने नगर निगम के कई अन्य बड़े प्रोजेक्ट को भी पैसा नहीं होने की बात कह कर रोक दिया।
यह सूबे के मुखिया की लाचारी और कमजोरी ही कही जाएगी कि जानते हुए भी वह अपने भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा पाए, केवल ‘कड़ी निंदा’ से अपनी भड़ास निकाल कर शांत हो गए। उन्हें अपने भ्रष्ट नेता तो दिखे लेकिन बीते नौ साल से विकास के नाम पर ठगी जा रही जनता का कोई ख्याल नहीं आया। एनआईटी ही नहीं पूरे शहर की अहम समस्या बन चुके सीवेज सिस्टम को दुरुस्त कराने के बजाय च्च्ईमानदार और कर्मठज्ज् खट्टर ने योजना को पैसा देने से ही इनकार कर दिया।
यदि वह सच में ईमानदार हैं तो जनिहत में सीवेज सिस्टम की योजना के लिए न सिर्फ पैसा जारी करें बल्कि उसे गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय पर पूरा करवाएं। लेकिन उनके ही शब्दों में ‘नगर निगम को लूटने वाले स्थानीय नेताओं’ के रहते उनके लिए यह मुमकिन नहीं है और उनमें इतना दम भी नहीं है कि इन भ्रष्ट नेताओं से अधिकार छीन कर उन्हें उनकी औकात बताएं और परेशान जनता की समस्याओं का समाधान बिना भ्रष्टाचार करा पाएं।
कई साल से हो रहीं सिर्फ घोषणाएं बडख़ल-एनआईटी की पुरानी सीवर लाइनों को बदले जाने का ढिंढोरा कई साल से पीटा जा रहा है, वर्ष 2018 में चुनावी वर्ष शुरू होते ही सौ करोड़ रुपये से यह सीवर लाइन डालने का ढिंढोरा पीटा गया। सरकार बनने के बाद 2020 में फिर से 115 करोड़ रुपये की घोषणा की गई, यहां तक बताया गया कि सरकार ने प्रोजेक्ट की मंजूरी दे दी है। 2021 में एक बार फिर 127 करोड़ रुपये की लागत से बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में सीवर लाइन डाले जाने का ढोल पीटा गया। दिसंबर 2022 में खट्टर की मौजूदगी मेें एक बार फिर 160 करोड़ रुपये की सीवर लाइन परियोजना की घोषणा की गई। अब खट्टर ने खुद ही इसे खारिज कर बता दिया कि भाजपाई काम नहीं बल्कि काम का नाम लेकर जनता को मूर्ख बनाने का ही काम करते हैं।