गिरीश मालवीय जैसे नूपुर शर्मा पार्टी प्रवक्ता है वैसे ही पार्टी प्रवक्ता राजीव कुमार रूडी भी हैं उन्होने पिछले महीने ही मोदी राज में तरक्की के आंकड़े पेश करते हुए संसद में बताया कि गोवंश के मांस का निर्यात वर्ष 2020-21 के 3.17 अरब डॉलर से बढक़र वर्ष 2021-22 में 3.30 अरब डॉलर का हो गया और भेड़/बकरी के मांस का निर्यात वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत बढक़र छह करोड़ डॉलर का हो गया। मांस के सबसे बड़े ग्राहक देशों में वियतनाम के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान आदि शामिल हैं।
खाड़ी के देशों में गौ वंश के मांस की काफी मांग है और भारत इसका सबसे बड़ा सप्लायर है, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कि राम और कृष्ण की जन्मभूमि, उत्तर प्रदेश मांस निर्यात में देश का नंबर 1 राज्य है, देशभर में कुल 72 लाइसेंस प्राप्त बूचडख़ाने हैं जिसमें से अकेले यूपी में 38 बूचडख़ाने हैं, इसमें 4 बूचडख़ाने ऐसे भी हैं जिसे सरकार खुद चलाती है, जोकि आगरा, सहारनपुर में हैं। वहीं दो अन्य बूचडख़ाने लखनऊ और बरेली में भी बन रहे हैं।
देश में अभी ऐसा भी हो रहा है कि भैंस के मांस का लेबल लगाकर गाय का मांस देश से कथित तौर पर निर्यात किया जा रहा है। इस गैर-कानूनी निर्यात में फर्जी सर्टिफिकेट और गलत लेबलिंग का सहारा लिया जा रहा है। पिछले साल बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और झारखंड में पुलिस ने गौमांस के गैरकानूनी निर्यात को लेकर नौ एफआईआर दर्ज की थी… यानी हिंदू हृदय सम्राट योगी और मोदी के राज में घोर अधर्म चल रहा है, इसे तुरंत बंद करना होगा। साधु संतो को तुरंत बीफ निर्यात करने के विरोध में एक देशव्यापी आभियान चलाना चाहिए।
वैसे एक मिलियन डॉलर आइडिया और है… ….खाड़ी देशों को भारत के मांस आयात करने की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि यहां का मांस सस्ता पड़ता है और खाड़ी देशों में मौजूद मांस विक्रेताओ को इस बात का भरोसा मिलता है कि भारत से उसे हलाल मांस ही भेजा जा रहा है। तो मोदी सरकार को चाहिए कि वह खाड़ी देशों में भेजे जाने वाले मांस पर हलाल का टैग हटा कर झटका का टैग लगा दे.. एक झटके में कतर यूएई जैसे खाड़ी देश की अकल ठिकाने आ जाएगी और वे बोलेंगे मोदी जी प्लीज प्लीज हमे हलाल वाला मांस ही भेजे नहीं तो हम भूखे मर जाएंगे….