करनाल (आज़ाद शर्मा) करनाल राइस मिलर्स एसोसिएशन का पूर्व प्रधान विनोद गोयल उसके करीबियों विनोद गोयल, दीपक गोयल, संदीप गोयल व अन्य के खि़लाफ़ बहुचर्चित राइस घोटाले में हरियाणा सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग की शिकायत पर करनाल पुलिस ने करोड़ों रुपये कीमत के अमानती सरकारी चावल को खुर्द-बुर्द करने का आपराधिक केस दर्ज किया है।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व करनाल पुलिस के मुताबिक विनोद गोयल ने 7,01,89,291 रुपये कीमत के चावल का गबन किया। जाँच अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि विनोद गोयल की तलाश में पुलिस कई बार उसके घर पर दबिश दे चुकी है लेकिन वो हर बार नदारद था। वह पुष्ट वांछित आरोपी है। सूत्रों के अनुसार विनोद गोयल व अन्य सभी वांछित आरोपी गिरफ्तारी के भय से भूमिगत चल रहे हैं। ऐसी भी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि विनोद परिजनों सहित विदेश पलायन कर गया है,लेकिन पुलिस ने फिलहाल आधिकरिक रूप से अभी उसे फरार घोषित नहीं किया है।
सुधी पाठक जान लें कि विनोद गोयल ने अपनी व्यावसायिक फर्मँ राइस मिल में मिलिंग (कुटाई) के नाम पर सरकार से करोड़ो रुपये का धान लिया था, लेकिन समयावधि बीत जाने के सरकार के गोदाम में धान से निकला चावल नहीं भेजा गया। खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से उन्हें कई बार चावल का स्टॉक गोदाम में भिजवाने का नोटिस जारी किया गया लेकिन उन्होंने न तो नोटिस का कोई जवाब दिया और न चावल भेजे। इसके बाद उन्हें विभाग की ओर से रिकवरी के नोटिस भेजे गए थे। बावजूद इसके अमानती चावल वापस नही किया गया तो उसके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कराने की कार्रवाई की गई।
विनोद गोयल की गणना करनाल के प्रमुख राइस मिलर्स में र्की जाती है। इस प्रकरण के कारण अब उनकी अटैच प्रॉपर्टी भी सरकार के निशाने पर है। यह प्रोपर्टी अमानती धान की एवज़ में गारन्टी के तौर पर अटेच की गई थी। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के मुताबिक विभाग की और से जारी क़ानूनी प्रक्रिया के तहत अटैच प्रॉपर्टी को जल्द ही जब्त कर लिया जाएगा।