करनाल के गांव पिचौलिया में छात्रों का स्कूल के बाहर प्रदर्शन

करनाल के गांव पिचौलिया में छात्रों का स्कूल के बाहर प्रदर्शन
October 01 17:15 2022

करनाल- (के सी आर्य)प्राइवेट स्कूलों-सी शिक्षा देने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार स्कूली छात्रों को मूलभूत सुविधाएं देने तक में असमर्थ है। शिक्षकों की कमी और स्कूल के जर्जर हालातों ने पिचौलिया गांव के राजकीय उच्च विद्यालय के छात्रों को प्रदर्शन करने पर मजबूर कर दिया। स्कूल परिसर में छात्र एक ओर सरकार को कोस रहे थे तो दूसरी और मीडिया से बात करते करते छात्राएं रो पड़ी स्कूली छात्र, माने तो इस स्कूल में सिर्फ सामाजिक और संस्कृत का ही टीचर है और पढऩे वाले छात्र सैकड़ों है। शिक्षकों के अभाव में छात्रों की शिक्षा का बंटाधार हो चुका है। प्रदर्शन कर रही छात्राओं के अभिभावकों ने स्कूल को 12वी कक्षा तक अपग्रेट करने की मांग की की, गरीब परिवारों के छात्रों को सिर्फ सरकारी स्कूल का ही सहारा होता है। आधुनिक दौर में शिक्षा के क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच सरकारी स्कूल के छात्र अध्यापकों की कमी से जुझ रहे है। सुनने वाला यहां पर कोई नहीं है। दोपहर दो बजे तक कोई भी अधिकारी छात्रों की सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा था। छात्र अपने मांगों पर अड़ी है और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। छात्रा ने रोते हुए लगाई गुहार, दसवीं कक्षा की छात्रा स्वीटी ने बताया कि उनके स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी है। उनके स्कूल में जो शिक्षक थे उनकी ट्रासंफर कर दी गई। अब उनके स्कूल में दो ही शिक्षक एक संस्कृत व एक सामाजिक का है। जिसके कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल की छात्रा ने कहा कि वह पढऩा चाहती है, लेकिन बिना शिक्षकों के वह कैसे पढ़े। छात्रा ने मुख्यमंत्री से रोते हुए गुहार लगाई की उनके स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाए।

स्कूल में केवल दो शिक्षक, दसवीं कक्षा की छात्रा ने बताया कि उनके स्कूल में केवल दो शिक्षक है। मैथ, इंग्लीश, हिंदी का कोई शिक्षक नहीं है। जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। जिससे स्कूल में उनका पढऩा मुश्किल हो रहा है। उनकी मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द शिक्षक उपलब्ध करवाए जाएं। मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन करने पर होंगे मजबूर, छात्रा प्रीति ने कहा कि सरकार वैसे तो बेटी पढ़ाओ का नारा देकर बेटियों को पढ़ाने का दावा करती है, लेकिन स्कूल में शिक्षक तक नहीं है। गांव पिंचोलिया में केवल दो शिक्षकों के सहारे स्कूल चल रहा है। छात्रा ने मांग करते हुए कहा कि उनके स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाए। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो वह आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

स्कूल में शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हुई तो नहीं देंगे वोटगांव पिंचौलिया की बतेरी ने बताया कि स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को दूसरे गांव में जाकर पढऩा पढ़ रहा है। स्कूल में साफ सफाई तक की भी व्यवस्था नहीं हैै। ग्रामीणों की मांग है कि स्कूल में शिक्षकों की कमी को दुरूस्त किया गया। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो वह वोट का बहिष्कार करेंगे। गांव पिचोलिया निवासी सुनीता ने बताया कि स्कूल में शिक्षक ना होने से बच्चों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। बच्चों को पढऩे के लिए जुंडला जाना पड़ता है। बच्चों की सुविधा के लिए कोई बस भी नहीं लगी हुई है। जिसके कारण परिजनों को डर बना रहता है। उनकी मांग है कि स्कूल में शिक्षकों के साथ-साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles