भाजपा विधायक नरेन्द्र गुप्ता ने खोली तथाकथित विकास की पोल फरीदाबाद (म.मो.) जनता की शिकायतों व समस्याओं का निवारण करने के नाम पर सरकार की ओर से हर जि़ले में मासिक कष्ट निवारण समिति की बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक में जि़ले के तमाम उच्चाधिकारी तथा विधायक उपस्थित रहते हैं। इसकी अध्यक्षता हरियाणा सरकार के किसी न किसी मंत्री द्वारा की जाती है। यहां की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला करते हैं।
कष्ट निवारण की इस नौटंकी में गिनती की 10-12 वे शिकायतें रखी जाती हैं जिन्हें उपायुक्त इसमें रखने लायक समझें। यानी कि ये समझा जाय कि उपायुक्त द्वारा प्रेषित समस्याओं के अलावा और कोई समस्या नहीं है। इन समस्याओं पर सुनवाई के बाद मंत्री द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर पल्ला झाड़ दिया जाता है।
दिनांक 26 सितम्बर को हुई ऐसी ही एक मीटिंग नौटंकी से हटकर कुछ हकीकत की ओर बढ़ गई। हुआ यूं कि मीटिंग के दौरान एनआईटी के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने अपने क्षेत्र के जीवन नगर में अमृत योजना के तहत 6 साल पहले डाली गई सीवर लाइन के ऊपर सडक़ नहीं बनाई जो सीवर डलने से पहले बनी हुई थी। बात तो बड़ी वाजिब थी, लेकिन भाजपाई विधायक नरेन्द्र गुप्ता को यह न भाइ। उन्हें लगा कि नीरज शर्मा सरकार पर हमला कर रहे हैं। वे तुरन्त इसके विरोध में उठ खड़े हुए और बोले कि समस्या रखने का यह कोई तरीका नहीं है। जाहिर है कि उनका मतलब था कि समिति के सामने केवल वही शिकायतें आयें जो उपायुक्त द्वारा प्रस्तुत की जाय।
नीरज भला कब चूकने वाले थे? उन्होंने झट से कहा कि उन्हें वह किताब दिखाई जाय जिसमें लिखा हो कि विधायक अपने क्षेत्र की समस्या नहीं रख सकता। इस वाद-विवाद के दौरान नरेन्द्र गुप्ता यह भूल बैठे थे कि वे सरकारी विधायक हैं। झोंक-झोंक में उन्होंने शहर के सारे तथाकथित विकास की पोल खोल कर रख दी। उनका कहना था कि इस बैठक में यदि नीरज शर्मा द्वारा उठाये गये मुद्दों पर ही समय बर्बाद किया जायेगा तो जि़ले भर की अन्य समस्याओं का क्या होगा?
विधायक गुप्ता जो शहर की विभिन्न विकास एजेंसियों (नगर निगम स्मार्ट सिटी कम्पनी, एफएमडीए तथा ‘हूडा’) के काम-काज एवं कार्यशैली से काफी परेशान रहते हैं, बूरी तरह से फट पड़े। उन्होंने शहर भर की तमाम टूटी व खड्डेदार सडक़ों, उन पर होते जलभराव, उफनते सीवर तथा गंदगी से बजबजाते शहर का विवरण देकर अपनी ही सरकार की फजीहत कर डाली। भाजपा की जो सरकार शहर में हो चूके भारी-भरकम ‘विकास’ तथा ‘सौंदर्यीकरण’ का ढोल पीटते नहीं अघाती, उसी ढोल को गुप्ता जी ने सरे राह फाड़ दिया।
दरअसल वे कोई सरकार की बुराई तो नहीं ही करना चाह रहे होंगे, वे तो केवल नीरज शर्मा के मुकाबले अपने क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल कराना चाहते थे। दूसरी ओर नीरज शर्मा ने एक परिपक्व एवं सधे हुए राजनीतिज्ञ की तरह गुप्ता जी से उलझने की बजाय उनका सम्मान करते हुए उनके मुद्दों का भी समाधान करने की बात कही। अध्यक्षता कर रहे उपमुख्यमंत्री चौटाला ने बड़ी शालीनता के साथ मौके की नजातक को समझते हुए दोनों को शान्त कराया तथा जीवन नगर में सडक़ न बनाने वाले एक्सईएन को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित करने के आदेश दिये। 6 वर्ष पुराने मामले पर आज कार्रवाई की बात की जा रही है। इससे ज्यादा हास्यास्पद और क्या हो सकता है? पता नहीं वह एक्सईएन आज नौकरी में है भी या रिटायर हो गया? यदि नोकरी में होगा भी तो उसके पास भी बहानों की कोई कमी नहीं होगी।
चौटाला की मुस्कान चुभी खट्टर को तो भेजा रोहतक
ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग के दौरान जब भाजपा विधायक नरेन्द्र गुप्ता ने अपनी ही पार्टी की फजीहत कर डाली तो अध्यक्षता कर रहे दुष्यंत चौटाला अपने भीतर छिपी खुशी को न रोक पाये। एक कुटिल मुस्कान के साथ उन्होंने विधायक गुप्ता को शांत तो कर दिया, लेकिन उनकी यह मुस्कान मुख्यमंत्री खट्टर को चुभ गयी। गठबंधन की मजबूरी के चलते खट्टर कुछ अधिक कर पाने की स्थिति में तो नहीं है लेकिन उन्होंने चौटाला को फरीदाबाद की बजाए रोहतक की ग्रीवेंस कमेटी सौंप दी। विदित है कि किसान आंदोलन के बाद चौटाला की कभी हिम्मत नहीं हुई कि व रोहतक तथा उस दिशा के अन्य क्षेत्रों में प्रवेश कर सकें। आगामी ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग चौटाला रोहतक में देखेंगे और फरीदाबाद की कमेटी की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री खट्टर करेंगे। राजनीतिक हलकों में इसको एक अन्य दृष्टि से भी देखते हुए कहा जा रहा है कि चौटाला पृथला विधानसभा चुनाव क्षेत्र को अपने लिए कुछ बेहतर मानकर यहां से चुनाव लडऩे की सोच रहे हैं। दूसरी और यह भी चर्चा है कि खट्टर महोदय करनाल छोडक़र बडख़ल क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।