फरीदाबाद (म.मो.) जनता को बेवकूफ बनाने के लिये जहां केन्द्र में मोदी सरकार वहीं हरियाणा में खट्टर सरकार जनहित कार्यों के नाम पर केवल कामों का उद्घाटन व शिलान्यास करते हैं। उक्त भाजपाई नेता नित नई-नई घोषणायें करने के साथ-साथ शिलान्यास कर किसी काम की शुरूआत का उद्घाटन भी करते रहते हैं। इन नेताओं का मानना है कि ऐसा करने से जनता को लगेगा कि सरकार उन के लिये लगातार दिन-रात काम करके उन्हें सुविधायें देने में प्रयासरत है। लेकिन अब जनता इतनी बेवकूफ नहीं रह गयी है, उसने समझ लिया है कि इन्होंने करना-कराना कुछ नहीं केवल झांसेबाज़ी करते रहना है।
करीब तीन साल पहले विपुल गोयल ने बतौर मंत्री सेक्टर 10-11 की विभाजक सड़क के काम का उद्घाटन किया था जो सेक्टर सात को कचहरी एवं लघु सचिवालय से जोड़ती है। पूरी तरह से जर्जर हो चुकी इस सड़क से गुजरने वाले वाहन तो खडख़ड़ा ही जाते हैं, धूल भी बेशुमार उड़ कर वायु प्रदूषित करती है। विपुल गोयल तो उद्घाटन करके अखबारों में फोटो छपवा कर फारिग हो लिये और घर जा बैठे। अब बारी आई उनके बाद विधायक बने नरेन्द्र गुप्ता की। करीब एक वर्ष पूर्व इन्होंने व केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर ने मिल कर फिर से तगड़ा उद्घाटन किया, दोनों ने नारियल फोड़े। अखबारों द्वारा फिर से सरकार व उसके मंत्रियों का यशोगान किया गया। लेकिन सड़क पर कोई काम शुरू नहीं हुआ। जनता ने जब थोड़ा बहुत मियाना शुरू किया तो नगर निगम द्वारा एक ठेकेदार को यह काम एलॉट कर दिया गया।
ठेकेदार ने काम पर अपना कब्ज़ा पक्का करने के नाम पर सेक्टर सात की ओर से करीब 200 मीटर सड़क को जेसीबी द्वारा खोद डाला और खोदने के बाद गायब हो गया। बीते करीब आठ माह से सड़क का वह हिस्सा खुदा पड़ा है। जाहिर है इसके परिणामस्वरूप जो जनता, पहले टूटी सड़क को भुगत रही थी अब उससे भी महरूम हो गयी। बहूत दुखी होने के बाद स्थानीय लोगों ने ही कुछ जुगाड़बाज़ी करके खुदी हुई सड़क के एक हिस्से को चलने लायक बनाया। शेष बची डेढ किलोमीटर सड़क ज्यों की त्यों जर्जर हालत में पड़ी जनता को मुंह चिढा रही है। यह तो एक छोटा सा उदाहरण मात्र है वरना शहर के हर हिस्से में नगर निगम के ऐसे कारनामे बिखरे पड़े हैं। प्याली चौक से हार्डवेयर चौक तक की बनने वाली सड़क भी उस क्षेत्र की जनता के जी का जंजाल बनी है।
इन तमाम छुट-मुट उद्घाटनों से कहीं बड़ा उद्घाटन 14 अगस्त 2014 को स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मंझावली पुल का किया गया था। साढ़े सात साल हो गये हैं लेकिन पुल के बन पाने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे; हां यदा-कदा कृष्णपाल गूजर उस पुल से जनता को होने वाले लाभ जरूर गिनवाते रहते हैं ताकि उस क्षेत्र की ज़मीनों के भाव बढ़ते रहें।