काली कमाई के बंटवारे को लेकर फौजी कैंटीन में सिर फुटव्वल

काली कमाई के बंटवारे को लेकर फौजी कैंटीन में सिर फुटव्वल
November 05 18:12 2023

फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)  गैर फौजी महिला को फौजी कैंटीन सौंप देने के चलते 28 अक्तूबर की रात को कर्मचारियों व सप्लायरों के बीच मारपीट व खून खराबे की नौबत आ गई। कैंटीन को सामान सप्लाई करने वाली कंपनी के एजेंट राजेश ने केयरटेकर चौबे को मारपीट कर लहूलुहान कर डाला। बताया जा रहा है ये मारपीट कैंटीन में सप्लाई किए जाने वाले सामान के कमीशन की बंदरबांट मेें हुए विवाद के कारण हुई। कायदे कानून दरकिनार कर गैर फौजी महिला को मैनेजर बनाए जाने से कैंटीन में आम लोगों की दखल बढऩे और सेवानिवृत्त फौजियों के हक मारे जाने की आशंका जाहिर करते हुए मज़दूर मोर्चा 1-7 अक्तूबर के अंक में खबर प्रकाशित कर चुका है।

हर फौजी कैंटीन की तरह यहां प्रत्येक महीने के अंतिम तीन दिनों में स्टॉक टेकिंग की मीटिंग होती है। 28 अक्तूबर की रात को भी स्टॉक टेकिंग मीटिंग हो रही थी। बताया जाता है कि रात कैंटीन में आपूर्ति के लिए विदेशी शराब, ग्रोसरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सूटकेस, कार, फ्रिज, ओवन, साथ ही फऱीदाबाद के बाहर की फ़ैक्टरियों व गोदामों से माल लेकर आए ट्रक खड़े थे। इस सामान के कमीशन के रूप में आए कैश के अलावा ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की काला बाज़ारी, बिना ओपन टेंडर के क्विंटल के हिसाब से पैकिंग के गत्ते बेचने से आई नकदी, कैंटीन परिसर मेंं सडक़ बनाने व अन्य निर्माण कार्यों और स्कूटर के वेंडर्स के कमीशन की बंदरबांट हो रही थी।

मीटिंग में सूटकेस व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने वाली कंपनी का एजेंट राजेश भी शामिल था। यहां ये बताना आवश्यक है की प्राइवेट कंपनी का कोई भी व्यक्ति या ग़ैर फ़ौजी नुमाइंदा कैंटीन में दाखिले का क़तई हक़दार नहीं होता लेकिन कई बड़े सप्लायरों के ऐजेंटों पर मधु चौहान की विशेष कृपा रहती है क्योंकि उनसे एक मुश्त व बड़ी रक़म मिलती है। रात में हो रही इस मीटिंग व जश्न में राजेश के अलावा इसमें कैंटीन के दिन का केयर टेकर चौबे, (जिसकी सिफऱ् दिन ड्यूटी होती है) रात का केयर टेकर सन्नी ( जिसकी सिफऱ् रात ड्यूटी होती है) व सारे बंदरबांट का हिसाब रखने वाले कैंटीन का अकाउंटेंट सुखबीर, कैंटीन मैनेजर मधु चौहान के नुमाइंदे के रूप में मौजूद था। ये बड़े आश्चर्य की बात है की मधु चौहान ने अकाउंटेंट सुखबीर को रात में कैंटीन के कंपाउंड में ही रहने की इज्जाज़त दे रखी है। मुर्गे-शराब का दौर चल रहा था।

हमेशा की भांति डील फाइनल होने पर अकाउंटेंट सुखबीर ने मधु चौहान को फ़ोन करके अपना हिस्सा लेने को बुलाया। रात करीब साढ़े आठ बजे वह अपने छोटे भाई के साथ कैंटीन पहुंची तो हक्क़ा- बक्का रह गई, देखा कि सप्लायर राजेश ने दिन के केयर टेकर चौबे को मारकर उसका खून निकाल दिया है और रात का केयर टेकर सन्नी व अकाउंटेंट सुखबीर मौक़े से ग़ायब थे।

छोटी छोटी बात पर 112 पर फ़ोन करके वयोवृद्ध पूर्व सैनिकों को कैंटीन के कंपाउंड से उठवाकर बाहर कराने वाली मधु चौहान ने इस मामले की पुलिस में कोई रिपोर्ट नहीं की और बिना हिसाब किए पैसे लेकर तुरंत चंपत हो गई। इस बार मामला इसलिए बिगड़ा क्योंकि अकाउंटेंट सुखबीर ने मीटिंग में बताया की इस बार मधु चौहान को ज़्यादा हिस्सा देना पड़ेगा क्योंकि उसकी नौकरी पर तलवार लटक रही है। इसलिए अपनी नौकरी बचाने की एवज़् में उसे दिल्ली में पदस्थ अधिकारी को एक बड़ी रक़म देनी पड़ेगी। साथ ही लूट का एक बड़ा हिस्सा वादे के अनुसार एक सेवानिवृत्त कर्नल को भी देना है जिसने उसे फऱीदाबाद में ही रखने की गारंटी दीहै।

इस बात को लेकर एजेंट राजेश, चौबे व अकाउंटेंट सुखबीर में कहासुनी के बाद मारपीट हो गई। कैंटीन के आस पास स्थित गूजर भवन, पंजाबी भवन व शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में इस वारदात की आवाज़े सुनी गई व सेक्टर 16 के कम्युनिटी सेंटर से जा रहे कुछ लोग इसके प्रत्यक्षदर्शी रहे, बावजूद इसके इस घटना पर सबने चुप्पी साध रखी है।

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Mazdoor Morcha
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