काला को सफ़ेद करना, कला है, और व्यापार भी

काला को सफ़ेद करना, कला है, और व्यापार भी
July 27 18:25 2022

चंचल
नई पत्रकारिता का यही उसूल है । लाखों रुपए महीने के इन्हें पारिश्रमिक मिलता है , क्यों ? किस खूबी की चलते इसे इतनी क़ीमत दी जाती है ? रक़म आती कहाँ से है ? यह एक लम्बा खेल है । इनकी कमाई का एक ज़रिया है – ब्लैक मेलिंग ।

ब्लैकमेलिंग समाज में फैल चुकी चुलबुली बीमारी बन गयी है । यह केवल बड़े शहरों , बड़े घरानो या बड़े चैनलों द्वारा ही नही खेला जा रहा है। अब तो गाँव गाँव ऐसे पत्रकार हो गये हैं , – “कुछ दो, नही तो” बायरल ” कर देंगे ।” ठीक वैैसे ही जैसे जी न्यूज़ के ऐंकर सम्पादक सुधीर चौधरी ने उद्योगपति जिंदल से सौ करोड़ की माँग , एक खबर न छापने के लिए की। जिंदल अड़ गया , सुधीर चौधरी जेल चले गये । वही सुधीर चौधरी जिसे जी से हटाया गया , उनका काम है वे जाने , अब आ गया आज तक पर ।

दिल्ली है , खबरें बनती बाद में हैं , उड़ा दी जाती हैं पहले । ख़ाली बैठे निठल्ले दर्शकों में फैलाया गया – अब देखना मज़ा। छा जायगा आज तक । एक पत्रकार हैं , हालात को सामने रख कर , खुद रिटायर हो लिए हैं , बोले – “गांगा जमुना” (फिल्म) में कन्हैया लाल को जब कुकुर दौड़ाता है तो कन्हैया लाल धोती सम्भालते हुए बोलते हैं – एक मोती बाबू (ज़ालिम ज़मींदार) कम थे? ससुरा तुम भी इसी में !

बहरहाल ! हम इस ऐंकर , एंकरानियों से दूर जा चुके हैं , यक़ीन मानिए नही देखता नही सुनता । कल हमे बताया गया कि यह सुधीर चौधरी अब नया कार्यक्रम ले कर आया है । बात टल गयी । आज तक चैनल के इस सुधीर चौधरी कार्यक्रम का नाम पाकिस्तान के मशहूर और मक़बूल पत्रकार हसन निसार के कार्यक्रम “ब्लैक ऐंड ह्वाइट” की हू ब हू नक़ल है । बस भाषा बदली है ।

हमे हंसी आयी , चोला बदल लेने से गीदड़ शेर नही बन जाता । हसन निसार उन पत्रकारों में गिने जाते हैं जो अपनी बेबाक़ी और साफग़ोई के लिए मशहूर हैं , और अपनी सरकार की खुल कर आलोचना करते हैं ।

ये चैनल , ये ऐंकर वही हैं जो टांग और लुंगी देख कर , किसी भी राहगीर को पाकिस्तानी बना देते हैं , टुकड़े टुकड़े गैंग, वग़ैरह चीखने लगते हैं । हसन निसार में तो ब्लैक ऐंड ह्वाइट नाम रखा है, इसे ह्वाइट की जगह मेल कर देते , कम से कम पत्रकारिता तो पारदर्शी हो जाती ।

उनका एक और मशहूर कार्यक्रम है – LOOSE TALK  अनवर मक़सूद और मोईन अख़्तर का । नाम तो ले लोगे लेकिन हसन निसार, अनवर मक़सूद और मोईन अख़्तर का जज़्बा , उनका ज्ञान , उनकी प्रस्तुति कहा से लाओगे ? आज यही “ब्लैक ऐंड ह्वाइट “का पोस्टर JNU कैंपस में मिला होता तो ?

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Mazdoor Morcha
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