जिला नेग्लिजेंस बोर्ड फरीदाबाद उल्लंघनकर्ताओं का बना संरक्षक: पीडि़तों को न्याय नहीं

जिला नेग्लिजेंस बोर्ड फरीदाबाद उल्लंघनकर्ताओं का बना संरक्षक: पीडि़तों को न्याय नहीं
April 02 17:13 2023

रीदाबाद मज़दूर मोर्चा जिला नेग्लिजेंस बोर्ड फरीदाबाद अयोग्य सिविल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता की देखरेख में उल्लंघनकर्ताओं की मिलीभगत से सभी प्रोटोकॉल और नैतिकता का उल्लंघन कर रहा है जो दो मामलों में साबित हुआ है: चिकित्सीय लापरवाही की शिकायत के मामले 79/2021 मेंं बोर्ड ने खुद को जांच में अक्षम करार देते हुए इसे जांच के लिए पीजीआईएमएस रोहतक स्थानांतरित कर दिया। पीजीआई बोर्ड द्वारा लापरवाही के दोषी के सत्यापन के बाद खुद को अक्षम कहने वाला यह बोर्ड पीजीआईएमएस रोहतक के विरोध में अपनी राय दे रहा है तथा उल्लंघन करने वाले अस्पतालों को सरंक्षण दे रहा है।

चिकित्सीय लापरवाही के दूसरे मामले 142/2022 में इसी बोर्ड का कहना है कि जिला नेग्लिजेंस बोर्ड पीजीआईएमएस रोहतक की रिपोर्ट पर अपनी राय देने में सक्षम नहीं है क्योंकि पीजीआईएमएस जिला नेग्लिजेंस बोर्ड से एक उच्च स्तरीय बोर्ड है। इसलिए इस मामले में पीजीआई की रिपोर्ट ही मान्य रहेगी।

दो अलग-अलग चिकित्सा लापरवाही मामलों की जांच में दो अलग-अलग मापदंड तथा मानक कैसे हो सकते हैं?
स्पष्ट है कि जिला नेग्लिजेंस बोर्ड निजी स्वार्थों और उल्लंघन करने वालों से मिलीभगत के चलते अपनी सुविधा अनुसार मनमानी रिपोर्ट पेश कर रहा है।
आरटीआई से प्राप्त आंकड़े भी इस बोर्ड के निकम्मेपन तथा पक्षपूर्ण कार्यप्रणाली पर अपनी मोहर लगा रहे हैं।
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बोर्ड के पास जनवरी 2018 से नवंबर 2021 तक कुल प्राप्त 88 शिकायतों में किसी को भी दोषी नहीं पाया गया तथा किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जनवरी 2022 से अगस्त 2022 के मध्य प्राप्त 28 शिकायतों में केवल 3 दोषी पाए गए। आरटीआई के इन आंकड़ों के मद्देनजर कुल 116 प्राप्त शिकायतों में केवल 3 दोषी पाए गए और उन पर क्या कार्रवाई की गई यह भी स्पष्ट नहीं है। बोर्ड की इस कार्यशैली के कारण पीडि़त शिकायतकर्ता न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
अगर महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं पंचकूला भी इस मिलीभगत में खुद शामिल नहीं है तो उसे जिला नेग्लिजेंस बोर्ड फरीदाबाद कीइस कार्यशैली का संज्ञान लेना चाहिए। यह बोर्ड सभी चिकित्सा लापरवाही की शिकायतों से निपटने के लिए निरंकुश होकर निर्धारित प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के पक्ष में निर्णय दे रहा है।
मुख्य सचिव हरियाणा को तुरंत सिविल सर्जन फरीदाबाद (डॉ. विनय गुप्ता इस बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते) से स्पष्टीकरण तलब करना चाहिए और व्यापक जनहित में और इस बोर्ड से संपर्क करने वाले चिकित्सा पीडि़तों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

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Mazdoor Morcha
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