जरूरतमंदों को लूट रहा ब्याज माफिया

जरूरतमंदों को लूट रहा ब्याज माफिया
April 23 16:01 2023

60 से 120 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से वसूलते हैं सूद साहूकार अधिनियम के तहत अधिकतम 24 प्रतिशत सालाना ही ले सकते हैं ब्याज
रीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) कामगारों के शहर फरीदाबाद में ब्याज माफिया ने आतंक मचा रखा है। जरूरतमंद को पांच से दस प्रतिशत प्रति माह ब्याज पर छोटी-मोटी रकम देकर यह माफिया उनसे मूल धन का कई गुना अधिक वसूल लेता है, यदि धन देने में थोड़ी देर हुई तो रकम लेने वाले का घर, जमीन भी कब्जा कर लेता है। मध्यमवर्गीय लोगों से ब्लैंक चेक लेकर उन्हें ब्लैकमेल कर मूल से कई गुना अधिक रकम ऐंठने के बाद भी उन्हें परेशान करता है। एडवोकेट शिव कुमार जोशी ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर लोगों को आतंकित कर लूटने वाले ब्याज माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

एसजीएम नगर निवासी 68 वर्षीय राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने सूदखोरी का काम करने वाले यशपाल बवेजा से मार्च 2016 में दो लाख रुपये लिए थे। यशपाल ने उनसे सिक्योरिटी के नाम पर पंद्रह ब्लैंक चेक लिए थे। उनका आरोप है कि यशपाल ब्लैंक चेक में बड़ी रकम भरने की धमकी देकर अभी तक उनसे 7,67,400 रुपये वसूल चुका है। चेक भी नहीं लौटा रहा है। उन्होंने एसजीएम नगर थाने में शिकायत दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यशपाल की पत्नी मोनिका भी सूदखोरी का काम करती है। मोनिका ने एसजीएम नगर निवासी पूजा को सात महीने पहले बीस हजार रुपये पांच प्रतिशत प्रतिमाह के ब्याज पर उधार दिए थे। उससे ब्लैंक चेक लेकर मोनिका ने साढ़े चार लाख रुपये भर कर बैंक में लगा दिए। खाते में रुपये नहीं होने के कारण चेक डिसऑनर हो गया, अब मोनिका पूजा को धमकियां दे रही है। पीडि़ता ने भी एसजीएम नगर थाने में शिकायती पत्र दिया लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

सेक्टर 23 निवासी सरदार वीरेंद्र सिंह ने सूदखोर संजीव से 2014 में 1.90 लाख रुपये चार प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज पर उधार लिए थे। वीरेंद्र सिंह के मुताबिक वह संजीव को अभी तक करीब दस लाख रुपये दे चुके हैं बावजूद इसके वह ब्लैंक चेक नहीं लौटा रहा और घर बिकवाने, परिवार का सुख-चैन छीनने की धमकी देकर और पैसों की मांग कर रहा है। उन्होंने मुजेसर थाने में मार्च में शिकायत दी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

एडवोकेट शिव कुमार जोशी के मुताबिक ब्याज माफिया ब्लैंक चेक लेकर उधार दी गई रकम से कई गुना ज्यादा रकम उसमें भरते हैं। कानून की नजर में यह दस्तावेज में फर्जीवाड़ा करना और धोखाधड़ी है। रुपये ऐंठने के लिए धमकी देना भी अपराध है। यह गैर जमानती अपराध हैं और इनमें सात से दस साल की सजा का प्रावधान है। वह आश्चर्य जताते हैं कि इतने संगीन जुर्म के बावजूद पुलिस ब्याज माफिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती? उन्होंने पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर ब्याज माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर आम जनता को राहत दिलाने की मांग की है। संदर्भवश सुधी पाठक जान लें ब्याज का कारोबार करने के लिए भारत सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। बिना लाइसेंस के यह अवैध कारोबार स्थानीय प्रशासन और पुलिस से मिलीभगत के बगैर नहीं चल सकता।

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Mazdoor Morcha
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