मजदूर मोर्चा ब्यूरो धर्म के नाम पर पाखंड का खेल खेलने में माहिर यूपी के भाजपाई मुख्यमंत्री ठाकुर अजय सिंह बिष्ट ने दीवाली के अवसर पर भगवान को प्रसन्न करने के नाम पर 25 लाख दीये जलाने का विश्व रिकार्ड बना डाला, मजे की बात तो यह है कि इस मुकाबले में दूसरा कोई प्रतियोगी नहीं है। जाहिर है इसके लिये करदाता से वसूले गये टैक्स में से करोड़ों रुपये कुछ ही क्षणों में स्वाहा कर दिया गया। मूर्ख जनता को धर्म की अफीम चटाने में सहूलियत रहे, इसके लिये अजय बिष्ट ने न केवल अपना नाम तक बदल डाला बल्कि बाणा भी ऐसा धारण किया कि अंधविश्वासी जनता उनके चंगुल में आसानी से फंसती चली जाए।
पाखंडी गिरोह जिस भगवान को सृष्टि का निर्माता बताता है उसी के रहने के लिये मंदिर के रूप में हजारों करोड़ का और बनवा रहे हैं। यही एक मात्र घर नहीं, देश भर में न जाने कितने छोटे बड़े घर भगवान के रहने के लिये पाखंडियों द्वारा लगातार बनाये जाते रहे हैं।
दरअसल भगवान के लिए घर बनाने का यह सिलसिला लूट कमाई का अच्छा खासा स्रोत है। हो भी क्यों न जब सरकारी भवन निर्माण में 50 प्रतीत तक का घोटाला हो जाता है तो भगवान के घर बनाने में तो चाहे जितना मर्जी घोटाले कर लो, यहां कौन सा ‘कैग’ ने आडिट करना है।
दीवाली के दीये जलाने हों अथवा पूजा अर्चना के नाम पर करोड़ों खर्च करने हों तो पाखंडियों की सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं होती। धनाभाव केवल वहां हो जाता है जहां जनकल्याण की बात हो। गरीब जनता की शिक्षा और चिकित्सा के लिये सरकार के पास सदैव धनाभाव बना रहता है। इसी के चलते देश की जनता को लगातार गरीबी की ओर धकेला जा रहा है।
गरीबी के बढ़ते स्तर के कारण पेट की ज्वाला इतनी बढ़ चुकी है कि उसे शान्त करने के लिये तेल को दीयों में जलाने की अपेक्षा उसे अपने पेट के लिये संजोना चाहते हैं। चित्र में जहां एक ओर थानेदार दीयों में जल रहे तेल की रखवाली कर रहा है वहीं दूसरी ओर गरीब महिला किसी भी तरह उन दीयों के तेल को पाने के लिये जुगत लगा रही है। गरीबी के चलते उसकी श्रद्धा धार्मिक पाखंड की अपेक्षा अपने पेट के प्रति अधिक प्रतीत होती है।