जलसंकट पैदा करने वाली सरकार ने प्यादे अदलखा को अपने पक्ष में नौटंकी करने उतारा

जलसंकट पैदा करने वाली सरकार ने प्यादे अदलखा को अपने पक्ष में नौटंकी करने उतारा
June 23 14:08 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) खट्टर की मूंछ के बाल एवं हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में पांच करोड़ रुपये गबन के साथ कई अन्य घोटालों में लिप्त धनेश अदलखा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वो सेक्टर 10 और 11 में पेयजल आपूर्ति केवल सुबह किए जाने पर एफएमडीए के जेई अनीश और एक्सईएन विशाल को फोन पर डांटने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने अपने इस महान कार्य को दैनिक जागरण में प्रकाशित करवाने की नीयत से एक पत्रकार को भेजा, बताया जाता है कि वो जागरण को अलविदा हो चुके हैं इसलिए उन्होंने यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपने जोगिया अकाउंट से शेयर कर दिया। कैप्शन दिया ‘अफसर कर रहे हैं सरकार को बदनाम, निवर्तमान पार्षद धनेश अदलखा ने जब एफएमडीए के एक्सईएन को हडक़ाया तो शुरू हो गई सेक्टर 10 और 11 में पानी आपूर्ति।’

धनेश अदलखा दस साल से भाजपा सरकार का अंग है, उसे अच्छी तरह मालूम है कि शहर को पर्याप्त आपूर्ति के लिए रोजाना कम से कम 350 (मिलियन लीटर डेली) एमएलडी पानी की आवश्यकता है। दस साल पार्षद रहते हुए उन्हें शहर की तो छोड़ो अपने वार्ड की जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त कराने की सुध नहीं आई, तब तो कृष्ण पाल गूजर की मिलीभगत से फाइनेंस कमेटी का मेंबर होने नाते नगर निगम को लूटने में लगे रहे।

निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने भी विकास कार्यो के नाम पर दो सौ करोड़ का घोटाला कर डाला और हिस्सा पत्ती मिलने के कारण किसी जन प्रतिनिधि ने आपत्ति नहीं की। लूट कमाई के चक्कर में जल संसाधन घटते चले गए। वर्तमान में हाल ये है कि महज 160 से 190 एमएलडी यानी जरूरत का आधा पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है। इसी पानी को सारी जनता तक पहुंचाने के लिए अधिकतर इलाकों में जलापूर्ति एक समय कर दी गई है।

पानी की कमी केवल सेक्टर 10 और 11 में नहीं बल्कि पूरे शहर में जबरदस्त है। धनेश अदलखा ने दोनों समय पानी देने को कहा तो एफएमडीए के एक्सईएन ने स्पष्ट कर दिया कि अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना होता है इसलिए सभी जगह एक समय ही जलापूर्ति की जाएगी। अदलखा ने मुख्यमंत्री को संबोधित कर एक्सईएन पर दबाव बनाना चाहा लेकिन उसने फिर वही बात दोहराई कि गर्मी बहुत अधिक है और अंतिम छोर तक सबको पानी पहुंचाना है इसलिए यह व्यवस्था की गई है। कोई फर्क नहीं पड़ता देख धमकी दी कि अगर आप चाहते हो कि हम सरकार छोड़ कर धरने पर बैठ जाएं तो हम वो भी करेंगे।

अदलखा जी जनता को मूर्ख मत समझिए, सबको मालूम है कि दस साल से आप सरकार में हैं और हर साल गर्मी में पानी के लिए जनता त्राहि-त्राहि करती है, यदि धरना देना चाहते हैं तो उसमें जनता को ये जरूर बताइएगा कि दस साल में आपने और आपकी सरकार ने फरीदाबाद मेें पेयजल समस्या दूर करने के लिए क्या किया, और जो किया वो धरातल पर नजर क्यों नहीं आता? आप तो सरकार की पीठ पर लदे प्यादे हैं तो केवल सेक्टर 10 और 11 की जनता के लिए ही दो समय पानी देने की मांग क्यों कर रहे हैं, आपको तो पूरे शहर के लिए दो समय पानी देने की मांग करनी चाहिए थी।

दरअसल, आप की नीयत भी पानी की पर्याप्त आपूर्ति कराने की नहीं है, आप तो अधिकारियों को सोशल मीडिया पर ऑनलाइन हडक़ा कर जनता के बीच अपनी छवि चमकाने में जुटे हैं, अगर आपकी नीयत होती तो सरकार होने के नाते गर्मी आने से पहले ही कम से कम 350 एमएलडी पानी की आपूर्ति का बंदोबस्त कराते। आपको भी मालूम है कि जनता काम कराने से नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर प्रोपगंडा करने या काम का ढिंढोरा पीटने भर से ही वोट दे देती है, इसीलिए आप उसमें जी जान से जुटे हैं और आपके चंद टुकड़ों पर पलने वाले गोदी पत्रकार आपकी वाहवाही के कसीदे गढऩे लगते हैं।

ये भी समझना जरूरी है कि सरकार ने अपने नाकारा लेकिन खाऊ कमाऊ अधिकारियों की लूट कमाई के लिए एफएमडीए बना डाला, जिसका काम छोटे छोटे काम के लिए भी कई करोड़ का प्रोजेक्ट बनाने और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की तरह डकारने का ही नजर आता है। इस एफएमडीए के पास बीते कई साल से रैनीवेल और अच्छे बूस्टर हैं। बीते तीन चार साल में एफएमडीए ने पानी आपूर्ति व्यवस्था सुधारने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर डाले लेकिन आपूर्ति घट कर महज 160 से 190 एमएलडी ही रह गई है। धनेश अदलखा तो खैर ड्रामा कर रहा था लेकिन पानी नहीं मिलने के लिए एफएमडीए और नगर निगम तो सवालों के घेरे में आते ही हैं। नगर निगम के मुकाबले एफएमडीए इसलिए बनाया गया है कि दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहें और सरकार इन दोनों के बीच में अंपायर बनी रहे। सच्चाई ये है कि चाहे नगर निगम हो या एफएमडीए सभी जगह सरकार ने संघ-भाजपा के चहेते लेकिन भ्रष्ट व निकम्मे अधिकारियों को बैठा रखा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्या होगी समझा जा सकता है, पानी की समस्या से जूझ रही जनता तो नेताओं के झूठे आश्वासन से ही अपनी प्यास बुझाती रहेगी।

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Mazdoor Morcha
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