जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को सजा मिलने के हों इंतजाम

जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को सजा मिलने के हों इंतजाम
September 11 15:55 2022

करनाल। चिन्हित व जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए अभियोजन पक्ष और जांच अधिकारी की ओर से कोई कमी न रहे तथा ऐसे मामलो में गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहनी चाहिए। यह बात चिन्हित अपराधों की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन एवं उपायुक्त अनीश यादव ने कमेटी की मासिक बैठक में समीक्षा के दौरान कही। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया के अतिरिक्त, जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी, सहायक जिला न्यायवादी बृज मोहन व जिला जेल के उप अधीक्षक अशोक काम्बोज मौजूद थे। उपायुक्त ने कहा कि जिला में चिन्हित अपराधों को लेकर हर मास बैठक कर मंथन किया जाता है, ताकि संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों का हर हाल में सजा दिलवाई जा सके। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है, जिसमें एक न्याय प्रक्रिया से अपराधियों को सजा दी जाती है, यानी समझौता से अपराधियों को छोड़ देने का कोई कानून नहीं है। इसलिए संगीन अपराधों में एफएसएल रिपोर्ट तथा न्यायालय में चालान दाखिल करने से पहले उसे अच्छी तरह देखने पर जोर दिया जाता है। संगीन अपराधों में शामिल व्यक्ति बरी न हो, इसे लेकर जांच अधिकारी और पब्लिक प्रोसिक्यूटर को केस की अच्छे से स्टडी करने के लिए कहा जाता है। यही नहीं किसी भी अपराध से जुड़े गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जाता है, ताकि वह न्यायालय में जाकर बिना किसी भय के गवाही दे सके।

उन्होंने आज की बैठक में आपराधिक मामलों का स्टेटस जाना और जिन मुकदमों में अपराधी बरी हुए, उनको एग्जामिन किया। चिहिन्त व जघन्य अपराधों में, पुलिस अधीक्षक और जिला न्यायवादी को अधिक से अधिक वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ पीडि़त व चश्मदीद गवाहों की गवाही जल्द से जल्द करवाने के निर्देश दिए। गम्भीर अपराधों के मामले में उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से कहा कि ऐसे केसों की अच्छे से सुपरवीजन बनी रहनी चाहिए। जिला न्यायवादी को गम्भीर अपराधों में अदालती मामलो की मॉनिटरिंग करने को कहा। उन्होंने चिहिन्त अपराधों के मामलों पर चर्चा की और उनका स्टेटस जाना। जिला न्यायवादी डॉ.पंकज सैनी ने उपायुक्त को बताया कि सभी मामलो की उचित ढंग से पैरवी की जाती है। गवाहों को कहा जाता है कि वे निडऱता से ब्यान दें, फिर भी कई मामले न्यायालय में जाकर प्रतिरोधी हो जाते हैं। उन्होंने न्यायालय में पैंडिंग व निपट गए मामलो की अगस्त 2022 तक की समेकित डायरी रिपोर्ट भी उपायुक्त को प्रस्तुत की।

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Mazdoor Morcha
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