इवेंटजीवी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए गरीबों को दहशत फैला कर भेजा गया

इवेंटजीवी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए गरीबों को दहशत फैला कर भेजा गया
March 18 06:06 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) देश के सारे विकास कार्यों का श्रेय खुद लेने वाले इवेंटजीवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपाई और गोदी मीडिया भले ही बड़ा नेता बताए, आम जनता उन्हें नहीं पसंद करती है। यही कारण है कि मोदी के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए गरीबों, मज़दूरों को या तो पैसे की लालच दी जाती है या फिर रैली में शामिल नहीं होने पर उनकी झुग्गियां उजाडऩे की धमकी दी जाती है। इस काम में भाजपाइयों का साथ प्रशासन भी पूरी शिद्दत से निभाता है। 12 मार्च को गुडग़ांव में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए फरीदाबाद के भाजपा नेता और प्रशासन ने दस दिन पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए सेक्टर 21 सी झुग्गी वासियों को निशाना बनाया गया। उनमें झुग्गियां तोड़े जाने की दहशत फैलाई गई और प्रधानमंत्री की रैली में शामिल होने पर बख्शने के नाम पर ब्लैकमेल किया गया।

सेक्टर 21 सी में अरावली पहाडिय़ों की गोद में बसी करीब बीस मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में घरेलू सहायक-सहायिका के रूप में काम करने वाले करीब पचास परिवार आसपास ही सडक़ किनारे झुग्गी-झोपडिय़ां बना कर रहते हैं। क्योंकि फ्लैट मालिकों को ये घरेलू सहायिकाएं सुबह छह बजे की चाय बनाने से लेकर रात का भोजन समाप्त होने के बाद बर्तन धोने के लिए हर समय उपलब्ध रहती हैं, पुरुष सफाईकर्मी, कार धुलाई, कपड़े धोने प्रेस करने जैसी सेवाएं देने के लिए उपलब्ध रहते हैं इसीलिए उनकी झुग्गियों को इन लोगों का मूक समर्थन मिला हुआ है। यानी सोसायटी वाले इन झुग्गियों को हटाए जाने की मांग नहीं करते।

बावजूद इसके करीब दस दिन पूर्व नगर निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता जेसीबी-बुलडोजर लेकर पहुंच गया। गरीबों को बताया गया कि झुग्गियां अवैध हैं, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए सभी तोड़ी जाएंगी। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार तोडफ़ोड़ दस्ता कोई कार्रवाई करने नहीं बल्कि झुग्गीवासियों में दहशत पैदा करने के लिए भेजा गया था। परेशान परिवारों ने घर बचाने के लिए स्थानीय नेताओं से संपर्क करना शुरू किया। इस पर भाजपा का एक छुटभैया नेता पंकज मौके पर पहुंचा। आशियाना टूटने की दहशत में डूबे गरीब परिवार पंकज की मिन्नत चिरौरी करने लगे। पंकज को मालूम था कि कार्रवाई तो होनी नहीं है इसलिए डींगें हांकने लगा कि चलो आज मैं कार्रवाई रुकवा दे रहा हूं लेकिन भविष्य में तोडफ़ोड़ होगी। झुग्गीवासी उसकी चाल नहीं समझ सके और मसीहा मानते हुए उसकी हर बात मानने की दुहाई देने लगे। पंकज के इशारे पर बुलडोजर और दस्ता लौट गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 12 मार्च को गुडग़ांव में द्वारका एक्सप्रेस वे उद्घाटन का कार्यक्रम था। कार्यक्रम में आसपास के जिलों से भीड़ जुटाने का जिम्मा भाजपाइयों को दिया गया था। अनखीर इलाके से दो बस भीड़ भेजने का जिम्मा पंकज पर था। घर बचाने के अहसान के नीचे दबे झुग्गीवासी गरीबों को पंकज ने गुडग़ांव जाने का फरमान सुना दिया। इन लोगों को मुफ्त आने जाने के साथ खाना और पांच सौ रुपये देने का प्रलोभन दिया गया। इस सबके बावजूद यहां से करीब पचास लोग ही जुट सके। दो बसें पूरी करने के लिए पंकज और उसके गुर्गों ने अनखीर चौक पर खड़े दिहाड़ी मज़दूरों को पांच सौ रुपये की दिहाड़ी देकर बस में चढ़ा कर रैली स्थल पहुंचा दिया। रैली से लौटे झुग्गीवासियों ने बताया कि उन्हें खाना तो दिया गया लेकिन पांच सौ रुपये नहीं दिए गए। झुग्गीवासी इसलिए पांच सौ रुपये की मांग नहीं कर सके कि कहीं नेताजी नाराज हो गए तो उनकी झुग्गियां न गिरवा दें।

चर्चा है कि महंगाई, बेरोजगारी, धार्मिक उन्माद से दुखी आम जन भाजपा से दूरी बना चुका है। लगातार झूठे दावे करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू भी टूट चुका है और उनकी रैलियों में भीड़ इकट्ठा  नहीं हो रही। ऐसे में मोदी और भाजपा अपना तिलिस्म दिखाने के लिए भीड़ जुटाने के लिए दहशत पैदा कर ब्लैकमेल करने, किराए पर भीड़ खरीदने के हथकंडे अपना रही है। भाजपाई भी ये अच्छी तरह जानते हैं कि रैलियों में दिखने वाली ये भीड़ उनका वोट नहीं है लेकिन इसके बहाने वो अंध भक्तों और फ्लोटिंग वोटरों को अपने पक्ष में करने का खेल खेल रहे हैं।

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Mazdoor Morcha
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