हिसार (म.मो.) सन् 2007 में दिल्ली से लाहौर को जाने वाली समझौता एक्सप्रेस को बम धमाके से उड़ाने की तफ्तीश ने सीबीआई को सहयोग न देने वाले, आरएसएस के बड़े नेता इंद्रेश ने हिसार के एक गांव राजली में भाषण देते हुए पाकिस्तान के दो बड़े शहरों-लाहौर व कराची को अपने कब्जे में लेने की बात कही। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की बढ़ती सफलता से बौखलाये तमाम संघियों की तरह परेशान इंद्रेश ने भी जनता का ध्यान भटकाने के लिये पाकिस्तान के विरुद्ध विष-वमन किया।
इनके पास शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महंगाई व देश की अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित कोई कार्यक्रम तो है नहंीं, इसलिये ले-दे कर इनके पास एक ही मुद्दा पाकिस्तान व मुसलमान का है। इस मुद्दे को लेकर इन्होंने जो नफरत व देश को तोडऩे वाले बीज बोये थे उनको राहुल की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा ने इस कदर पलीता लगा दिया है कि तमाम संघियों की सिट्टी-पिट्टी गुम है। इसी बौखलाहट के चलते वे भारत जोड़ो यात्रा को भारत तोड़ो बता रहे हैं। एक तर$फ तो ये उस अखंड भारत की बात करते हैं जिसमें समूचा पाकिस्तान व बांग्लादेश शामिल होगा। दूसरी ओर ये लोग 80 प्रतिशत हिन्दुओं को मात्र 20 प्रतिशत मुसलमानों से डराते हुए कहते हैं कि मोदी नहीं होंगे तो मुसलमानों से हिन्दुओं को कौन बचायेगा? यहां सवाल यह उठता है कि जब बांग्लादेश और पाकिस्तान भी अखंड भारत में मिल जायेंगे तो मोदी जी हिन्दुओं को कैसे बचा पायेंगे?
उन्होंने जोर देकर कहा कि कराची व लाहौर जीतने का अरमान हर भारतीय में होना चाहिये। क्यों होना चाहिये और कैसे होना चाहिये इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। केवल उक्त दो शहर ही क्यों पूरा पाकिस्तान ही क्यों नहीं? पाकिस्तान पर हर रोज गुर्राने वाले इन संघियों की चीन के सामने क्यों बोलती बंद हो जाती है? क्योंकि चीन की बढ़ती हुई सामरिक एवं आर्थिक शक्ति के सामने भारत कहीं नहीं टिकता।
जिस नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री को आजकल सपनों में भी राहुल गांधी नजर आ रहा है, उसे तीसरी बार भी प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा इंद्रेश ने प्रकट की। क्यों न करे, कहावत भी है कि बिल्ली को सपने में भी छिछड़े ही नज़र आते हैं।