हिंसक बनने और हिंसक दिखने की पूरी एक योजना

हिंसक बनने और हिंसक दिखने की पूरी एक योजना
July 27 08:02 2022

सत्येंद्र पीएस
एकाध भगवान बचे हुए थे जिनका हिंसक चेहरा भारतीय समाज में नहीं था। भगवान राम और हनुमान को भैंसे की बलि नहीं चढ़ती, बकरे का खून भी नहीं चढ़ाया जाता, शराब नहीं चढ़ाया जाता, मुर्गा, बत्तख नहीं चढ़ाया जाता, भांग धतूरा भी नहीं चढ़ता। लड्डू और फल फूल में खुश हो जाते हैं। शायद इसीलिए भगवान राम सबके दिलों में बसते थे, भले ही उनका कोई विशाल मंदिर नहीं था।

राम राम ताऊ, राम राम भैया, राम नाम सत्य है से बदलकर जय श्री राम हम लोगों के देखते देखते हुआ। हम लोगों के देखते देखते राम और हनुमान का चेहरा बदल दिया गया। और अब अशोक चिह्न भी! हो सकता है कि भगवान राम और हनुमान जी को भी तरकुलहा देवी की तरह बकरे का खून चढ़ाया जाने लगे, कामाख्या या पशुपतिनाथ की तरह भैंसे की बलि चढ़े, कोलकाता की काली माई की तरह बत्तख मुर्गा और बकरा चढऩे लगे या बनारस और दिल्ली के काल भैरव की तरह स्कॉच से लेकर देसी ठर्रा चढऩे लगे।

मन में कल से ही चल रहा था। इन्होंने भगवान राम और हनुमान को नहीं छोड़ा तो अशोक की लाट क्या है? नए भारत का स्वागत करें-
बाजीचा ए अत्फाल है दुनिया मेरे आगे होता है शबो रोज तमाशा मेरे आगे

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles