हरियाणा में आरएसएस की इमारत से आती है करप्शन की बदबू

हरियाणा में आरएसएस की इमारत से आती है करप्शन की बदबू
March 13 15:38 2021

पट्टीकल्याणा गांव में 150 करोड़ रुपये की लागत से बने सेंटर को चलाने पर हर महीने 40 लाख का खर्च

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

फरीदाबादः खुद को महान और महा ईमानदार बताने वाले फर्जी राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस के कई भवन भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े हैं। हरियाणा के पट्टीकल्याणा गांव में स्वयंसेवक राष्ट्रनिर्माण प्रयोगशाला इसकी ताजा मिसाल है। इसके पीछे हरियाणा के प्रांतीय संघ चालक पवन जिन्दल का दिमाग है। मजदूर मोर्चा इससे पहले भी पवन जिन्दल, उनके भाई मदन जिन्दल और परिवार के अन्य सदस्यों के फ्रॉड के बारे में विस्तार से खोजपूर्ण छाप चुका है।

देश के तमाम राज्यों में आरएसएस और भाजपा तेजी से अपनी अचल संपत्तियां खड़ी कर रहे हैं लेकिन आजतक किसी ने सवाल नहीं किया कि करोड़ों की जमीन और उन पर करोड़ों रुपये खर्च करके हो रहा भवन निर्माण के लिए पैसा कहां से आ रहा है।

150 करोड़ की प्रयोगशाला

…………………………….

दिल्ली से पानीपत के रास्ते में समालखा से पहले पट्टीकल्याणा गांव में 21 सितंबर 2018 को इस प्रयोगशाला का निर्माण शुरू हुआ था। 9 जून 2018 को सरसंघचालक मोहन भागवत ने यहां भूमि पूजन किया था। 150 करोड़ रुपये की लागत से 27 एकड़ में इस ‘सेवा साधना केंद्र’ को विकसित करने की जिम्मेदारी पवन जिंदल को दी गई थी। इस केंद्र के संचालन व रख रखाव पर हर महीने करीब 40 लाख रुपये का खर्च है। आरएसएस के पदाधिकारियों का दावा है कि 150 करोड़ रुपये चंदे के जरिए मिले और 40 लाख रुपये हर महीने का खर्च भी चंदे के जरिए पूरा किया जाता है।

आरएसएस में चूंकि तमाम रिटायर्ड अफसर और तमाम तरह का धंधा करने वाले व्यापारी भी स्वयंसेवक हैं तो 150 करोड़ रुपये और 40 लाख रुपये महीने के खर्च के लिए मिलने वाली राशि का पता लगा पाना आसान नहीं है। आरएसएस ने करीब 70-75 अनुषांगिक संगठन (फ्रंटल आर्गनाइजेशन) बना रखे हैं। पैसे का लेनदेन इन्हीं संगठनों के जरिए किया जाता है। यानी अगर कोई आरएसएस को पैसा दे रहा है तो उसकी रसीद आरएसएस के नाम पर नहीं मिलेगी। पट्टीकल्याणा में बनाए गए आऱएसएस के सेंटर का पैसा श्री माधव जन सेवा न्यास के जरिए लिया गया है। खूंखार किस्म के स्वयंसेवक तैयार करने वाले इस सेंटर पर सारा नियंत्रण आरएसएस का ही है लेकिन कथित चंदा श्री माधव जनसेवा न्यास के जरिए लिया गया। यह संघ से जुड़ा संगठन है। आरएसएस के पदाधिकारी भी इस जनसेवा न्यास को चलाते हैं।

इसे इस तरह समझें। इन दिनों राम मन्दिर के नाम पर तीसरी बार जो चंदा बटोरा जा रहा है, वह फिर से आरएसएस ही ले रहा है, लेकिन इस बार संगठन का नाम बदला हुआ है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का चंदा या आर्थिक मदद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम पर लिया जा रहा है। आरएसएस ने इससे पहले दो बार राम मंदिर के नाम पर चंदा दूसरे संगठनों के जरिए जमा किया था।

आरएसएस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पट्टीकल्याणा में बनी संघ की यह पहली प्रयोगशाला है जो राष्ट्रनिर्माण को समर्पित है। इसने आसपास के सौ गांवों को गोद लिया है। लेकिन इन गांवों में आरएसएस के प्रचारक गोसेवा का प्रचार करते घूमते हैं। गांव में वो सीधे-सीधे गोसेवा को धर्म से जोड़कर इसे दूसरे समुदाय द्वारा इसका वध किए जाने जैसा नफरत फैलाने वाला प्रचार करते हैं। इन गांवों में वे उन युवकों को आकर्षित करते हैं जो स्कूल-कॉलेजों से पढ़ाई छोड़ चुके हैं और जिनके पास कोई काम धंधा नहीं है। बड़ी तादाद में आसपास के युवकों को संघ की इस प्रयोगशाला में लाया गया है। आरएसएस का पट्टीकल्याणा प्रयोग अगर सफल रहा तो दो-तीन साल बाद राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक संघ ऐसे ही केंद्रों को विकसित करने का काम आगे बढ़ाएगा।

चंदे के विभिन्न माध्यम

……………………………..

आरएसएस ने पवन जिन्दल को इस सेंटर को विकसित करने की जिम्मेदारी खासतौर पर सौंपी है। पवन जिन्दल की हाई प्रोफाइल जिन्दगी पर बात करने से पहले ये जानिए कि 150 करोड़ रुपये कैसे जुटाए गए और हर महीने 40 लाख के खर्च का जुगाड़ किस तरह किया जाता है।

संघ के सूत्रों ने बताया कि 2019 में जब पवन जिन्दल की ड्यूटी मोहन भागवत ने लगाई तो भागवत ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को खास हिदायत की कि गुड़गांव-फरीदाबाद में खासतौर पर तमाम विभागों में जो नियुक्तियां होंगी, वो काम पवन जिन्दल देखेंगे। इसके बाद पवन जिन्दल के गुड़गांव आवास पर आईएएस-आईपीएस अफसरों की लाइन लग गई। ये लोग रिश्वत वाले पदों को पाने के लिए जाते थे और पवन जिन्दल की एक कॉल पर मनचाही पोस्टिंग मिल जाती थी। इसके बदले अफसरों को संघ के पट्टीकल्याणा सेंटर के लिए हर तरह का सहयोग करना पड़ता था। कभी यह सहयोग ईंटों के नाम पर, कभी सीमेन्ट के नाम पर, कभी अन्य सामग्री के नाम पर।

गुड़गांव में पुलिस कमिश्नर के.के. राव की नियुक्ति को लेकर तमाम तरह के विवाद सामने आए थे। बाद में पवन जिन्दल के कहने पर ही राव को गुड़गांव से हटाया गया। 2019 में फरीदाबाद में भी पुलिस कमिश्नरों से लेकर एसएचओ तक की तैनाती पवन जिन्दल के हिसाब से हुई।

कौन है पवन जिन्दल

…………………………

पट्टीकल्याणा में बने आरएसएस के सेंटर के सूत्रधार पवन जिन्दल की हाई प्रोफाइल जिन्दगी पर मजदूर मोर्चा 2019 में भी प्रकाश डाल चुका है। 2019 का समय ऐसा था, जब हरियाणा में अफसरों और रिश्तखोर कर्मचारियों के तबादलों का बाजार सबसे ज्यादा गर्म था। 2019 से पहले पवन जिन्दल की चर्चा सिर्फ हरियाणा भाजपा के टॉप रैंक और संघ में उच्च स्तर पर होती थी। लेकिन तबादलों का बाजार गर्म होने और जिन्दल परिवार के तमाम विवादों में आने के बाद संघ का यह हरियाणा चीफ पूरी तरह एक्सपोज हो गया। दरअसल, पवन जिन्दल को अपने भाई मदन जिन्दल की कारगुजारियों के चलते ज्यादा चर्चा मिली। आरोप है कि जिन्दल परिवार ने करीब 250 करोड़ रुपये गटक लिए। जिन्दल परिवार पजाब के नाभा का रहने वाला है, जहां इनके खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज है। बता दें कि जिन्दल पर ये एफआईआर पंजाब में कांग्रेस शासनकाल में नहीं बल्कि अकाली दल-भाजपा की सरकार के समय दर्ज हुई थी। इसके अलावा गुड़गांव में भी एफआईआऱ दर्ज हैं। जाहिर है कि भाजपा शासनकाल में हरियाणा में कोई कार्रवाई जिन्दल परिवार पर होना नामुमकिन है। गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर के पास ढेरों शिकायतें जिन्दल परिवार के खिलाफ पहुंची लेकिन पूरा पुलिस विभाग उस पर कुंडली मारकर बैठ गया।

एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े ओहदे पर काम कर चुके एक टेक्निकल इंजिनियर ने बताया कि वह पवन जिंदल के भाई ज्योति जिंदल के झांसे में आ कर अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी लुटवा चुका है । ज्योति जिंदल ने उसे अपनी कंपनी मैसर्ज जिंदल प्रीफैब प्रा. लिमिटेड में बराबर का हिस्सेदार बनाकर डायरेक्टर की कुर्सी देने का वायदा करके लगभग पांच करोड़ रूपये झटक लिये और बाद में उसे मारपीट कर कंपनी से भगा दिया ।

इन महाशय ने गुड़गांव के पुलिस कमीश्नर को 22/02/2019 को शिकायत करके ज्योति जिंदल , उनके बेटे कुणाल जिंदल और ज्योति जिंदल की पत्नी सबीना जिंदल के खिलाफ सबूतों के साथ लिखित में लंबी चौड़ी शिकायत की । इस शिकायत को पुलिस कमिश्नर के कार्यालय की डायरी में 471 नंबर पर दर्ज किया गया है । शिकायत के हिसाब से ज्योति जिंदल , सबीना जिंदल और कुणाल जिंदल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 465, 506 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज होना बनता है , लेकिन पुलिस कमिश्नर कार्यालय ने इस शिकायत पर कोई भी एक्शन नहीं लिया।

पवन जिंदल के एक भाई ओमप्रकाश जिंदल के खिलाफ पंजाब के नाभा (जिला पटियाला) में धोखाधड़ी से जमीन हड़पने का मुकदमा चल रहा है । ओमप्रकाश जिंदल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465,468,471 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज है । इन पर झूठा व फर्जी इकरारनामा तैयार करके धोखाधड़ी से जमीन का एक बड़ा टुकड़ा अपने नाम कराने का इल्जाम है। ओमप्रकाश जिंदल अभी भी पंजाब में रह रहे हैं ।

रोहतक से जुड़ा बीजेपी का एक बड़ा नेता भी कई शिकारों को जिंदल के पास भेजता रहा है । रोहतक के कई लोगों के करोड़ों रूपये जिंदल परिवार के पास फंसे हुए हैं। पर सरकार के निशाने पर आने से डर रहे ये लोग खुल कर सामने आने और जिंदल परिवार की पोल खोलने से कतरा रहे हैं ।

जिन्दल का पुश्तैनी काम फर्नीचर व्यवसाय रहा है। लेकिन यह धंधा बहुत पीछे छूट चुका है। उन्हें मारुति कार की सीट बनाने का काम मिला और गुड़गांव में जिन्दल ने फैक्ट्री लगा दी। इसके अलावा इंदौर, पटना, रायपुर आदि में जिन्दल की फैक्ट्रियां हैं। परिवार की एक महिला पर चेक बाउंस का केस दर्ज हुआ और उन पर फरार होने तक का आरोप लगा।

कई मंत्री और भाजपा के पावरफुल नेता, नामी उद्योगपति जिन्दल के गुड़गांव आवास पर चक्कर काटते देखे जा सकते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर का गुड़गांव प्रेम यूं ही नहीं है।

view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles